आज का इतिहास: क्रांतिकारियों के पक्ष में लिखने पर तिलक हुए थे गिरफ्तार, 6 साल की सजा काटते हुए लिखी थी गीता रहस्य
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37 मिनट पहले
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30 अप्रैल 1908 को खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चंद चाकी ने एक बम विस्फोट किया था। इस विस्फोट का निशाना जज किंग्सफोर्ड थे, लेकिन हमले में वो बच गए और दो ब्रिटिश महिलाओं की मौत हो गई। अंग्रेजों ने उसी शाम खुदीराम बोस को गिरफ्तार कर लिया और उन पर मुकदमा चलाया गया।
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने इन दोनों क्रांतिकारियों के पक्ष में अपने अखबार ‘केसरी’ में लिखा। इसी वजह से 3 जुलाई 1908 को अंग्रेजों ने तिलक को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें 6 साल की सजा सुनाई गई और जेल में डाल दिया गया। जेल में रहने के दौरान ही तिलक ने 400 पन्नों की किताब गीता रहस्य भी लिखी।
23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी में जन्मे तिलक आधुनिक कॉलेज शिक्षा पाने वाली पहली भारतीय पीढ़ी में से थे। उन्होंने कुछ समय तक स्कूल और कॉलेजों में गणित पढ़ाया। तिलक मानते थे कि अंग्रेजी शिक्षा भारतीय सभ्यता के प्रति अनादर सिखाती है, इसलिए उन्होंने दक्कन शिक्षा सोसाइटी की स्थापना की ताकि भारतीयों को अच्छी शिक्षा दी जा सके।
तिलक ने मराठी में ‘मराठा दर्पण’ और ‘केसरी’ नाम से दो अखबार शुरू किए थे, जिनमें वे अंग्रेजी शासन की क्रूरता के खिलाफ लिखा करते थे। ये दोनों ही अखबार लोगों में काफी पसंद किए जाते थे। लोकमान्य तिलक के प्रयासों से ही महाराष्ट्र में गणेश उत्सव और शिवाजी उत्सव को सामाजिक उत्सव का रूप मिला। इन त्योहारों के जरिए जनता को अंग्रेजों के अन्यायों के विरुद्ध जागरूक किया जाता था।
‘लोकमान्य’ बाल गंगाधर तिलक।
1896-97 में महाराष्ट्र में प्लेग महामारी फैली और इस दौरान तिलक ने खुद को राहत कार्यों में झोंक दिया, लेकिन वे महामारी के दौरान ब्रिटिश शासन के उपेक्षापूर्ण रवैये से सख्त नाराज थे। इसके लिए उन्होंने अखबार में एक लेख लिखा, जिसमें गीता की पंक्तियों के जरिए कहा गया था कि जुल्म करने वालों को बेकसूर नहीं माना जा सकता।
कहा जाता है कि उनके इस लेख से प्रेरित होकर चापेकर बंधुओं ने वाल्टर चार्ल्स रैंड की हत्या कर दी थी। ब्रिटिश सरकार ने तिलक को हत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
1914 में जेल से रिहा होने के बाद तिलक ने 1916 में एनीबेसेंट के साथ होम रूल लीग की स्थापना की। इस आन्दोलन का उद्देश्य भारत में स्वराज स्थापित करना था। होम रूल आन्दोलन के दौरान बाल गंगाधर तिलक को काफी प्रसिद्धी मिली, जिस कारण उन्हें लोकमान्य की उपाधि मिली। देश के इस महान नेता ने 01 अगस्त 1920 को अंतिम सांस ली। महात्मा गांधी ने उन्हें आधुनिक भारत के निर्माता की उपाधि दी थी।
1819: अमेरिका में पहला बचत बैंक ‘सेविंग बैंक ऑफ न्यूयॉर्क’ शुरू हुआ था
18वीं शताब्दी की शुरुआत में ही यूरोप में कई सेविंग बैंक खोले जा चुके थे और लाखों लोग उनकी सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे थे। जब अमेरिका के लोगों ने इन बैंकों का फायदा देखा तो उन्होंने भी इसी तरह का बैंक अमेरिका में खोलने की तैयारी की।
आज ही के दिन साल 1819 में अमेरिका के पहले सेविंग बैंक की शुरुआत हुई थी। ये अमेरिका का चौथा सार्वजनिक बैंक था। शुरुआत में अखबारों में इसे गरीबों का बैंक कहकर प्रचारित किया गया। इस बैंक को खोलने का उद्देश्य समाज के निचले तबके को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ना और उनकी सेविंग को सुरक्षित करना था।
इस बैंक की शुरुआत का श्रेय थॉमस एडी को जाता है। थॉमस ने 25 नवंबर 1816 को इस बारे में पहली मीटिंग की। कई मीटिंग के बाद बैंक का एक लिखित संविधान तैयार किया गया और बैंक को सेविंग बैंक ऑफ न्यूयॉर्क नाम दिया गया।
ब्लीकर स्ट्रीट पर स्थित सेविंग बैंक ऑफ न्यूयॉर्क की बिल्डिंग।
तय किया गया कि 5 से 50 डॉलर तक के डिपॉजिट पर 5% सालाना ब्याज दिया जाएगा। इससे ज्यादा की राशि पर ब्याज दर 6% होगी। ग्राहकों को एक डायरी दी जाती थी जिसमें लेनदेन का सारा हिसाब-किताब होता था। आज ही के दिन 1819 में बैंक की शुरुआत हुई।
बैंक को लोगों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला और महीनेभर में ही करीब 1 हजार अकाउंट खुल गए। कहा जाता है कि सिविल वॉर के दौरान जब अमेरिका के बाकी बैंक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे थे, तब भी इस बैंक में 11 मिलियन डॉलर का बैलेंस था।
1982 में इस बैंक को बफैलो सेविंग बैंक के साथ मर्ज कर दिया गया। 1991 में ये बैंक दिवालिया हो गया और सरकार ने इसे दो कंपनियों को बेच दिया।
देश-दुनिया के इतिहास में 3 जुलाई के दिन को इन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से भी याद किया जाता है…
1996: हिंदी फिल्मों के अभिनेता राजकुमार का निधन।
1928: जॉन लॉगी बेयर्ड ने लंदन में पहली बार रंगीन टेलिविजन के प्रसारण का डेमॉन्स्ट्रेशन किया।
1884: अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज डाउ जोंस ने दुनिया का पहला स्टॉक इंडेक्स जारी किया।
1661: पुर्तगाल ने बॉम्बे को ब्रिटेन के राजा चार्ल्स द्वितीय को गिफ्ट में दे दिया।
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