आज का इतिहास: 138 साल पहले हुई थी देश में थिएटर की शुरुआत, कोलकाता के स्टार थिएटर में हुआ था नाटक ‘दक्ष यज्ञ’ का मंचन

आज का इतिहास: 138 साल पहले हुई थी देश में थिएटर की शुरुआत, कोलकाता के स्टार थिएटर में हुआ था नाटक ‘दक्ष यज्ञ’ का मंचन

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2 मिनट पहले

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आज का इतिहास: 138 साल पहले हुई थी देश में थिएटर की शुरुआत, कोलकाता के स्टार थिएटर में हुआ था नाटक ‘दक्ष यज्ञ’ का मंचन

आज ही के दिन 1883 में कोलकाता के स्टार थिएटर की शुरुआत हुई थी। इसे भारत का पहला सार्वजनिक थिएटर माना जाता है। 21 जुलाई 1883 को इस थिएटर में ‘दक्ष यज्ञ’ नामक नाटक का मंचन हुआ था। इस नाटक को गिरीश चंद्र घोष ने लिखा था और उन्होंने ही इसमें मुख्य किरदार निभाया था।

इस थिएटर को गिरीश चंद्र घोष, बिनोदिनी दासी, अमृतलाल बसु और कई अन्य लोगों ने मिलकर खोला था। कहा जाता है कि पहले इस थिएटर का नाम बिनोदिनी दासी के नाम पर बिनोदिनी रखा जाना था, लेकिन उस समय महिलाओं के लिए अभिनय एक सभ्य पेशा नहीं माना जाता था, इसलिए थिएटर का नाम स्टार कर दिया गया।

थिएटर शुरू करने के लिए जरूरी पैसा गुरुमुख रॉय ने दिया था। हालांकि बाद में किन्हीं वजहों से गुरुमुख रॉय ने 11 हजार रुपए में थिएटर को बेच दिया। 1883 से 1887 तक थिएटर में कुल 20 नाटकों का मंचन किया गया।

स्टार थिएटर।

स्टार थिएटर।

1888 में थिएटर को इसकी वर्तमान जगह बिधान सारणी में शिफ्ट किया गया। इस थिएटर ने कई नामी शख्सियतों को अपना मंच दिया था। इनमें अमृतलाल मित्र, अमृता मुखर्जी, सरजू देवी, शिशिर कुमार भादुरी, सौमित्र चटर्जी, उत्तम कुमार और गीता डे जैसे कई नाम शामिल हैं।

1898 में स्वामी विवेकानंद ने मार्गरेट नोबल (सिस्टर निवेदिता) का परिचय कराने के लिए इसी थिएटर में एक जनसभा बुलाई थी। इस मौके पर श्री रामकृष्ण परमहंस और रबीन्द्रनाथ टैगोर भी थिएटर हॉल में दर्शकों के बीच मौजूद थे। भारत में जब फिल्मों की शुरुआत हुई, तब हीरालाल सेन द्वारा बनाई गई फिल्म को भी इसी थिएटर में दिखाया गया था।

1931 में इस थिएटर में मन्मथ रॉय के नाटक ‘कारागार’ का मंचन हुआ था। इस थिएटर में किसी नाटक का ये आखिरी मंचन था। फिलहाल इसे सिनेमा हॉल में बदल दिया गया है। हालांकि कभी-कभी नाटकों का मंचन भी होता है।

1884: लॉर्ड्स के मैदान पर पहला टेस्ट खेला गया

क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर आज ही के दिन 1884 में पहला टेस्ट मैच खेला गया था। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए इस मैच को इंग्लैंड ने लॉर्ड हैरिस की कप्तानी में एक इनिंग और 5 रन से जीता था।

ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इस मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी थी और पहली पारी में 229 रन बनाकर ऑलऑउट हो गई थी। ऑस्ट्रेलिया के टुप स्कॉट ने 75 और जॉर्ज जिफेन ने 63 रनों की पारी खेली थी। इंग्लैंड की ओर से टीड पीट ने 6 विकेट अपने नाम किए थे।

