असम-मिजोरम सीमा विवाद: हिंसा में 6 की मौत के बाद तनाव, बॉर्डर पर CRPF तैनात; असम के CM बोले- हमारे जवानों को मारने के बाद मिजोरम पुलिस ने जश्न मनाया

असम-मिजोरम सीमा विवाद: हिंसा में 6 की मौत के बाद तनाव, बॉर्डर पर CRPF तैनात; असम के CM बोले- हमारे जवानों को मारने के बाद मिजोरम पुलिस ने जश्न मनाया

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गुवाहाटी3 मिनट पहले

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असम-मिजोरम सीमा विवाद: हिंसा में 6 की मौत के बाद तनाव, बॉर्डर पर CRPF तैनात; असम के CM बोले- हमारे जवानों को मारने के बाद मिजोरम पुलिस ने जश्न मनाया

असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद का मुद्दा सोमवार को हिंसक हो गया। दोनों राज्यों की पुलिस और नागरिकों के बीच झड़प हुई। दोनों तरफ से पहले लाठियां चलीं, मामला बढ़ा तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इस बीच फायरिंग भी हुई। हिंसा के बाद तनाव के बीच असम और मिजोरम के बीच विवादित बॉर्डर पर CRPF की दो कॉनवॉय तैनात की गई हैं।

इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने दावा किया कि फायरिंग में असम पुलिस के 5 जवानों की मौत हो गई है। कछार जिले के SP वैभव निंबालकर चंद्रकार भी घायल हुए हैं। उनके पैर में गोली लगी है और वे ICU में हैं। इसके साथ ही 50 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं।

अतिक्रमण हटाने को लेकर दोनों राज्यों की पुलिस और नागरिकों के बीच ये विवाद शुरू हुआ। इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए और दोनों तरफ से लाठी, पत्थर से हमला शुरू हो गया। गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में असम का दौरा किया था। उनके दौरे के दो दिन बाद यह हिंसा हुई है।

49 साल से चला आ रहा विवाद

  • मिजोरम 1972 में केंद्रशासित प्रदेश और 1987 में एक राज्‍य के रूप में अस्तित्‍व में आया। तब से ही मिजोरम का असम के साथ सीमा विवाद चल रहा है।
  • पहले असम के कछार जिले में जिस इलाके को लुशाई हिल्‍स के नाम से जाना जाता था, उसे ही मिजोरम का दर्जा दे दिया गया।
  • 1933 की अधिसूचना के जरिए लुशाई हिल्‍स और मणिपुर का सीमांकन किया गया था।
  • मिजोरम का ऐसा मानना है कि यह सीमांकन 1875 की अधिसूचना पर आधारित होना चाहिए।
  • मिजो नेताओं का कहना है कि 1933 में मिजो समाज से सलाह नहीं ली गई थी। इसलिए वे लोग इस अधिसूचना के खिलाफ है।
  • दूसरी ओर असम सरकार 1933 की अधिसूचना का ही पालन करती है।

असम के CM ने मिजोरम पुलिस का जश्न मनाते वीडियो ट्वीट किया
इस बीच, मामले में एक और नया विवाद जुड़ गया है। दरअसल, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर एक वीडियो ट्वीट किया है। इस वीडियो में मिजोरम पुलिस के जवानों को जश्न मनाते हुए दिखाया गया है। वे स्थानीय लोगों से हाथ मिला रहे हैं और एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं।

असम के सीएम ने लिखा- ‘असम के 5 पुलिस कर्मियों की हत्या और कई को घायल करने के बाद मिजोरम पुलिस और गुंडे ऐसे जश्न मना मना रहे हैं। दुखद और भयावह। सरमा ने पहले के ट्वीट में 6 पुलिसकर्मियों के मारे जाने का दावा किया था। हालांकि, सरकार ने देर रात जारी बयान में 5 पुलिसकर्मियों की मौत की जानकारी दी है।

एक अन्य ट्विट में सरमा ने लिखा कि, इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि मिजोरम पुलिस ने असम पुलिस के जवानों पर लाइट मशीन गन (LMG) का इस्तेमाल किया। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और उनकी मंशा को दर्शाता है।

असम पुलिस ने लगाया पथराव का आरोप
हिंसा को लेकर असम पुलिस की तरफ से कहा गया, ‘यह दुर्भाग्‍यपूर्ण है कि मिजोरम से कुछ असामाजिक तत्‍व असम के सरकारी अधिकारियों पर पथराव कर रहे हैं। ये अधिकारी लैलापुर में राज्य की जमीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए तैनात किए गए हैं।’

सोमवार को विवाद के बाद असम-मणिपुर बॉर्डर पर लाठी-पत्थर लिए लोग जमा हो गए थे।

सोमवार को विवाद के बाद असम-मणिपुर बॉर्डर पर लाठी-पत्थर लिए लोग जमा हो गए थे।

अतिक्रमण हटाने को लेकर हुआ विवाद
दोनों राज्‍यों के बीच सीमा विवाद तब गहराया, जब असम पुलिस ने अपनी जमीन पर कथित अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू की। असम सरकार की टीम जब 10 जुलाई को मौके पर पहुंची, तो कुछ लोगों ने आईईडी से हमला कर दिया। इसके बाद यहां विवाद बढ़ गया और दोनों तरफ से पुलिस तैनात कर दी गई।

