आज का इतिहास: 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के इस फैसले का विरोध उनके ही वित्त मंत्री मोरारजी देसाई कर रहे थे

आज का इतिहास: 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के इस फैसले का विरोध उनके ही वित्त मंत्री मोरारजी देसाई कर रहे थे

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13 मिनट पहले

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आज का इतिहास: 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के इस फैसले का विरोध उनके ही वित्त मंत्री मोरारजी देसाई कर रहे थे

19 जुलाई 1969 यानी आज से ठीक 52 साल पहले उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एक ऑर्डिनेंस लेकर आईं। ‘बैंकिंग कम्पनीज आर्डिनेंस’ नाम के इस ऑर्डिनेंस के जरिए देश के 14 बड़े निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया। इस फैसले को इंदिरा गांधी द्वारा लिए गए बड़े फैसलों में गिना जाता है।

दरअसल दूसरे विश्वयुद्ध के बाद यूरोप में बैंकों को सरकार के अधीन करने के विचार ने जन्म लिया। विश्वयुद्ध की वजह से देशों को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा था। इससे इन देशों की आर्थिक हालत कमजोर हो गई थी। संकट से उबरने के लिए कई यूरोपीय देशों ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था।

भारत में भी 1949 में भारतीय रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण किया गया। अब तक भारत में जितने भी निजी बैंक थे, वे सभी उद्योगपतियों के हाथों में थे। लोग बैंकों में जाने से कतराते थे। साथ ही बैंकों का कारोबार केवल बड़े शहरों तक ही सीमित था।

इंदिरा का कहना था कि बैंकों को ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाना जरूरी है। निजी बैंक देश के सामाजिक विकास में अपनी भागीदारी नहीं निभा रहे हैं। इसलिए बैंकों का राष्ट्रीयकरण जरूरी है। हालांकि इंदिरा का ये फैसला इतना विवादित था कि खुद उनकी ही सरकार के वित्त मंत्री मोरारजी देसाई इसके खिलाफ थे।

राष्ट्रीयकरण के बाद बैंकों की शाखाओं में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। शहरों से निकलकर बैंक गांवों और कस्बों में खुलने लगे। इससे भारत की ग्रामीण आबादी को बैंकिंग से जुड़ने का मौका मिला। 3 दशक में ही देश में बैंकों की शाखाएं 8 हजार से बढ़कर 60 हजार के आंकड़े को पार कर गईं।

राष्ट्रीयकरण के बाद बैंकों की शाखाओं में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। शहरों से निकलकर बैंक गांवों और कस्बों में खुलने लगे। इससे भारत की ग्रामीण आबादी को बैंकिंग से जुड़ने का मौका मिला। 3 दशक में ही देश में बैंकों की शाखाएं 8 हजार से बढ़कर 60 हजार के आंकड़े को पार कर गईं।

जिन 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया, उनके पास उस वक्त देश की करीब 80 फीसदी जमा पूंजी थी, लेकिन इस पूंजी का निवेश केवल ज्यादा लाभ वाले क्षेत्रों में ही किया जा रहा था। दूसरी ओर आजादी के 10 साल के भीतर ही 300 से भी ज्यादा छोटे-मोटे बैंक कंगाल हो गए थे। इसमें लोगों की करोड़ों की जमा पूंजी भी डूब गई थी। इस वजह से सरकार ने इन बैंकों की कमान अपने हाथ में लेने का फैसला लिया।

इस फैसले के क्रियान्वयन का जिम्मा इंदिरा ने अपने प्रधान सचिव पीएन हक्सर को सौंपा। कहा जाता है कि हक्सर सोवियत संघ की समाजवादी विचारधारा से प्रभावित थे और वहां बैंकों पर सरकार का नियंत्रण था। 1967 में इंदिरा ने कांग्रेस पार्टी में 10 सूत्रीय कार्यक्रम पेश किया।

