आज कैप्टन से मिलेंगे हरीश रावत: फिर सोनिया गांधी से मिलने जाएंगे; पंजाब प्रदेश कांग्रेस में मची कलह सुलझानी है, सिद्धू से मिलकर पढ़े थे उनकी तारीफ के कसीदे
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- To Resolve The Discord In The State Congress, Punjab Congress In charge In Chandigarh, Had Read Tales Of Praise From Sidhu, Will Meet Sonia Directly After The Tour.
जालंधर2 घंटे पहले
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चंडीगढ़ पहुंचने पर हरीश रावत का स्वागत करते नवजोत सिद्धू, कुलजीत नागरा, परगट सिंह व पवन गोयल।
प्रदेश कांग्रेस में मची कलह के बीच पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत बुधवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलेंगे। मंगलवार को उन्होंने चंडीगढ़ में पार्टी प्रधान नवजोत सिद्धू से मुलाकात की थी। जिसके बाद उन्होंने सिद्धू की तारीफ में कसीदे पढ़े थे। रावत 3 दिन चंडीगढ़ में रहेंगे। इस दौरान वे कैप्टन व सिद्धू के अलावा बगावत करने वाले मंत्रियों व संगठन के अन्य नेताओं से बैठक करेंगे। फिर इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर वह सीधे दिल्ली जाकर कांग्रेस हाईकमान यानी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलेंगे। माना जा रहा है कि उसके बाद हाईकमान से सिद्धू व कैप्टन के लिए सीधा संदेश आ सकता है।
हरीश रावत ने मंगलवार को सिद्धू से बैठक के बाद कहा कि वह संगठन के पहले ऐसे प्रधान हैं, जिन्होंने पार्टी के सभी संगठनों से बैठक की। उनकी मुश्किलें सुनीं और सुलझाने की कोशिश की। उन्होंने कैप्टन सरकार से तालमेल की जिम्मेदारी भी सिद्धू पर छोड़ दी है। रावत ने इस दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह के पंजाब चुनाव की अगुवाई के बयान पर भी सफाई दी। हालांकि अब वे गोलमोल जवाब दे रहे हैं कि कांग्रेस की परंपरा के मुताबिक ही अगुवाई होगी। अब सबकी नजर हरीश रावत की कैप्टन से मुलाकात व उसके बाद के बयान पर टिकी हुई है।
मंगलवार को चंडीगढ़ में नवजोत सिद्धू व अन्य नेताओं से बैठक करते हरीश रावत।
सुलझने के बजाय उलझती जा रही कलह
पंजाब विधानसभा चुनाव में अब थोड़ा ही समय बचा है। ऐसे में नवजोत सिद्धू को प्रधान बनाने से पंजाब कांग्रेस की कलह सुलझने की बजाय उलझती जा रही है। पार्टी पंजाब में दो गुटों में बंट चुकी है। एक गुट पूरी तरह कैप्टन के साथ है और दूसरा सिद्धू के। सिद्धू गुट के मंत्री व विधायक कैप्टन को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने की मांग तक कर चुके है। वहीं, कैप्टन गुट डिनर पर 58 विधायकों व 8 सांसदों को इकट्ठा करके ताकत दिखा चुके हैं। इसके बाद अब रावत संगठन व सरकार में तालमेल बिठाने के लिए आए हैं।
कांग्रेस कलह का फायदा उठा रहा अकाली दल
पंजाब में संगठन व सरकार के बीच मची कलह का फायदा अकाली दल उठा रहा है। अकाली प्रधान सुखबीर बादल 100 दिन की पंजाब यात्रा पर निकल चुके हैं। इस दौरान किसानों के विरोध के बावजूद सुखबीर बादल लगातार लोगों से मिल रहे हैं। इसके उलट पंजाब कांग्रेस नवजोत सिद्धू व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पावर गेम में उलझी हुई है। कैप्टन से बागी हुए मंत्री सुखजिंदर रंधावा भी सवाल उठा चुके हैं कि अकाली दल लोगों के बीच में जा रहा है और हम अपने घरों में बैठे हैं। ऐसे में पार्टी अगला चुनाव कैसे जीतेगी।
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