गृह मंत्री ने दोनों राज्यों के CM से बात की
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार की हिंसा पर असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों से बात की है। उन्होंने सीमा विवाद को शांति से हल करने को कहा है। जानकारी के मुताबिक, सोमवार देर शाम को दोनों राज्यों की पुलिस विवादित जगह से लौट गई है।

गृह मंत्री ने दो दिन पहले ही नॉर्थ-ईस्ट राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सीमा विवाद को लेकर शिलांग में मीटिंग की थी। इसमें असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और सिक्किम के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख शामिल हुए थे।

हिंसा के दौरान पुलिस की गाड़ियों को भी निशाना बनाया गया।

हिंसा के दौरान पुलिस की गाड़ियों को भी निशाना बनाया गया।

ट्विटर पर भिड़े दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री
मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने पुलिस और आम लोगों के बीच हुई झड़प का एक वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में फौरन दखल देने की मांग की है। मिजोरम के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि असम की पुलिस ने आम लोगों पर आंसू गैस के गोले और लाठियां बरसाई हैं।

इधर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को टैग करते हुए लिखा, ‘मैंने अभी-अभी मिजोरम के CM जोरमथंगा जी से बात की है। असम दोनों राज्यों की सीमा पर यथास्थिति और शांति बनाए रखेगा। जरूरत पड़ी तो मैं खुद बात करने के लिए आइजोल जाऊंगा।’

सरमा ने एक और ट्वीट किया, ‘जोरमथंगा जी, कोलासिब (मिजोरम) के SP ने हमसे कहा है कि जब तक हम अपनी पोस्ट से पीछे नहीं हट जाते, तब तक उनके नागरिक हिंसा नहीं रोकेंगे। ऐसे हालात में सरकार कैसे चला सकते हैं?’ इसके बाद उन्‍होंने अमित शाह और प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग करते हुए लिखा है, ‘आशा है कि आप जल्‍द से जल्‍द दखल देंगे।’

इस ट्वीट के जवाब में जोरमथंगा ने ट्वीट किया, हिमंत जी, अमित शाह जी ने दोनों मुख्‍यमंत्रियों की सौहार्दपूर्ण बैठक कराई थी। उसके बाद आश्‍चर्यजनक रूप से आज मिजोरम में वेरिंगटे ऑटो रिक्‍शा स्‍टैंड के पास असम पुलिस की दो कंपनियां नागरिकों के साथ आईं और वहां मौजूद नागरिकों पर आंसू गैस के गोले दागे और लाठी चार्ज किया। उन्‍होंने CRPF और मिजोरम पुलिस के जवानों को भी खदेड़ दिया।’

कांग्रेस ने शाह को बताया जिम्मेदार
असम-मिजोरम सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों की पुलिस और नागरिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों में भाजपा गठबंधन की सरकार है। केंद्र में खुद भाजपा बैठी है। इन राज्यों के मुख्यमंत्री कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहे और लोगों को बेवजह हिंसा में धकेल दिया। यहां सीधे तौर पर गृह मंत्री अमित शाह की जिम्मेदारी बनती है। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

CRPF के एडीजी बोले- हमने किसी का पक्ष नहीं लिया
पूरे मामले पर CRPF के एडीजी संजीव रंजन ओझा ने बताया कि हमारी दो कंपनियां (असम में 119 बटालियन और मिजोरम में 225 बटालियन) असम और मिजोरम के बीच लैलापुर-वैरेंगटे विवादित स्थल पर तैनात हैं। दोनों राज्यों के पुलिसकर्मियों के साथ सीआरपीएफ की दोनों बटालियन मौजूद थी, लेकिन फायरिंग के दौरान हमने किसी का पक्ष नहीं लिया।

दोनों तरफ से हुई गोलीबारी

  • घटनास्थल पर मिजोरम पुलिस ऊंचाई पर मौजूद थी और असम पुलिस के जवान मैदानी इलाकों में थे। विवाद बढ़ा तो आंसू गैस के गोले छोड़े गए। कुछ राउंड की गोलीबारी के बाद अचानक हिंसा शुरू हाे गई और दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई। इसमें असम के 6 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई।
  • सीआरपीएफ ने मामले की जानकारी डीआईजी सिलचर को दी थी। उन्होंने सीआरपीएफ के डीजी से भी बात की। डीजी सीआरपीएफ ने गृह सचिव को विस्तृत जानकारी दी और बाद में गृह मंत्री को मामले से अवगत कराया गया।

शाम 4 बजे CRPF ने काबू किए हालात
शाम 4 बजे CRPF को स्थिति नियंत्रण करने का निर्देश मिला। करीब 4.30 बजे गृह मंत्री ने असम और मिजोरम के दोनों मुख्यमंत्रियों से बात की। उसके बाद दोनों राज्य अपनी पुलिस फोर्स को वापस बुलाने पर सहमत हुए। इसके बाद CRPF ने लाउड स्पीकर से दोनों तरफ को शांत रहने की अपील की। इसके बाद सिर्फ असम की पुलिस घटनास्थल से हटी। मिजोरम के DIG भी घटनास्थल पर पहुंचे, वे भी अपनी फोर्स को जगह छोड़ने के लिए बातचीत कर रहे थे। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।

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