इस कार्यक्रम में बैंकों पर सरकार का नियंत्रण, राजा-महाराजाओं को मिलने वाली सरकारी मदद और न्यूनतम मजदूरी का निर्धारण मुख्य बिंदु थे। 7 जुलाई 1969 को कांग्रेस के बेंगलुरु अधिवेशन में इंदिरा ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण का प्रस्ताव रखा।

इंदिरा के इस फैसले का तत्कालीन वित्त मंत्री मोरारजी देसाई ने विरोध किया। इसके बाद इंदिरा ने मोरारजी देसाई का मंत्रालय बदलने का आदेश दे दिया। इससे नाराज होकर मोरारजी देसाई ने वित्त मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

19 जुलाई 1969 को इंदिरा ने एक अध्यादेश जारी किया और 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया। इसके बाद अप्रैल 1980 में 6 और बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया।

1941: टॉम एंड जैरी को मिला था अपना नाम

1941 में आज ही के दिन बच्चों के पसंदीदा कार्टून कैरेक्टर टॉम एंड जैरी को अपना नाम मिला था। दरअसल 1940 में “पुस गेट द बूट्स” नाम की एक कार्टून फिल्म में टॉम एंड जैरी पहली बार लोगों के सामने आए थे। ये फिल्म इतनी सफल हुई कि इसे बेस्ट एनिमेटेड फिल्म के लिए ऑस्कर नॉमिनेशन मिला। हालांकि इस फिल्म में दोनों कैरेक्टर का नाम जेस्पर और जिंक्स था।

जब ये मूवी फेमस हुई तो एनिमेटर्स ने दोनों कैरेक्टर को दूसरा नाम देने के बारे में सोचा। टॉम एंड जैरी को बनाने वाले विलियम हैना और जोसेफ बार्बेरा ने दोनों की जोड़ी को बढ़िया नाम देने वाले को 50 डॉलर का इनाम देने की घोषणा की। एनिमेटर जॉन कार ने चूहे-बिल्ली की इस जोड़ी को टॉम एंड जैरी नाम दिया।

विलियम हैना और जोसेफ बार्बेरा।

विलियम हैना और जोसेफ बार्बेरा।

विलियम और जोसेफ को ये नाम पसंद आया। दोनों ने मिलकर ‘द मिडनाइट स्नैक’ नाम से दूसरी फिल्म बनाई। 19 जुलाई 1941 को ये फिल्म रिलीज हुई। इस फिल्म में पहली बार चूहे और बिल्ली को टॉम एंड जैरी नाम दिया गया।

आज के दिन को इतिहास में इन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से भी याद किया जाता है…

2010: कोलकाता में एक ट्रेन दुर्घटना में 63 लोगों की मौत हो गई।
1985: स्कूल टीचर क्रिस्टा मैकोलिफ को अंतरिक्ष मिशन के लिए चुना गया। पहली बार किसी टीचर को अंतरिक्ष मिशन के लिए चुना गया था। हालांकि जनवरी 1986 में मिशन पर जाने के दौरान ही चैलेंजर में विस्फोट से क्रिस्टा का निधन हो गया।

1980: मॉस्को में ओलिंपिक की शुरुआत हुई। अफगानिस्तान में सोवियत संघ की सेना के दखल से कई देशों ने इन खेलों का बहिष्कार किया।

1961: ट्रांस वर्ल्ड एयरलाइंस ने फर्स्ट क्लास पैसेंजर्स को फ्लाइट में मूवीज दिखाने की शुरुआत की।

1952: इंग्लैंड के खिलाफ फॉलोऑन खेलते हुए पूरी भारतीय क्रिकेट टीम 82 रन पर आउट हो गई।

1947: बर्मा के प्रधानमंत्री आंग सेन की रंगून में हत्या कर दी गई।

1903: फ्रेंच साइक्लिस्ट मोरिस गेरिन ने 2,428 किलोमीटर लंबा पहला टूर डी फ्रांस जीता।

1827: क्रांतिकारी मंगल पांडे का जन्म उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले में हुआ।

खबरें और भी हैं…

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