अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा मैं अपने फैसले पर अडिग, सवाल अशरफ गनी से पूछिए
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार रात अपने संबोधन में यह स्पष्ट कर दिया कि वो अब अपने फैसले से पीछे नहीं हटने वाले हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने अपने संसाधन और सैनिकों से अफगानिस्तान की बहुत मदद की। अब यह अफगानिस्तान के लोगों को तय करना है कि वो अपना भविष्य कैसा चाहते हैं। इसलिए उन्हें आगे आकर लड़ाई लड़नी होगी। जो बाइडेन ने कहा कि मैं अपने देशवासियों को अब और ज्यादा गुमराह नहीं करुंगा। मैं उनसे यह नहीं कहूंगा कि यह लड़ाई बस कुछ ही दिन में खत्म नहीं हो जाएगी, क्योंकि यह फैक्ट नहीं है। इस दौरान उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अचानक हालात बदले। लेकिन मैं अपने फैसले पर अडिग हूं।
#WATCH | “Our mission in Afghanistan was never supposed to be nation-building or create a unified, centralised democracy. Our only vital national interest in Afghanistan remains today what it has always been preventing terrorist attack on American homeland” says US Pres Joe Biden pic.twitter.com/TqOxrUOtdT
— ANI (@ANI) August 16, 2021
मैं फिलहाल अफगानिस्तान के साथ खड़ा हूं
बाइडेन ने कहा कि मेरी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम और मैं लगातार अफगानिस्तान में जमीनी हालात का मुआयना कर रहे हैं। जहां भी जिस तरह की मदद की जरूरत पड़ रही है, हम वहां ऐसा एक्शन ले रहे हैं। जो बाइडेन ने कहा कि फिलहाल जो कुछ भी अफगानिस्तान में हो रहा है वह बहुत दुखी करने वाला है। मैं इस स्थिति में अफगानिस्तान के साथ खड़ा हूं। जब तक वहां से सभी लोगों को सुरक्षित निकाल नहीं लिया जाता तब तक अमेरिका पूरी तरह से सक्रिय रहेगा। इस दौरान अगर अफगानिस्तान किसी भी तरह की गुस्ताखी करता है तो उसका मुंहतोड़ जवाब भी दिया जाएगा। शरणार्थियों को बेहतर सुविधा दी जाएगी। अफगानिस्तान में अब भी कुछ चीजें नियंत्रण में हैं। लेकिन एक बार यह मिशन पूरा हो जाने के बाद अमेरिका अफगानिस्तान से हमेशा-हमेशा के लिए पूरी तरह से हट जाएगा।
हम अफगानिस्तान को स्थापित करने नहीं आए थे
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अलग-अलग देशों में हम आतंकवाद को खत्म करने के लिए मिशन चलाते रहते हैं। लेकिन कहीं भी हमारी सेना स्थायी रूप से मौजूद नहीं है। अगर जरूरत पड़ी तो हम अफगानिस्तान में फिर से ऐसा एंटी टेररिज्म मिशन चला सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम यहां के हालात पर निगाह रखेंगे और किसी तरह की जरूरत पड़ने पर तत्काल एक्शन लेंगे। जो बाइडेन ने स्पष्ट किया कि उनका इरादा कभी अफगानिस्तान को बतौर राष्ट्र स्थापित करना या यहां पर लोकतंत्र स्थापित करना नहीं रहा। हमारा मकसद स्पष्ट था कि कोई अफगानिस्तान को अमेरिका पर हमला करने के लिए इस्तेमाल न कर सके।
We went to Afghanistan almost 20 years ago with clear goals, get those who attacked us on Sept 11, 2001, & make sure Al-Qaeda can’t use Afghanistan as a base from which to attack us again. We did that: US President Joe Biden pic.twitter.com/TYnzro27XW
— ANI (@ANI) August 16, 2021
हम अलकायदा को नष्ट करने आए थे, किया
बाइडेन ने कहा कि हम करीब 20 साल पहले अफगानिस्तान गए थे। तब हमारा लक्ष्य बिल्कुल तय था कि 11 सितंबर 2001 के हमलावरों को पकड़ें। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि अलकायदा फिर से अफगानिस्तान को बेस बनाकर हमारे ऊपर हमला न कर सके। हम यह करने में पूरी तरह से सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने अफगानिस्तान में अलकायदा को नेस्तनाबूद कर डाला। हमने ओसामा बिन लादेन को ढूंढा और उसे भी खत्म किया।
अब और जोखिम नहीं उठा सकती सेना
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान की समस्या हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला नहीं है। हमारे सैनिकों ने बहुत त्याग किया है। अब वो और अधिक जोखिम नहीं उठा सकते हैं। जो बाइडेन ने कहा कि रिपब्लिकन और डेमोक्रेट मिलाकर मैं इस देश का चौथा राष्ट्रपति हूं। लेकिन अब आगे इस दौर को जारी नहीं रखा जा सकता। उन्होंने कहा कि आगे भी अफगानिस्तान को मदद मिलती रहेगी। लेकिन अमेरिकियों के लिए यही एक बेहतर फैसला है।
अफगान नेताओं में भविष्य की योजना नहीं
बाइडेन ने कहा कि पिछले 20 साल में कभी भी ऐसे हालात नहीं थे कि वहां से फौज को वापस बुलाया जाता। लेकिन मैंने अमेरिका के लोगों से वादा किया था कि मैं यह करूंगा। लेकिन हुआ क्या, अमेरिकी फौजों के वापस आने के बाद अफगान नेताओं ने लड़ना मुनासिब नहीं समझा। वो देश छोड़कर भाग गए। हमने करोड़ों डॉलर खर्च किए। बेहतरीन हथियार दिए। लेकिन उन्होंने लड़ाई नहीं लड़ी। जो बाइडेन ने कहा कि अफगानिस्तान के नेताओं में अपने भविष्य के लिए कोई योजना नहीं है। वह किसी भी तरह से अपनी लड़ाई नहीं लड़ना चाहते हैं। उन्होने कहा कि अगले एक, दो, पांच या 20 साल तक अमेरिकी फौजें अफगानिस्तान में लड़ती रहेंगी, लेकिन इससे हासिल क्या होगा।
बिना लड़े भाग खड़े हुए अशरफ गनी
जो बाइडेन ने कहा कि आखिर कब तक अमेरिका की पीढ़ियां अपना पैसा और अपनी जान देकर अफगानिस्तान की रक्षा करती रहेंगी। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से सवाल पूछे जाने चाहिए। वह बिना लड़े भाग खड़े हुए। अफगान सरकार में भ्रष्टाचार की समस्या थी। हम आखिर कब तक अमेरिकी सेना को वहां पर रख सकते हैं। इससे पूर्व पेंटागन ने अपने बयान में कहा कि अफगानिस्तान सरकार में नेतृत्व में कमी थी। वहीं अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने ट्वीट किया कि हम आतंकवाद से लड़ने में सक्षम हैं। आतंकवाद से लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि हमने आतंकवाद से लड़ने में हमने अपनी काबिलियत को साबित किया है।
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