आज का इतिहास: ईस्ट इंडिया कंपनी के दिल्ली पर कब्जे के साथ कमजोर पड़ी 1857 की क्रांति, बहादुर शाह जफर के 3 बेटों को उनके सामने अंग्रेजों ने मारी गोली

आज का इतिहास: ईस्ट इंडिया कंपनी के दिल्ली पर कब्जे के साथ कमजोर पड़ी 1857 की क्रांति, बहादुर शाह जफर के 3 बेटों को उनके सामने अंग्रेजों ने मारी गोली

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  • As Soon As The News Of The Capture Of Delhi Spread Across The Country, The Tone Of The Rebellion Started Getting Louder.

14 मिनट पहले

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1857 के शुरुआती महीनों में ईस्ट इंडिया कंपनी ने सैनिकों को नई एनफील्ड राइफल दी। इन राइफल में कारतूस को लोड करने से पहले उसे मुंह से खोलना पड़ता था। सैनिकों के बीच ये बात फैल गई कि इस कारतूस में गाय और सूअर की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता है। सिपाहियों ने इस कारतूस का इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया। इस विरोध में मंगल पांडे सबसे आगे थे। उन्हें फांसी दे दी गई। 1857 की क्रांति का ये तात्कालिक कारण था।

धीरे-धीरे मेरठ की जेल से शुरू हुआ ये आंदोलन पूरे देश में फैल गया। सिपाही देशभर में अंग्रेजों के शासन को खत्म करने का इरादा कर चुके थे। अंग्रेजों को भगाकर वे मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर को शासन सौंपना चाहते थे। मेरठ के सिपाहियों की एक टोली 10 मई की रात को घोड़ों पर सवार होकर सुबह-सुबह दिल्ली पहुंच गई और उन्होंने बहादुर शाह जफर को अपना नेता घोषित कर दिया।

दिल्ली के कब्जे की खबर जैसे ही देशभर में फैली बगावत के सुर और तीखे होने लगे। छोटे-छोटे कस्बों और गांवों में भी बगावत होने लगी। कई मोर्चों पर ईस्ट इंडिया कंपनी की जबर्दस्त हार हुई। भारतीयों को लगने लगा कि कंपनी का शासन अब खत्म हो जाएगा।

हमले में दिल्ली के कश्मीर गेट को भी खासा नुकसान पहुंचा था।

हमले में दिल्ली के कश्मीर गेट को भी खासा नुकसान पहुंचा था।

लेकिन कंपनी ने पलटवार किया। इंग्लैंड से गोला-बारूद मंगवाया गया। पहला पड़ाव था दिल्ली। कंपनी की फौजों ने जुलाई से लेकर सितंबर तक दिल्ली की घेराबंदी कर रखी थी। जैसे ही अतिरिक्त गोला-बारूद दिल्ली के पास पहुंचा, कंपनी की जीत आसान हो गई। 20 सितंबर को अंग्रेज फौजों ने दिल्ली पर फिर कब्जा कर लिया था। अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की आंखों के सामने उनके तीन बेटों को गोली मारी गई। बाद में उन पर मुकदमा चलाकर उम्रकैद की सजा दी गई। रंगून की जेल में ही उन्होंने अंतिम सांस ली।

2004: इसरो ने पहला एजुकेशनल सैटेलाइट एजुसैट लॉन्च किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र यानी इसरो ने 20 सितंबर 2004 को जीसैट-3 लॉन्च किया था, जिसे एजुसैट के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत का पहला डेडिकेटेड एजुकेशनल सैटेलाइट है।

श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से एजुसैट को लॉन्च किया गया था।

श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से एजुसैट को लॉन्च किया गया था।

इससे सैटेलाइट-बेस्ड टू-वे कम्युनिकेशन स्थापित हुआ, जिससे क्लासरूम में एजुकेशनल कंटेंट डिलीवर किया जा रहा है। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान एजुसैट का इस्तेमाल कई राज्यों में सरकारी स्कूलों तक एजुकेशनल कंटेंट पहुंचाने के लिए हुआ है।

2011:अमेरिका में डोंट आस्क, डोंट टेल पॉलिसी खत्म

20 सितंबर 2011 को अमेरिकी मिलिट्री में डोंट आस्क, डोंट टेल पॉलिसी खत्म हुई। 1990 में क्लिंटन प्रशासन ने मिलिट्री में समलैंगिकों की इंट्री पर प्रतिबंध लगाया था। इसे ही बाद में डोंट आस्क, डोंट टेल पॉलिसी नाम दिया गया। इसके तहत समलैंगिकों को तब तक काम करने की इजाजत थी, जब तक कि उनकी पहचान साबित नहीं होती या जांच में सामने नहीं आ जाती। प्रेसिडेंट बराक ओबामा ने कांग्रेस में रिपब्लिकन पार्टी के विरोध के बाद भी इस पॉलिसी को खत्म किया था।

20 सितंबर के दिन को इतिहास में और किन-किन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से याद किया जाता है…

2010: मध्य प्रदेश के शिवपुरी में रेल हादसे में 21 लोगों की मौत हो गई। बदरवास स्टेशन पर खड़ी यात्री ट्रेन से मालगाड़ी टकरा गई।

2009ः मराठी फिल्म ‘हरिश्चन्द्राची फैक्ट्री’ को ऑस्कर अवॉर्ड्स की विदेशी फिल्म कैटेगरी में भारत की एंट्री के तौर पर चुना गया।

2008: इस्लामाबाद के मैरियट होटल में कार बम हमला। चेक राजदूत और तीन अमेरिकियों समेत 54 लोग मारे गए थे। अल-कायदा से लिंक तालिबान आतंकियों ने इसकी जिम्मेदारी ली थी।

2006ः ब्रिटेन के रॉयल बॉटेनिकल गार्डन्स में 200 वर्ष पुराने बीज उगाने में कामयाबी मिली।

2003ः संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित कर इजराइल से फिलिस्तीनी नेता यासिर अराफात की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा।

2001: अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने 9/11 के आतंकी हमले के बाद वॉर ऑन टेरर की घोषणा की। इस शब्द का इस्तेमाल यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस में बुश ने अपने भाषण में किया था।

1996: बेनजीर भुट्टो के भाई मुर्तजा भुट्टो और उनके छह फॉलोअरों की कराची में पुलिस से भिड़ंत में मौत हो गई थी। मुर्तजा भुट्टो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के शहीद भुट्टो धड़े का नेतृत्व करते थे।

1984: लेबनान की राजधानी बेरूत में स्थित अमेरिकी एम्बेसी पर आत्मघाती हमला हुआ।

1970: रूसी प्रोब ने चांद की सतह से चट्टानों के टुकड़े इकट्ठा किए थे।

1965: यूएन सिक्योरिटी काउंसिल ने सर्वसम्मति से भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोकने के लिए प्रस्ताव पास किया। भारत ने इस प्रस्ताव को 21 सितंबर को और पाकिस्तान ने 22 सितंबर को स्वीकार किया था। 23 सितंबर को युद्ध खत्म हुआ था।

1946: फ्रेंच रिविएरा की रिजॉर्ट सिटी में पहले कांस फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत हुई।

1946: पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज मार्कंडेय काटजू का जन्म हुआ।

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