अमेजन-फ्यूचर डील सस्पेंड के मायने: डील सस्पेंड होने की क्या है वजह, इससे अमेजन को कितना नुकसान और रिलायंस को कितना फायदा?
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नई दिल्ली31 मिनट पहले
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कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने अमेजन पर 200 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। साथ ही, 2 साल के बाद अमेजन और और फ्यूचर ग्रुप की डील को सस्पेंड कर दिया है। रेगुलेटर अप्रूवल के दौरान अमेजन पर जानकारी छिपाने की बात सामने आई। इसी वजह से कंपनी पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया। साल 2019 में अमेजन ने 1500 करोड़ रुपए में फ्यूचर कूपन में 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। CCI ने शुक्रवार को इसे सस्पेंड कर दिया।
आखिर इस डील को सस्पेंड करने की वजह क्या रही? अमेजन पर जुर्माना क्यों लगाया गया? इससे अमेजन को कितना नुकसान होगा? ये डील सस्पेंड होने से रिलायंस को क्या फायदा होगा? और इस डील के सस्पेंड होने का यूजर्स पर क्या असर होगा? इस खबर में इन तमाम सवालों के जवाब जानते हैं।
सबसे पहले जानते हैं डील को सस्पेंड करने की वजह क्या रही?
फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (FPCL) और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने आरोप लगाया था कि अमेजन का FPCL में 49% हिस्सेदारी का मकसद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को इंडायरेक्ट रूप से कंट्रोल करना था। इन्हीं आरोपों को ध्यान में रखते हुए कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने इस डील को सस्पेंड कर दिया। हालांकि, CCI ने डील को नए सिरे से देखने के लिए भी कहा है।
अमेजन पर 200 करोड़ का जुर्माना क्यों लगाया गया?
कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने 57 पन्नों के आदेश में इस डील को सस्पेंड किया है। CCI ने कहा कि अमेजन ने डील के अपने असली मकसद को छिपाया। अमेजन ने इस डील के लिए अनुमति लेने के दौरान डील के वास्तविक स्कोप को कम करके दिखाया। साथ ही एग्रीमेंट के लिए झूठे और गलत बयान दिए। अनुमति लेने के लिए अहम जानकारियां छिपाने को लेकर अमेजन पर 200 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।
अमेजन को क्या नुकसान हो सकता है?
वित्त वर्ष 2020-21 में फ्यूचर रिटेल का रेवेन्यू 6,304 करोड़ रुपए रहा। हालांकि, एक साल पहले की तुलना में इसमें 69% की गिरावट रही। फ्यूचर रिटेल बिग बाजार, हाइपरसिटी, ईजी डे क्लब और हेरिटेज फ्रेश जैसे स्टोर को चलाता है। अमेजन घाटे में चल रही कंपनी में 49% हिस्सेदारी पाना चाहती थी। इससे भविष्य में अमेजन का बड़ा प्रॉफिट होता। फिलहाल, अमेजन पर कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने 200 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। यानी कंपनी के लिए 200 करोड़ का नुकसान होना तय है।
अमेजन के लिए इस डील में आगे क्या होगा?
कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) अमेजन के 2019 में फ्यूचर ग्रुप में किए गए 20 करोड़ डॉलर (करीब 1,500 करोड़ रुपए) के निवेश की समीक्षा कर रहा था। उसने डील को सस्पेंड करके इसे नए सिरे से देखने के लिए कहा है। CCI के आदेश के बाद अमेजन 60 दिन के अंदर अपना जवाब दाखिल कर सकती है। तब तक 2019 की इस डील पर रोक बनी रहेगी।
ये डील सस्पेंड होने से रिलायंस को क्या फायदा होगा?
माना जा रहा है कि अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच ये कानूनी विवाद असल में रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच पिछले साल अगस्त में हुई 24,713 करोड़ रुपए की डील से जुड़ा है। रिलायंस-फ्यूचर डील के तहत फ्यूचर ग्रुप की रिटेल और लॉजिस्टिक कंपनियों की पूरी हिस्सेदारी रिलायंस ग्रुप को मिलने वाली है। अमेजन-फ्यूचर डील के सस्पेंड होने से रिलायंस रिटेल की फ्यूचर रिटेल के साथ हुई डील की मंजूरी की संभावनाएं बढ़ गई हैं। अगर आने वाले समय में रिलायंस की डील को मंजूरी मिल जाती है तो इससे रिलायंस को फ्यूचर ग्रुप का रिटेल, वेयर हाउस और लॉजिस्टिक्स बिजनेस मिलेगा।
वैसे, रिलायंस-फ्यूचर रिटेल डील पर आपत्ति जताते हुए अमेजन ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) का रुख किया है। अमेजन का कहना है कि रिलायंस और फ्यूचर रिटेल की डील उसकी और फ्यूचर कूपन के बीच हुई डील के खिलाफ है। इसके बाद हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में ये मामला चल रहा है।
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