अब ब्रिटेन भी अफगानिस्तान से निकालेगा अपने कर्मचारी, मददगार अफगान नागरिकों को मिलेगी मदद
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अफगानिस्तान में तालिबान की पकड़ लगातार मजबूत होती जा रही है। इसके साथ ही तमाम देश वहां पर अपने दूतावासों को खाली कर रहे हैं। भारत भी अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकाल रहा है। तमाम भारतीय कंपनियों सरकार की तरफ से कह दिया गया है कि वो जल्द से जल्द भारत लौट जाएं। वहीं ब्रिटेन ने भी इस दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस बात का ऐलान कर दिया है। इसके तहत अफगानिस्तान की लंदन एंबेसी से बड़ी संख्या में कर्मचारियों को निकाला जाएगा। इसके साथ ही साथ उन अफगान नागरिकों को भी ब्रिटेन वहां से निकालेगा जिन्होंने ब्रिटिश फौज की मदद की है।
In next few days, we’ll see vast bulk of UK embassy staff, officials come back. We’ll step up efforts to bring back those Afghans who’ve helped UK & int’l forces in last 20 yrs. We’re sending another team of Home Office officials to get them out:UK PM Boris Johnson on Afghanistan pic.twitter.com/LyYLFsV7dZ
— ANI (@ANI) August 13, 2021
तेजी से बंद हो रहे हैं दूतावास
गौरतलब है कि तालिबान ने दावा किया है कि उसने अफगानिस्तान के 90 फीसदी हिस्से पर कब्जा कर लिया है। खबरों में बताया गया है कि तालिबान अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से 50 किमी की दूरी पर ही रह गया है। ऐसे में करीब-करीब सभी देशों ने अफगान स्थित दूतावास को बंद कर दिया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस बात की घोषणा करते हुए बताया कि अगले कुछ दिनों में ब्रिटिश एंबेसी के कर्मचारियों और अधिकारियों को देश वापस बुला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हम उन अफगान नागरिकों को भी वहां से निकालेंगे जिन्होंने पिछले 20 साल में हमारी मदद की है। इसके लिए हम होम ऑफिस के अधिकारियों को वहां भेज रहे हैं।
समस्या का मिलिट्री सॉल्यूशन नहीं
इस दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 20 साल में अफगानिस्तान में ब्रिटेन ने जो कुछ भी किया, उस पर हमें बहुत गर्व है। अब इस समस्या का मिलिट्री सॉल्यूशन नहीं है। हालांकि यह ब्रिटिश सैन्य बलों का ही प्रयास है कि लंबे समय से पश्चिम पर अलकायदा ने कोई हमला नहीं किया है। गौरतलब है कि कुछ वक्त पहले ही अमेरिका ने भी उन अफगान नागरिकों को अफगानिस्तान से निकाला था, जिन्होंने उनके सैनिकों की वहां पर मदद की है। इसके अमेरिकी सरकार ने बाकायदा मुहिम चलाई थी।
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