उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने दिया इस्तीफा: दो दिन पहले गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई थी, फिर से सक्रिय राजनीति में आने की अटकलें तेज; आगरा की मेयर रह चुकी हैं
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आगरा:11 घंटे पहले
5 सितंबर को ही उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंप दिया है। 22 अगस्त 2018 को वह उत्तराखंड की राज्यपाल बनाई गई थीं। अभी एक साल उनका कार्यकाल बचा था। दो दिन पहले ही उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि वह फिर से सक्रिय राजनीति में वापसी कर सकती हैं। राज्यपाल बनने से पहले वह आगरा में मेयर भी रह चुकी हैं। उन्होंने विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था।
1995 में बनी थी आगरा की पहली महिला मेयर
बेबी रानी मौर्य राज्यपाल बनने से पहले भी सक्रिय राजनीति में रह चुकी हैं। वह 1995 में भाजपा में शामिल हुई थीं। उसी वर्ष उन्हें भाजपा से मेयर पद का प्रत्याशी बनाया गया था। चुनाव जीतकर वह आगरा की पहली महिला मेयर बनी थीं। इसके अलावा भाजपा में वह 1997 में राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा की कोषाध्यक्ष भी रह चुकी हैं। इसके अलावा वह 2002 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रहीं हैं। मेयर बनने के बाद पार्टी ने उन्हें एत्मादपुर विधानसभा सीट से 2007 में मैदान में उतरा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2018 में उन्हें बाल अधिकार सरंक्षण आयोग का सदस्य बनाया गया था।
बेलनगंज में मायका, करिअप्पा रोड पर ससुराल
उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य का मायका आगरा के बेलनगंज में हैं, जबकि उनकी ससुराल बालूगंज के करिअप्पा रोड पर है। राज्यपाल रहते हुए वह अपने घर पर आती रही हैं। इनके पति प्रदीप कुमार पंजाब नेशनल बैंक में डायरेक्टर एवं सीनियर मैनेजर पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। बेबी रानी के दो बच्चे हैं। पुत्र अभिनव और बेटी अंजू मौर्य हैं। दोनों ही अमेरिका में रहते हैं।
दो दिन पहले उत्तराखंड की राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
यूपी भाजपा में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
उत्तराखंड की राज्यपाल पिछले दिनों अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी थीं। दो दिन पहले उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद उनके इस्तीफा देने की अटकलें थीं। माना जा रहा है कि दलित चेहरा होने के चलते आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी उन्हें उत्तर प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है। अटकलें तो यह भी हैं कि वह आगरा से चुनाव लड़ सकती हैं।
तो किसका कटेगा टिकट ?
इस समय आगरा की नौ विधान सभाओं में भाजपा के ही विधायक हैं। पहले ही भाजपा के आंतरिक सर्वे के बाद आगरा के कई विधायकों के टिकट कटने के चर्चे जोरों पर हैं। ऐसे में उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे और सक्रिय राजनीति में वापसी की खबर ने विधायकों के माथे पर लकीरें खींच दी हैं। सूत्रों की मानें तो आगरा ग्रामीण, छावनी और एत्मादपुर सीट में से एक सीट पर बेबी रानी मौर्य चुनाव लड़ सकती हैं।
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