कंगना रनौत पर भड़के भूपेंद्र हुड‍्डा: बोले- देश की आजादी और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने वाली अभिनेत्री पद्मश्री की हकदार नहीं

कंगना रनौत पर भड़के भूपेंद्र हुड‍्डा: बोले- देश की आजादी और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने वाली अभिनेत्री पद्मश्री की हकदार नहीं

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रोहतक37 मिनट पहले

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कंगना रनौत पर भड़के भूपेंद्र हुड‍्डा: बोले- देश की आजादी और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने वाली अभिनेत्री पद्मश्री की हकदार नहीं

हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा हाल ही में पद्मश्री से पुरस्कृत अभिनेत्री कंगना रनौत पर भड़क गए। उन्होंने अभिनेत्री द्वारा देश की आजादी को लेकर दिए गए बयान की कड़े शब्दों में आलोचना की है। हुड्डा ने कहा कि किसी को भी देश की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।

आजादी के लिए संघर्ष के दौरान हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को अपमानित करने वाली अभिनेत्री कंगना को जो पद्मश्री पुरस्कार दिया गया है, उसे भी वापस लिया जाना चाहिए। दरअसल, अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक चैनल में इंटरव्यू के दौरान कहा था कि देश को आजादी भीख में मिली है, मगर असली आजादी 2014 के चुनाव परिणाम के दौरान मिली है।

पद्मश्री पुरुस्कार से सम्मानित होती अभिनेत्री कंगना रनौत।

पद्मश्री पुरुस्कार से सम्मानित होती अभिनेत्री कंगना रनौत।

शायद उन्होंने कभी स्वतंत्रता आंदोलन पढ़ा नहीं

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि वर्षों के संघर्ष और अनगिनत कुर्बानियों के बाद देश को स्वतंत्रता मिली है। जिन लोगों को लगता है कि देश को आजादी भीख में मिली है, उन्होंने शायद कभी स्वतंत्रता आंदोलन के बारे में पढ़ा ही नहीं है। महारानी लक्ष्मी बाई, मंगल पांडे, तात्यां टोपे से लेकर महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, खुदी राम बोस, सुभाष चंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, लाला लाजपत राय, मौलाना अबुल कलाम आजाद, अशफाक उल्ला खां समेत अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया। अपने प्राण तक न्योछावर कर दिए। तब कहीं जाकर भारत एक आजाद मुल्क बन पाया है।

मैं खुद एक स्वतंत्रता सेनानी परिवार से हूं

हुड्डा ने कहा कि वह खुद एक स्वतंत्रता सेनानी परिवार से हैं। उनके पिता स्वर्गीय चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों का अत्याचार सहा और कई बरस विभिन्न जेलों में गुजारे। अपने निजी और पारिवारिक लाभ-हानि व सुख को त्याग कर उन्होंने अपना सब कुछ स्वतंत्रता आंदोलन में झोंक दिया था। ऐसे कितने ही हजारों लाखों जाने अनजाने महान स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान ने अंग्रेजों को भारत छोड़कर भागने के लिए मजबूर किया

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