वहीं, इंग्लैंड ने पहली पारी में 184.1 ओवर बल्लेबाजी की और 379 रन बनाए। इंग्लैंड की ओर से मिडिल ऑर्डर बैट्समैन ऐलन स्टील ने 148 रनों की शानदार पारी खेली।

पहली पारी में ही मेजबान टीम इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया पर 150 रनों की बढ़त हासिल कर ली थी। ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज जोय पॉल्मर ने 75 ओवर में 6 विकेट चटकाए थे। इसके बाद दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम महज 145 रन ही बना सकी और इंग्लैंड ने ये मुकाबला एक इनिंग और 5 रनों से जीत लिया। ये तीन मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला था, जिसे इंग्लैंड ने जीता था। सीरीज का पहला और आखिरी मैच ड्रॉ हुआ। इस पारी में इंग्लैंड के जॉर्ज उल्येट ने 7 विकेट लिए थे।

इंग्लैंड दौरे के दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाड़ी।

इंग्लैंड दौरे के दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाड़ी।

लॉर्ड्स के पहले मैच को एक और वजह से याद किया जाता है। इंग्लैंड के एक खिलाड़ी के चोटिल होने के बाद उसकी जगह पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर ऑस्ट्रेलिया के कप्तान बिली मर्डोक फील्डिंग करने आए थे। उन्होंने अपनी ही टीम के टप स्कॉट का कैच पकड़ा था। किसी टेस्ट मैच में ऐसा पहली बार हुआ था।

भारत ने भी अपना पहला टेस्ट मैच 25 जून 1932 को लॉर्ड्स के मैदान में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। ये मैच इंग्लैंड ने 158 रन से जीता था।

1960: दुनिया को मिली थीं पहली महिला प्रधानमंत्री

21 जुलाई 1960 को पहली बार किसी महिला ने प्रधानमंत्री पद की कुर्सी संभाली थी। इस दिन सिरिमावो भंडारनायके सीलोन (श्रीलंका) की प्रधानमंत्री बनी थीं।

भंडारनायके का जन्म 17 अप्रैल 1916 को श्रीलंका के एक समृद्ध परिवार में हुआ था। 1940 में उन्होंने फ्रीडम पार्टी के नेता SWRD भंडारनायके से शादी की। अगले ही साल सिरिमावो भंडारनायके देश की सबसे बड़ी महिला संस्था लंका महिला समिति में शामिल हुईं।

सिरिमावो भंडारनायके।

सिरिमावो भंडारनायके।

सिरिमावो भंडारनायके ने 1952 के संसदीय चुनावों के दौरान अपने पति के लिए पूरे देश में घूम-घूम कर प्रचार किया। हालांकि उस चुनाव के दौरान फ्रीडम पार्टी केवल 9 सीटें ही जीत पाई। SWRD संसद के लिए चुने गए और विपक्ष के नेता बने। मई 1960 में भंडारनायके को सर्वसम्मति से फ्रीडम पार्टी का अध्यक्ष चुना गया। 1960 में हुए चुनावों में फ्रीडम पार्टी को जीत मिली और 21 जुलाई 1960 को भंडारनायके ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।

21 जुलाई को इतिहास में इन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से भी याद किया जाता है…

2007: हैरी पॉटर सीरीज की आखिरी किताब Harry Potter and the Deathly Hallows रिलीज हुई।

2011: नासा का ऑर्बिटर अटलांटिस धरती पर वापस लौटा। इसी के साथ अमेरिका ने 135 मिशन के बाद स्पेस शटल प्रोग्राम को बंद कर दिया।

1983: रूस के वोस्टोक स्टेशन पर तापमान माइनस 89.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। धरती के किसी हिस्से पर ये अब तक का सबसे कम तापमान है।

1977: नीलम संजीव रेड्डी भारत के राष्ट्रपति चुने गए।

1988: इंडियन नेशनल सैटेलाइट (INSAT-1C) लॉन्च किया गया।

1930: हिन्दी फिल्मों के प्रसिद्ध लेखक और गीतकार आनंद बख्शी का जन्म हुआ। उन्होंने फिल्मों के लिए 3 हजार से भी ज्यादा गाने लिखे।

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