आज का इतिहास: 44 साल पहले UN में पहली बार हिन्दी में भाषण; इसके खत्म होते ही दुनियाभर के नेताओं ने अटल जी के सम्मान में खड़े होकर बजाई थीं तालियां
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- Atal Bihari Vajpayee: Today History (Aaj Ka Itihas) October 4 | Atal Bihari Vajpayee Hindi Speech At United Nations
18 मिनट पहले
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साल 1977। मोरारजी देसाई की जनता पार्टी की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री थे। 4 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा का 32वां सत्र होना था। भारत की ओर से वाजपेयी जी इस सत्र में शिरकत कर रहे थे। संयुक्त राष्ट्र महासभा में उनका पहला संबोधन था और उन्होंने फैसला लिया कि वे अपना संबोधन हिन्दी में देंगे। ये इतिहास में पहली बार होने जा रहा था कि संयुक्त राष्ट्र में कोई नेता हिन्दी में अपना भाषण देने वाला था।
UN महासभा को संबोधित करते अटल बिहारी वाजपेयी।
हालांकि ऐसा नहीं था कि वाजपेयी जी को अंग्रेजी नहीं आती थी। वे धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलते थे, लेकिन उन्होंने इस मौके का इस्तेमाल हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए किया। पहली बार भारत की राजभाषा UN के मंच से सुनाई दी।
संयुक्त राष्ट्र के मंच से उन्होंने परमाणु निरस्त्रीकरण, सरकार प्रायोजित आतंकवाद और विश्व संस्था में सुधार जैसे अहम मुद्दों पर प्रभावी तरीके से भारत का पक्ष रखा। वाजपेयी ने कहा, ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम की परिकल्पना बहुत पुरानी है। भारत में सदा से हमारा इस धारणा में विश्वास रहा है कि सारा संसार एक परिवार है। भारत में हम सभी वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा में विश्वास रखते हैं।”
करीब तीन मिनट का भाषण खत्म होने के बाद UN में आए सभी देश के प्रतिनिधियों ने खड़े होकर वाजपेयी का तालियों से स्वागत किया।
1957: यूएसएसआर ने लॉन्च किया स्पुतनिक 1
4 अक्टूबर 1957 को सोवियत संघ ने दुनिया का पहला कृत्रिम उपग्रह अंतरिक्ष में स्थापित किया और इसका नाम स्पुतनिक-1 रखा। रूसी भाषा में यात्री को स्पुतनिक कहा जाता है। मानव इतिहास के पहले 83.5 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट ने 92 दिन में 1400 बार पृथ्वी का चक्कर लगाया।
अमेरिका के नेशनल एयर एंड स्पेस म्यूजियम में रखी स्पुतनिक-1 की रेप्लिका।
पहली बार अंतरिक्ष से पृथ्वी पर रेडियाे संदेश भेजा। सोवियत संघ तो नहीं बचा, कई देश अलग होकर आजाद हो चुके हैं। रूस आज भी स्पुतनिक को अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि मानता है। इसी वजह से कोविड-19 की वैक्सीन डेवलप की तो उसका नाम रखा स्पुतनिक-5 और इसे बिना फेज-3 ट्रायल्स के रूसी जनता के लिए उपलब्ध भी कर दिया।
1582: इटली, पोलैंड, पुर्तगाल ने अपनाया ग्रेगोरियन कैलेंडर
इटली, पोलैंड, पुर्तगाल और स्पेन ने पोप ग्रेगरी के आदेश पर ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया था। इसे इक्विनॉक्स और सॉलस्टाइसेस जैसी घटनाओं को एडजस्ट करने के लिए ही बनाया था। यह भी ध्यान रखा कि नॉदर्न हेमिस्फीयर के स्प्रिंग इक्विनॉक्स के आसपास ही ईस्टर को सेलिब्रेट किया जा सके। कई दिन छोड़ दिए थे। 4 अक्टूबर के बाद एकदम से 15 अक्टूबर आ गया था। आज ज्यादातर देशों में ग्रेगोरियन कैलेंडर ही मान्य है।
इतिहास में 4 अक्टूबर के दिन घटित हुई कुछ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अतंरराष्ट्रीय घटनाएं…
2012ः फाॅर्मूला वन के बादशाह माइकल शूमाकर ने संन्यास लिया।
2011ः अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) प्रमुख अबू बकर अल बगदादी को वैश्विक आतंकवादी के रूप में चिह्नित किया और साथ ही उस पर एक करोड़ डाॅलर का इनाम भी रखा।
2006ः जूलियन असांज ने खुफिया वेबसाइट विकिलीक्स की स्थापना की।
1963ः क्यूबा और हैती में चक्रवाती तूफान फ्लोरा से छह हजार लोगों की मौत।
1943ः अमेरिका ने सोलोमन द्वीप पर कब्जा किया।
1830ः नीदरलैंड से अलग होकर बेल्जियम नया देश बना।
1824ः मैक्सिको रिपब्लिक बना।
1302ः बैजेंटाइन साम्राज्य तथा वेनिस गणराज्य के बीच शांति समझौता हुआ।
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