अरावली की पहाड़ियों में नजर आईं दुलर्भ तितलियां: 6 घंटे तक 10 गांवों में 1 हजार हेक्टेयर का सर्वेक्षण और 60 प्रजातियों की पहचान, अगला पड़ाव यमुनानगर का कालेसर उद्यान
[ad_1]
- Hindi News
- Local
- Haryana
- Rohtak
- Rewari
- Rare Species Of Butterflies Were Identified In The Survey In 1 Thousand Hectares Of Aravalli Range, Next Survey In Kalesar Of Yamunanagar
रेवाड़ी11 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
हरियाणा के रेवाड़ी में अरावली क्षेत्र से तितलियों की श्रृंखला नजर आई हैं। तितलियों पर पहली बार किए गए सर्वेक्षण में अरावली क्षेत्र में 60 प्रजातियों की पहचान की गई हैं। इनमें बहुत से खास किस्म की तितलियां भी शामिल हैं। 5 से 6 सदस्यों वाली 10 टीमों ने मंगलवार को रेवाड़ी के अरावली क्षेत्र में लगातार 6 घंटे तक सर्वेक्षण किया, जिसमें यह खूबसूरत तस्वीर सामने आई। वन्यजीव विभाग का अब अगला पड़ाव गुरुवार को यमुनानगर के कालेसर स्थित राष्ट्रीय उद्यान है, यहां भी इसी तरह का सर्वेक्षण होगा। अक्टूबर के पहले सप्ताह में दक्षिणी हरियाणा के अन्य जिलों में भी इस तरह के और सर्वेक्षण होने की संभावना है। दरअसल, रेवाड़ी जिले का एक बड़ा हिस्सा अरावली क्षेत्र में आता हैं। अभी तक अरावली क्षेत्र में कोई बड़ा सर्वेक्षण नहीं हुआ, लेकिन तितलियों पर पहली बार हरियाणा में सर्वेक्षण की शुरूआत रेवाड़ी से हुई हैं। अरावली के साथ लगते जिले के 10 गांवों में देशभर के 50 से ज्यादा एक्सपर्ट ने यहां सर्वेक्षण किया है। गुरुग्राम सर्कल के मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एमएस मलिक ने कहा कि तितलियों की उपस्थिति एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत है। हमें कम समय में सर्वेक्षण के लिए बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली। इस क्षेत्र में पहचानी गई प्रजातियों के साथ, हम अपनी संरक्षण रणनीतियों की बेहतर योजना बनाने में सक्षम होंगे। इस बात पर ध्यान केंद्रित करते हुए कि पारिस्थितिकी को और बेहतर बनाने के लिए कौन से पौधे लगाए जाने चाहिए।
दिल्ली-मुम्बई के अलावा देशभर एक्सपर्ट रहे शामिल
रेवाड़ी जिले का खोल खंड का बड़ा एरिया अरावली में आता है। मंगलवार सुबह मुम्बई, दिल्ली, फरीदाबाद सहित देशभर के अन्य बड़े शहरों से 5 से 6 सदस्यों की कुल 10 टीमें गांव पालड़ा, अहरोद, बासदूदा, खोल, मनेठी, भालकी, माजरा, नांधा, बलवाड़ी व खालेटा में पहुंची। 6 घंटे तक यहां एक्सपर्ट ने तितलियों पर सर्वेक्षण किया। इस बीच हरियाणा वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन जगदीश चंदर ने भी सर्वेक्षण में साथ रहे। अधिकारियों ने बताया कि तितलियों की सामान्य और असामान्य दोनों प्रजातियों की पहचान के साथ सर्वेक्षण सफल रहा। तथ्य यह है कि 6 घंटे के भीतर 1 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 60 प्रजातियों की पहचान की गई थी। यह दर्शाता है कि इस क्षेत्र के पेड़ और झाड़ी की संरचना बहुत अच्छी है।
कौन सी प्रजातिया आम है, इसके लिए और सर्वेक्षण की जरूरत
सर्वेक्षण में भाग लेने वाले मुम्बई नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के सोहेल मदान ने कहा कि सर्वेक्षण के दौरान तितलियों की 60 से अधिक प्रजातियों को देखा गया, जो एक अच्छी प्रतिक्रिया है, लेकिन यह समझने के लिए कि कौन सी प्रजातियां वास्तव में आम हैं, इस तरह के और सर्वेक्षणों की आवश्यकता है। क्षेत्र और कौन से दुर्लभ हैं यह भी जानना जरूरी हैं। सामान्य अल्बाट्रॉस, जिसे मंगलवार को देखा गया था, एक असामान्य तितली है, लेकिन यह उस क्षेत्र के लिए सामान्य हो सकता है यह केवल भविष्य के सर्वेक्षणों के साथ ही जाना जा सकता है। लेकिन यह एक अच्छी पहल है क्योंकि हम और अधिक समझने की कोशिश कर रहे हैं कि इसमें और क्या किया जा सकता है।
असामान्य तिलतिलां भी नजर आई
अधिकारियों ने कहा कि धारीदार बाघ तितली, पीली पैंसी तितली, बेदाग घास पीली तितली और आम गुलाब की तितली देखी जाने वाली लोकप्रिय प्रजातियों में से हैं। इनके अलावा भी कुछ अन्य तितलियां इस सर्वेक्षण में सामने आई हैं, जो असमान्य हैं।
इस मौसम में अधिक दिखाई देती है
अधिकारियों ने आगे कहा कि इस मौसम में सबसे अधिक तितलियां दिखाई देती हैं, जो लार्वा प्रजनन अवस्था के ठीक बाद आती हैं। अक्टूबर के पहले सप्ताह तक तितलियों के दर्शन जारी रहने की संभावना है। अधिकारियों की माने तो एक तितली की लाइफ एक माह तक ही होती हैं। 30 सितंबर गुरुवार को यमुनानगर के कालेसर स्थित राष्ट्रीय उद्यान में इसी तरह का सर्वेक्षण होगा। उसके बाद दक्षिणी हरियाणा के अन्य जिलों में अक्टूबर के पहले सप्ताह में ओर भी सर्वेक्षण होने की संभावना हैं।
[ad_2]
Source link