अमेरिकी डिफेंस सेक्रेटरी ने कहा, अल-कायदा फिर से अफगानिस्तान को आतंक का अड्डा बना सकता है
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अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि 20 साल पहले अमेरिका पर हमला करने वाला चरमपंथी समूह अल-कायदा ने अफगानिस्तान को एक मंच के रूप में इस्तेमाल किया था। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी और तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अल-कायदा वहां फिर से जगह बनाने की कोशिश कर सकता है। ऑस्टिन ने कहा है कि अमेरिका किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए अफगानिस्तान में अल-कायदा को रोकने को तैयार है।
ऑस्टिन ने कहा है कि एनालिस्ट्स देख रहे हैं कि अल-कायदा अफगानिस्तान में फिर से अपना अड्डा जमाने में सफल होता है या नहीं। अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे चरमपंथी संगठनों की यह प्रकृति रही है कि वह हर हमेशा बढ़ने, फैलने और जगह बनाने की कोशिश में रहे हैं।
बता दें कि 1996 से लेकर 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान शासन के दौरान तालिबान ने अल-कायदा को शरण दी थी। 11 सितंबर को 2001 को अमेरिका पर अल-कायदा द्वारा किए गए हमले के बाद अमेरिका ने तालिबान से अल-कायदा नेताओं को मांगा था। इस बात पर तालिबान ने ना कर दी थी। जिसके बाद अमेरिका ने अल-कायदा को उखाड़ फेंकने के लिए अफगानिस्तान पर हमला किया था। रिपोर्ट्स बताती हैं कि पिछले 20 साल से जारी युद्ध के बाद अल-कायदा बेहद कमजोर हो गया। लेकिन अब अफगानिस्तान पर फिर से तालिबान के कब्जे के बाद अल-कायदा फिर से मजबूत हो सकता है।
ऑस्टिन ने कहा है कि हमने तालिबान से साफ़ शब्दों में कहा है कि वह अल-कायदा या किसी भी चरमपंथी को अफगानिस्तान में आतंक का अड्डा नहीं बनने देंगे। लेकिन अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि तालिबान ने अल-कायदा से संबंध बनाए हुए है।
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