ओमीक्रोन से डरे नहीं ! यह फायदेमंद भी होसकता है
आज यही दुनिया का फशाना है
जो डरते है उन्हें और ज्यादा डरना,
खुद जीतना है और आगे बढ़ना है और दुसरो को हराना है
आज यही दुनिया का फशाना है
और अगर, बचना चाहते हो इन सब से, तो डरना नहीं है, खुद भी समझना है और दुसरो को भी समझाना है
आज यही दुनिया का फशाना है
ओमीक्रोन से डरे नहीं यह फायदेमंद भी होसकता है
जी हाँ दोस्तों ये सच है
ओमिक्रोन 24 -Nov -21 को WHO को रिआज पोर्ट किया गया और
आज की यानी 14 दिसंबर तक भारत में 41 ओमीक्रोन के मांमले डिटेक्ट हो चुके है
अब देख ते है की चल क्या रहा है देश में
१-परिस्थितियाँ क्या कहती है
हर देश की परिस्थितियाँ अलग-अलग होती है, और कोविड के मामले में भी देखा होगा, हर देश का अलग अलग वातावरण होता है और उसके अनुसार ही इंसान और वाइरस के जीने की परस्थितियां होती है।
२-भय का वातारण तैयार किया जा रहा है
हमारे देश में भय का वातावरण तैयार किया जा रहा है क्योकि जो डर गया सो मर गया , लेकिन आप को डरने की जरूरत नहीं है आप पूरी तरह सेफ है.
3-ऐवीडेंसेज क्या कहते हैं
ऐवीडेंसेज के आधार पर देखा जाये तो
1 ओमीक्रोंन माइल्ड है –
क्योंकि एक भी केस में सीरियस इलनेस नहीं है आज तक जितने में भी केस देस, विदेश से आये है उनमे किसी को भी सीरियस समस्या नहीं हुई न ही कोई मौत हुई है
२-सभी प्रकर्ति की वैक्सीन लग चुका है
जिसकी की वजह से अब कोविड का किसी को कोई खतरा नहीं है अगर किसी को कोविड का कोई भी वैरिएंट लग भी जायगा, तो उसका कोई असर नहीं होगा।
३- इजराइल की स्टडी के अनुसार
जिनको नेचुरल इंफेक्ट्सन हो चुका है वह लोग फ़ाइज़र वैक्सीन के मुकाबले लगभग सीवियर्टी से 1300 % ज्यादा प्रोटेक्टेड है , और लगभग 600 % ज्यादा प्रोटेक्टेड इन्फ़ेक्सन से।
४-ओमिक्रोन वैक्सीन का काम भी कर सकता है
डॉ संजय रॉय- के अनुसार ओमिक्रोन अगर माइल्ड ही रहता है जो अभी तक दिख रहा है तो ये लोगो में वैक्सीन का काम भी कर सकता है अर्थात इससे लोगो को फायदा होगा नुकसान नहीं क्योकि वैक्सीन का कॉन्सेप्ट यही रहता है कि मानव शरीर को जिस वाइरस से लड़ना है उस वाइरस को ही कमजोर रूप में वैक्सीन के रूप में लगाया जाता है जिससे शरीर में वाइरस के खिलाफ लड़ने की इम्युनिटी तैयार हो सके।
५-वाइरस की यह प्रवर्ति-
डॉ संजय रॉय के ही अनुसार वाइरस की यह प्रवर्ति होती है कि वह अपने इस तरह के वैरियंट तैयार करता जाता है जो बहुत कमजोर होते है और अगर ऐसा होगा तभी वह लम्बे समय जी पायेगा, अगर वाइरस होस्ट को ही मारते जायगे तो होस्ट के सा साथ खुद भी ख़त्म होता जायगे।
6 – यदि ओमीक्रोंन खतरनाक निकलता भी है
जो अभी तक नहीं है तो भी यह भारतियों के लिए खतरनाक साबित नहीं होगा क्यों कि लगभग 90 % भारतीय नेचुरल इम्युनिटी से प्रोटेक्टेड हो चुके है
देश में पैनिक क्यों फैलाया जारहा है
1 -हीरो बनने की चाहत में:-
गलत लोगो का बयांन बाजी करके – आप देख रहे होंगे जिन लोगो का मेडिकल फील्ड नहीं है वह भी इसके बारे में बयान बाजी कर रहे है और हीरो बन रहे हैं।
2 -अन्य फील्ड के डॉक्टर्स की सलाह –
वो डॉक्टर जो वाइरस के बारे में एक्सपरटाईजेशन नहीं रखते वो भी वाइरस के बारे में सलाह दे रहे है जिससे लोगो में डर की स्तिथि पैदा हो रही है।
3 -मीडिया
मीडिआ भी अपने चैनल को चलाने के चक्कर में सेंसेशन फैलाते है क्यों की आप लोग भी वही चैनेल देखना पसंद करते है, जो ज्यादा डराते उनकी गलती नहीं है उन्हें अपना बिज़नस करना है अपनी TRP बढ़ानी है
4 -बिज़नेस बढ़|ने के चक्कर में
अगर आप डरेंगे तो वैक्सीन जल्दी लगवायेगे और वैक्सीन कम्पनीज़ का बिज़नस बढ़ेगा।
5 – बूस्टर वैक्सीन –
और सबसे महत्पूर्ण बूस्टर वैक्सीन की भी तो लगानी है क्योंकि वैक्सीन की २ डोज से जो कमाना था कमा लिया। अब आगे की कमाई कैसे होगी