ओलिंपियनों के लिए CM मनोहर लाल का ऐलान: सिल्वर मेडल विनर रवि दहिया को मिलेंगे 4 करोड़ रुपए, क्लास-1 नौकरी और HSVP में प्लॉट; दोनों हॉकी खिलाड़यों को भी ढाई-ढाई करोड़, नौकरी और प्लॉट

ओलिंपियनों के लिए CM मनोहर लाल का ऐलान: सिल्वर मेडल विनर रवि दहिया को मिलेंगे 4 करोड़ रुपए, क्लास-1 नौकरी और HSVP में प्लॉट; दोनों हॉकी खिलाड़यों को भी ढाई-ढाई करोड़, नौकरी और प्लॉट

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करनाल2 घंटे पहले

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ओलिंपियनों के लिए CM मनोहर लाल का ऐलान: सिल्वर मेडल विनर रवि दहिया को मिलेंगे 4 करोड़ रुपए, क्लास-1 नौकरी और HSVP में प्लॉट; दोनों हॉकी खिलाड़यों को भी ढाई-ढाई करोड़, नौकरी और प्लॉट

टोक्यो ओलिंपिक में नाम चमकाने वाले हरियाणा के खिलाड़ियों के लिए प्रदेश सरकार ने बड़े ऐलान किए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि फाइनल मुकाबले में रवि दहिया बहुत ही अच्छा खेले। अंतिम मुकाबला था, दो खिलाड़ी थे। एक को जीतना था। ऐसे में हम भी जीते। पूरे देश-प्रदेश और खिलाड़ी रवि को बधाई हो। अच्छे प्रदर्शन के कारण ही रवि को रजत पदक मिला है। सरकार की तरफ से रवि दहिया को 4 करोड़ रुपए का इनाम दिया जाएगा। क्लास-1 में नौकरी दी जाएगी और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) में पूरे हरियाणा में जहां रवि चाहें 50 परसेंट कन्सेशन पर प्लॉट दिया जाएगा। रवि दहिया के गांव नाहरी के विश्वविद्यालय में आधुनिक सुविधाओं से लैस रेसलिंग का एक इनडोर स्टेडियम बनाया जाएगा। इसके अलावा हॉकी में ब्रॉन्ज जीतने वाली टीम में शामिल दोनों खिलाड़ियों सुरेंद्र पालड़ कुरुक्षेत्र के और सोनीपत के सुमित वाल्मीकि के लिए मनोहर लाल ने ढाई-ढाई करोड़ रुपए, खेल विभाग में नौकरी और कन्सेशनल रेट पर HSVP के प्लॉट देने का ऐलान किया है।

सुरेंद्र ने 6 साल की उम्र में पकड़ी स्टिक
कुरुक्षेत्र सेक्टर-8 में सुरेंद्र का परिवार रहता है। किसान मल्खान सिंह के पुत्र सुरेंद्र कुमार पालड़ ने मेहनत और लगन से टीम इंडिया में अपनी जगह बनाई। सुरेंद्र ने 6 साल की उम्र से ही अपने हॉकी जीवन की शुरुआत की। पहली स्कूली नेशनल प्रतियोगिता से अपना जीवन शुरू करने वाले सुरेंद्र का चयन अब टोक्यो ओलिंपिक 2021 के लिए भारतीय सीनियर हॉकी टीम के लिए हुआ है।

हॉकी के लिए करनाल से कुरुक्षेत्र शिफ्ट हुआ
मूलरूप से उनका परिवार करनाल के बारान गांव का है, लेकिन सुरेंद्र के हॉकी के प्रति जुनून को देखते हुए परिवार यहां शिफ्ट हो गया। द्रोणाचार्य स्टेडियम से साथ लगती कॉलोनी में रहकर वर्ष 2004 में भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के हॉकी कोच गुरविंद्र सिंह से कोचिंग शुरू की। यहीं से सुरेंद्र ने अपने हॉकी जीवन की शुरुआत की।

सुरेंद्र की उपलब्धियां
सुरेंद्र पालड़ का वर्ष 2011 में जूनियर नेशनल गेम के लिए प्रदेश की टीम में चयन हुआ। इस चेंपियनशिप में टीम ने 50 साल बाद जीत दर्ज करवाई। तीन से 13 मई 2013 में मलेशिया में हुई जूनियर हाॅकी चेंपियनशिप में सुरेंद्र कुमार पालड़ ने भारतीय हाकी टीम की तरफ से खेलते हुए अच्छा प्रदर्शन किया। इस टूर्नामेंट में भारत को कांस्य पदक मिला।

वर्ष 2012 नवंबर माह में सुरेंद्र पालड़ का चयन फिर से भारतीय जूनियर हॉकी टीम में हुआ। इस बार मलेशिया में जौहर कप में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया और इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम को दूसरा स्थान मिला। वर्ष 2013 में ही अंतरराष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी सुरेंद्र पालड़ ने हालैंड व बेल्जियम में जूनियर भारतीय हॉकी टीम की तरफ से टेस्ट सीरीज खेली और इस टेस्ट सीरीज में सुरेंद्र कुमार पालड़ का प्रदर्शन सराहनीय रहा। गत ओलिंपिक में भी सुरेंद्र ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया था।

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