अफगान सरकार के हाथ से राजधानी भी गई, काबुल के मुहाने तक पहुंचे तालिबानी लड़ाके
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अफगानिस्तान में तालिबानी कहर के बीच अब राजधानी काबुल भी सरकार के हाथों से फिसलती दिख रही है। अफगानिस्तान के तीन अधिकारियों ने बताया है कि तालिबानी राजधानी काबुल के बाहरी इलाके तक पहुंच गए हैं। आज सुबह ही तालिबान ने जलालाबाद पर कब्जा किया, जिसके बाद से ही काबुल पर खतरा और बढ़ गया था। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अफगान आंतरिक मंत्रालय ने रविवार को कहा कि तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हर तरफ से घुसना शुरू कर दिया है।
पहचान जाहिर न करने की शर्त पर अफघानिस्तान के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल इस इलाके में किसी तरह का संघर्ष नहीं हो रहा है। तालिबान के लड़ाके कलाकन, काराबाघ और पघमन जिलों में घुस गए थे। हालांकि, अभी तक तालिबान ने काबुल पर कब्जे का ऐलान नहीं किया है। हालांकि, रविवार को हेलीकॉप्टरों के मंडराने के बाद सरकारी दफ्तरों ने अचानक ही अपने कर्मचारियों को जल्दी घर भेजना शुरू कर दिया था।
इससे पहले तालिबान ने रविवार को ही काबुल के बाहर आखिरी बड़े शहर जलालाबाद पर कब्जा कर लिया था। जलालाबाद के जाने के बाद से ही काबुल के अलावा देश की सिर्फ 6 प्रांतीय राजधानियां ही हैं, जिनपर काबुल का कब्जा नहीं है। अफगानिस्तान में कुल 34 प्रांत हैं।
इससे पहले तालिबान ने रविवार सुबह कुछ तस्वीरें ऑनलाइन जारी कीं जिनमें उसके लोगों को नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में गवर्नर के दफ्तर में देखा जा सकता है। प्रांत के सांसद अबरारुल्ला मुराद ने एसोसिएटिड प्रेस को बताया कि चरमपंथियों ने जलालाबाद पर कब्जा कर लिया है। तालिबान ने पिछले सप्ताह में अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था जिसके बाद अफगानिस्तान की केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ गया है।
अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर शनिवार को चौतरफा हमलों के बाद तालिबान का कब्जा हो गया था और इसके साथ ही पूरे उत्तरी अफगानिस्तान पर तालिबानियों का कब्जा हो गया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने शनिवार को कहा था कि वह 20 वर्षों की “उपलब्धियों” को बेकार नहीं जाने देंगे। उन्होंने कहा कि तालिबान के हमले के बीच ‘विचार-विमर्श जारी है। उन्होंने शनिवार को टेलीविजन के माध्यम से राष्ट्र को संबोधित किया। हाल के दिनों में तालिबान द्वारा प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा जमाए जाने के बाद से यह उनकी पहली सार्वजनिक टिप्पणी है।
उधर, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने वहां मौजूद अपने राजनयिक स्टाफ की मदद के लिए सैनिकों को भेजा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की व्यवस्थित एवं सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए युद्धग्रस्त देश में 5,000 बलों की तैनाती का आदेश दिया है।
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