आईआईएम अहमदाबाद में हैप्पीनेस पर कोर्स: ब्रीद अवेयरनेस, योग व ध्यान से भावी लीडर्स को खुश रहना सिखा रहे, उदारता की भी क्लास

आईआईएम अहमदाबाद में हैप्पीनेस पर कोर्स: ब्रीद अवेयरनेस, योग व ध्यान से भावी लीडर्स को खुश रहना सिखा रहे, उदारता की भी क्लास

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अहमदाबादएक घंटा पहलेलेखक: धारा राठौड़

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आईआईएम अहमदाबाद में हैप्पीनेस पर कोर्स: ब्रीद अवेयरनेस, योग व ध्यान से भावी लीडर्स को खुश रहना सिखा रहे, उदारता की भी क्लास

कोरोना के कारण बिजनेस व जॉब में खुशी घटी, इसी को ध्यान में रखकर ‘हील’ कोर्स शुरू किया। (एसोसिएट प्रोफेसर विशाल गुप्ता)

आईआईएम अहमदाबाद में स्टूडेंट इन दिनों प्रबंधन की बारीकियों के साथ ब्रीद अवेयरनेस, ईटिंग मेडिटेशन, थॉट मेडिटेशन, लविंग एंड काइंडनेस मेडिटेशन, बॉडी स्कैन और योग की तकनीकें भी सीख रहे हैं। दरअसल कोरोना के कारण बिजनेस और जॉब के क्षेत्र में भी बहुत सारे बदलाव आए हैं। इसके चलते वर्किंग प्रोफेशनल्स में तनाव और चिंता बेतहाशा बढ़ गई है।

संस्थान में ऑर्गेनाइजेशनल बिहेवियर के एसोसिएट प्रोफेसर विशाल गुप्ता बताते हैं कि कोरोना के बाद इमोशनल इंटेलिजेंस-माइंड पावर और लीडरशिप पर रिसर्च के दौरान इंडस्ट्री के लोगों से बातचीत में पता चला कि जिंदगी में खुशी कम हो गई है। या खुशी होते हुए भी लोग उसे बेहतर तरीके से महसूस नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए हैप्पीनेस से जुड़े कोर्स की पहल की। इस प्रोग्राम का नाम हील (हैप्पीनेस, इमोशनल इंटेलिजेंस एंड ऑथेंटिक लिविंग) है।

आईआईएम-ए के दो साल के पीजीपी प्रोग्राम, एक साल के पीजीपीएक्स और पीएचडी स्टूडेंट्स के लिए विकल्प के रूप में ये कोर्स रखा गया है। इन तीनों वर्टिकल में से 100 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने कोर्स में शामिल होने की इच्छा जताई थी। पर पहले मॉड्यूल में 45 स्टूडेंट्स को ही लिया गया है। फिलहाल ये प्रोग्राम स्टूडेंट्स के लिए ही है, अगले साल इंडस्ट्री के पेशेवरों के लिए भी इसे शुरू करेंगे।

कोर्स के दौरान स्टूडेंट्स को सांसों पर ध्यान देने, मेडिटेशन सही तरीके से करने और इसके विभिन्न तरीकों के बारे में थ्योरिटिकल और प्रैक्टिकली भी सिखाया जा रहा है। जैसे ईटिंग मेडिटेशन के दौरान खाने के 15-20 मिनट के महत्व को महसूस करना और मौजूदा पल में हर कोर (बाइट) का आनंद लेने के बारे में सिखाया जाता है। इसे माइंडफुल ईटिंग भी कहते हैं।

तनाव दूर करने के लिए माइंडफुल मेडिटेशन करवाया जाता है। इसे कहीं पर भी किसी वक्त करवाया जा सकता है। कोर्स ऑनलाइन नहीं रखा गया है। क्लासरूम टीचिंग रखने से स्टूडेंट्स इसे बेहतर तरीके से कर पाएंगे, अगर समस्या हुई तो वहीं पर चर्चा के जरिए हल भी निकाल सकते हैं।

खुशी का संबंध योग से भी, इसलिए कोर्स में इसे भी जोड़ा: प्रो. गुप्ता
योग और खुशी एक दूसरे से सीधे तौर पर जुड़े हैं। इसलिए कोर्स में योग भी जोड़ा गया है। आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर आशीष पांडे योग और इमोशनल इंटेलिजेंस का प्रशिक्षण देंगे। प्रो. विशाल गुप्ता बताते हैं, ‘दूसरों के लिए उदारता रखने के बारे में लविंग एंड काइंडनेस मेडिटेशन के जरिए सिखाया जाएगा। यह मेडिटेशन लक्ष्य पाने के लिए नहीं किया जाता बल्कि यह केवल अनुभव करने की प्रक्रिया है। इससे प्रतिभागियों को काफी फायदा होगा।’

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