एसेट्स मोनेटाइजेशन प्लान: BSNL और MTNL की संपत्तियों को बेच रही सरकार, इससे जुटाएगी 970 करोड़ रुपए

एसेट्स मोनेटाइजेशन प्लान: BSNL और MTNL की संपत्तियों को बेच रही सरकार, इससे जुटाएगी 970 करोड़ रुपए

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नई दिल्ली11 घंटे पहले

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एसेट्स मोनेटाइजेशन प्लान: BSNL और MTNL की संपत्तियों को बेच रही सरकार, इससे जुटाएगी 970 करोड़ रुपए

सरकारी टेलीकॉम कंपनियों MTNL और BSNL की संपत्ति को केंद्र सरकार बेचने जा रही है। सरकार ने इनकी कई संपत्तियों को लगभग 970 करोड़ रुपए के रिजर्व प्राइस पर बिक्री के लिए लिस्ट किया है। डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) की वेबसाइट पर अपलोड किए गए डॉक्यूमेंट से यह जानकारी मिली है।

कहां कितनी संपत्ति बिकाऊ?
BSNL की प्रॉपर्टी हैदराबाद, चंडीगढ़, भावनगर और कोलकाता में स्थित हैं और बिक्री के लिए इनका रिजर्व प्राइस 660 करोड़ रुपए है। DIPAM की वेबसाइट पर मुंबई के गोरेगांव के वसारी हिल में स्थित MTNL प्रॉपर्टीज को लगभग 310 करोड़ रुपए के रिजर्व प्राइस पर सेल के लिए लिस्ट किया है।

इसी तरह ओशिवारा में MTNL के 20 फ्लैटों को भी कंपनी की एसेट्स मोनेटाइजेशन प्लान के हिस्से के रूप में सेल के लिए रखा गया है। इनका रिजर्व प्राइस 52.26 लाख रुपए से लेकर 1.59 करोड़ रुपए तक है। इनमें 1 रूमसेट के 2 फ्लैट, 1 बेडरूम हॉल और किचन (BHK) के 17 फ्लैट और एक 2 BHK फ्लैट शामिल हैं। इनका रिजर्व प्राइस 52.26 लाख रुपए से लेकर 1.59 करोड़ रुपए तक है।

14 दिसंबर को होगा ई-ऑक्शन
BSNL चेयरमैन और MD पीके पुरवार ने बताया, ‘यह MTNL और BSNL में एसेट्स मोनेटाइजेशन का पहला चरण है। BSNL की 660 करोड़ रुपए की संपत्तियों और MTNL की 310 करोड़ रुपए की संपत्तियों के लिए बोलियां आमंत्रित की गई हैं। हम इस पूरे प्रोसेस को डेढ़ महीने के भीतर पूरा करने की योजना बना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हम एसेट्स मोनेटाइजेशन के लिए मार्केट की डिमांड के अनुसार आगे बढ़ेंगे।’ MTNL की प्रॉपर्टी की ई-ऑक्शन 14 दिसंबर को होगी। एसेट्स मोनेटाइजेशन MTNL और BSNL के लिए 70 हजार करोड़ रुपए की रिवाइवल प्लान का हिस्सा है, जिसे सरकार ने अक्टूबर 2019 में मंजूरी दी थी।

अक्टूबर 2019 में घोषित किया गया था रिवाइवल प्लान
घाटे में चल रहीं सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL और MTNL के रिवाइवल के लिए केंद्र सरकार ने इसी साल अक्टूबर में 70,000 करोड़ के रिवाइवल प्लान को मंजूरी दी थी। इसमें इन दोनों कंपनियों को विलय, संपत्तियों की बिक्री और कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) देने की घोषणा थी। केंद्र सरकार का लक्ष्य दोनों कंपनियों के विलय से बाद बनने वाली ईकाई को दो साल के भीतर मुनाफे वाले इकाई बनाना है।

घाटे में चल रहीं दोनों कंपनियां
BSNL को 2018-19 में करीब 14,202 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। 2017-18 में 7,993 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। 2016-17 में 4,793 करोड़ और 2015-16 में 4,859 रुपए का घाटा हुआ था। कंपनी 2010 से ही नुकसान में चल रही है। वहीं पिछले 10 सालों में से 9 साल में MTNL ने घाटा दर्ज किया है।

सरकारी संपत्ति बेचकर 6 लाख करोड़ रुपए कमाने की योजना
केंद्र सरकार की एसेट्स मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत अगले 4 सालों में 6 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति बेचने की योजना है। जिन संपत्तियों की पहचान की गई है उनमें सड़क, पावर ट्रांसमिशन और जनरेशन, गैस पाइपलाइन, वेयरहाउस, रेलवे, दूरसंचार, 25 एयरपोर्ट, नौ प्रमुख बंदरगाहों में 31 परियोजनाएं, कोयला और खनिज खनन, खेल स्टेडियम और काॅलाेनियों का रिडेवलपमेंट शामिल हैं।

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