इन 12 स्टैप में जानें करतारपुर दर्शन: कॉरिडोर से गुरूद्वारा जाने तक डेढ़ से 2 घंटे का समय; पासपोर्ट की जांच के साथ आंख और अंगुलियों की स्कैनिंग
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चंडीगढ़26 मिनट पहले
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बस में बैठकर दूसरे श्रद्धालुओं के साथ जाते सुनील सिंगला।
भारत-पाक के बीच बने करतारपुर कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान स्थित गुरूद्वारा करतारपुर साहिब तक जाने में कड़ी सुरक्षा बरती जा रही है। भारत के साथ पाकिस्तान तक इन सिक्योरिटी चैक से गुजरने में करीब डेढ़ से 2 घंटे का वक्त लग जाता है।
पाकिस्तान में सख्ती भी है कि यहां से गए श्रद्धालु सिर्फ गुरूद्वारे की बाउंड्री के अंदर ही घूम सकते हैं। वहीं, उन्हें शाम 6 बजे से पहले भारत लौटना अनिवार्य है। दैनिक भास्कर ने पंजाब से गुरूद्वारा श्री करतारपुर साहिब पहुंचे श्रद्धालू सुनील सिंगला से जाने कि करतारपुर कॉरिडोर से दर्शन तक किस तरह की प्रक्रिया रहती है।
- सबसे पहले पोलियो ड्रॉप पिलाकर इमीग्रेशन फार्म पर उसकी मुहर लगाई गई। टेंपरेचर चैक किया। सिक्योरिटी चैक कर भारत की इमीग्रेशन चेक पोस्ट पर गए।
- वहां कोविड की RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट, पासपोर्ट, वैक्सीन की दोनों डोज का सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, 2 फोटो चैक की गई।
- इसके बाद यहीं पर आंख स्कैन की गई। दोनों हाथों की चारों अंगुलियों के फिर दोनों अंगूठों को स्कैन किया गया। इसके बाद एक फार्म दिया गया। जिसमें बताया कि साथ में क्या लेकर जा रहे। कितनी करंसी है। अकेले हो या साथ में कोई ओर भी है।
- इसके बाद 8 सीटर बग्घी पर बिठाकर ले गए। पाकिस्तान एंटर होने से पहले भारतीय बीएसएफ ने पासपोर्ट और वीजा की जांच की। आरटी-पीसीआर, वैक्सीन सर्टिफिकेट चैक किया।
- इसके बाद उन्हें पाकिस्तान का गेट पर उतार दिया। वहां सिर्फ 2 कदम के बाद पाकिस्तान शुरू हो गया।पाकिस्तान सेना ने सबसे पहले RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट, वैक्सीन सर्टिफिकेट, पासपोर्ट और वीजा देखा।
- इसके बाद 8 सीटर गाड़ी में अपने इमीग्रेशन ऑफिस ले गए।वहां पोलियो ड्रॉप और टेंपरेचर की मेडिकल रिपोर्ट देखी। फिर फीस काउंटर पर भेज 20 डॉलर जमा करवाए। पासपोर्ट स्कैन किया। नाम और उम्र की वैरिफिकेशन की। फीस की 2 स्लिप खुद रखी और 2 हमें दे दी।
- इसके बाद पाक इमीग्रेशन में पासपोर्ट चैक किया। आंखों को मैच कर अंगुलियों-अंगूठों की स्कैनिंग की। फिर पासपोर्ट स्कैन किया।
- पाक वीजा काउंटर क्लियर करने से पहले आई कार्ड दिया। हिदायत दी गई कि इसे किसी के साथ चेंज नहीं करना है।
- फिर बस में बिठाकर ढाई किमी ले गए। वहां गुरूद्वारे में प्रवेश से पहले पाक पुलिस ने पासपोर्ट, फीस वाली स्लिप और आई कार्ड देखा। इसके बाद गुरूद्वारे में दर्शन के लिए भेज दिया।
- गुरूद्वारा दर्शन के बाद वापस बस में बिठाकर पाक इमीग्रेशन ऑफिस तक लाए। वहां पर आई-कार्ड वापस और फीस कूपन वापस ले लिया। इसके बाद वापस लौटने तक दस्तावेजों की जांच की वही प्रक्रिया रहती है, जैसे जाते वक्त थी।
- करतारपुर दर्शन की फीस वाली स्लिप
पाकिस्तान में एंट्री के लिए स्लिप
पाकिस्तान स्थित गुरूद्वारा करतारपुर साहिब में श्रद्धालु।
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