ओमिक्रॉन लाएगा कोरोना की तीसरी लहर: IIT हैदराबाद के प्रोफेसर का दावा- फरवरी में पीक पर होंगे केसेस, दूसरी लहर के मुकाबले कम खतरा

ओमिक्रॉन लाएगा कोरोना की तीसरी लहर: IIT हैदराबाद के प्रोफेसर का दावा- फरवरी में पीक पर होंगे केसेस, दूसरी लहर के मुकाबले कम खतरा

[ad_1]

  • Hindi News
  • Coronavirus
  • The Third Wave Of Corona In The Country Will Be At Its Peak In February, Fewer Patients Will Be Infected Daily Than The Second Wave.

नई दिल्ली4 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
ओमिक्रॉन लाएगा कोरोना की तीसरी लहर: IIT हैदराबाद के प्रोफेसर का दावा- फरवरी में पीक पर होंगे केसेस, दूसरी लहर के मुकाबले कम खतरा

दुनियाभर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच भारत में महामारी की तीसरी लहर को लेकर चौंकाने वाला दावा सामने आया है। नेशनल कोविड-19 सुपर मॉडल पैनल के मुताबिक ओमिक्रॉन से देश में फरवरी तक कोरोना की तीसरी लहर देखने को मिल सकती है। यह इस महीने पीक पर होगा।

पैनल के हेड और IIT हैदराबाद के प्रोफेसर एम विद्यासागर ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि देश में कोरोना की तीसरी लहर फरवरी में अपने पीक पर होगी। हालांकि यह सेकेंड वेव जीतना खतरनाक नहीं होगा। फरवरी में नए मरीज भी दूसरी लहर की अपेक्षा कम होंगे।

ब्रिटेन के मुकाबले भारत में ओमिक्रॉन का खतरा कम
प्रोफेसर विद्यासागर ने बताया कि ब्रिटेन में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है। हालांकि भारत में ब्रिटेन जैसी स्थिति नहीं होगी। इसके पीछे उन्होंने दो वजहें बताईं। विद्यासागर ने कहा कि ओमिक्रॉन को लेकर दो अहम बातें है। पहली- ब्रिटेन में कम सीरो-पॉजिटिविटी और वैक्सीन रेट हाई है, जबकि भारत में दोनों हैं। जो भारत को कम कमजोर बनाता है।

उन्होंने कहा कि कम सीरो-पॉजिटिविटी का मतलब है नेचुरल संक्रमण से कम संक्रमण। दूसरी- ब्रिटेन ने ज्यादातर mrna टीकों का उपयोग किया है जो केवल थोड़े समय के लिए सुरक्षा प्रदान करते हैं। भारत में इन टीकों का उपयोग नहीं किया है। जो भारत की स्थिति को बेहतर करता है।

थर्ड वेव इसलिए होगा कम खतरनाक
प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस साल मार्च से ही वैक्सीनेशन शुरू कर दिया था। उस समय डेल्टा वैरिएंट ने दस्‍तक दी थी। इसलिए डेल्टा वैरिएंट ने एक ऐसी आबादी को मारा जो टीकाकरण से अछूती थी। एक सीरो-सर्वेक्षण के अनुसार अभी भी देश में आबादी का एक छोटा हिस्सा ही बचा है जो डेल्टा वायरस के संपर्क में नहीं आया है।

देश में 75% से 80% (पूर्व एक्सपोजर) की सीरो प्रिवलेंस है। काफी हद तक टीकाकरण भी हुआ है। यही कारण है कि कोरोना की तीसरी लहर के कम खतरनाक होने की आशंका है।

एक्सपर्ट्स जारी कर चुके हैं चेतावनी
ओमिक्रॉन के खतरे के बीच 17 दिसंबर को ICMR के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कोविड एप्रोपिएट बिहेवीयर को लेकर चेताया था। उन्होंने लोगों से भीड़भाड़ वाली जगहों और गैरजरूरी यात्रा से बचने की हिदायत दी थी। भार्गव ने ये भी कहा था कि जिन जिलों में कोरोना के नए केसेस 5% से ज्यादा हैं, वहां के प्रशासन को अभी से पूरी सख्ती के साथ तैयारियां शुरू करने का सुझाव दिया था।

12 राज्यों में नए वैरिएंट के अब तक 113 केस
हेल्थ मिनिस्ट्री ने शुक्रवार को बताया था कि कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन दुनियाभर के 91 देशों में फैल चुका है। देश के 12 राज्यों में नए वैरिएंट के अब तक 113 केस मिल चुके हैं। WHO के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा स्ट्रेन के मुकाबले कहीं ज्यादा तेजी से पांव पसार रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो ओमिक्रॉन डेल्टा वैरिएंट से कहीं ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *