कंगना रनोट का कांग्रेस से सवाल: विंस्टन चर्चिल पर उनके अपराधों के लिए आजाद भारत की अदालतों में कभी मुकदमा क्यों नहीं चला?

कंगना रनोट का कांग्रेस से सवाल: विंस्टन चर्चिल पर उनके अपराधों के लिए आजाद भारत की अदालतों में कभी मुकदमा क्यों नहीं चला?

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6 घंटे पहले

एक्ट्रेस कंगना रनोट ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम वाले अपने बयान पर विवाद खड़ा करने वालों को फिर आड़े हाथ लिया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक लंबी पोस्ट शेयर कर बताया है कि वह अपनी बात पर कायम क्यों हैं?

उन्होंने कहा कि भारत में अंग्रेजों को उनके ‘अनगिनत अपराधों’ के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराना हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है। कंगना ने कांग्रेस से सवाल किया कि दूसरे विश्व युद्ध में ब्रिटिश PM रहे विंस्टन चर्चिल पर कभी भारत में मुकदमा क्यों नहीं चलाया गया।

कंगना ने बीबीसी द्वारा पब्लिश एक ओपिनियन पीस का स्क्रीनशॉट शेयर कर लिखा, “यह बीबीसी द्वारा 2015 में प्रकाशित एक लेख है, जिसमें तर्क दिया गया है कि ब्रिटेन भारत के लिए कोई प्रतिपूर्ति नहीं करता है। व्हाइट कॉलोनिस्ट या उनके हमदर्द इस दिन और इस उम्र में ऐसी बकवास से क्यों और किस तरह दूर हो सकते हैं?”

कंगना ने कांग्रेस पर साधा निशाना
कंगना ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, दूसरे विश्व युद्ध के बाद अंग्रेजों ने अपनी सुविधा के अनुसार भारत छोड़ दिया। विंस्टन चर्चिल को युद्ध के हीरो के रूप में सम्मानित किया गया। यह वही व्यक्ति था जो बंगाल में भुखमरी और आकाल के लिए जिम्मेदार था। क्या उनके अपराधों के लिए आजाद भारत की अदालतों में उनके खिलाफ केस चलाया गया? नहीं।

साइरिल रेडक्लिफ एक ऐसा गोरा (अंग्रेज व्यक्ति) जो कभी भारत नहीं आया था। उसे बंटवारा करने के लिए केवल पांच हफ्ते पहले भारत लाया गया था। अंग्रेजों द्वारा बंटवारे की जो शर्तें तय की गई थीं, उस कमेटी में कांग्रेस और मुस्लिम लीग दोनों के सदस्य थे। बंटवारे के समय लगभग 10 लाख लोग मारे गए। क्या उन दंगों में मरने वालों को आजादी मिली? क्या अंग्रेज या कांग्रेस उस नरसंहार के लिए जिम्मेदार नहीं थे, जिन्होंने बंटवारे की लाइन खींची थी?

पं.नेहरु का लेटर किया पोस्ट
एक लेटर है, जो हमारे पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 28 अप्रैल 1948 को ब्रिटिश सम्राट को लिखा था। इस लेटर में भारत के गवर्नर जनरल के रूप में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन गवर्नर की नियुक्ति के लिए ब्रिटिश स्वीकृति का अनुरोध किया गया था। यह लेटर मेरी पोस्ट की दूसरी इमेज में देखा जा सकता है। यदि ऐसा कोई लेटर मौजूद है, तो क्या आप मानते हैं कि कांग्रेस ने अंग्रेजों को उनके अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराने का प्रयास किया? यदि हां, तो कृपया बताएं कि मेरा कथन कैसे गलत है। स्वतंत्र भारत के लिए अपनी जान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को क्या पता था कि ब्रिटिश और हमारे राष्ट्र निर्माता अविभाजित भारत को दो हिस्सों में बांट देंगे, जिसके परिणामस्वरूप दस लाख लोगों का नरसंहार होगा? मैं यह कहकर अपनी बात समाप्त करना चाहती हूं कि यदि हम भारत में किए गए असंख्य अपराधों के लिए अंग्रेजों को जिम्मेदार नहीं ठहराते हैं, तब भी हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों का अनादर कर रहे हैं। जय हिंद।”

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