अफगानिस्तान से लौटे भारतीयों की आपबीती: मुश्किल हालात में वतन वापसी, 56 घंटे न सोए, न खाया; तालिबान से सामना हुआ तो बंदूकें तन गईं
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- Did Not Sleep Or Eat For 56 Hours; When Confronted With The Taliban, The Guns Were Drawn, Reached The Plane In The 5th Attempt
नई दिल्ली14 घंटे पहलेलेखक: भास्कर के लिए रविकांत गौतम आईटीबीपी कमांडेंट
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अफगानिस्तान से 150 भारतीयों को लाने वाले ITBP के कमांडेंट और शिवपुरी के रविकांत गौतम ने बताई संघर्ष की दास्तां, कैसे तालिबान से झड़प हुई, सांसें अटकीं… पढ़िए उन्हीं की जुबानी :
भारतीय दूतावास में 15 अगस्त की सुबह 9 बजे स्वतंत्रता दिवस मनाया ही था कि विस्फाेट की आवाजें गूंजने लगीं। तालिबानी हमसे सिर्फ 50 मीटर दूर थे। हमें पता था कि वे काबुल की तरफ बढ़ रहे हैं। हमारे दो विमान काबुल एयरबेस पर थे। हमने 46 लाेगाें के पहले दल काे दूतावास से सुरक्षित एयरपाेर्ट तक पहुंचा दिया, लेकिन दूसरे दल के लिए हमें भारतीयों काे शहर के अलग-अलग स्थानाें से लिफ्ट करना पड़ा।
दूसरे दल में मैं, राजदूत, 99 कमांडाे, तीन महिलाएं, दूतावास स्टाफ शामिल था। हम 15 अगस्त की शाम काे ही एयरपाेर्ट के लिए निकले, लेकिन पहुंच नहीं पाए। एक चेक पॉइंट पर ताे हथियारबंद ग्रुप से झड़प हाे गई। उन्होंने हवाई फायर किया, रॉकेट लॉन्चर निकाल लिए। हमने भी हथियार तान लिए। लगा आज या ताे यहां शहीद हाेंगे या फिर एयरबेस पर पहुंचेंगे, लेकिन कुछ देर बाद हालात संभले। हमने भी रवैया बदला। हमें लड़ाई नहीं लड़नी थी, बल्कि अपने लोगों को सुरक्षित निकालना था। लड़ाई होती तो जानें जातीं। फिर हम वापस दूतावास आ गए।
’16 अगस्त को चार बार निकलने की कोशिश की’
16 अगस्त की शाम तक चार बार निकलने की कोशिश की, लेकिन हर जगह हथियारबंद तालिबानी थे। दूतावास से एयरपोर्ट 15 किमी दूर ही है। अब सोच लिया, जो होगा, देखा जाएगा। रात 10.30 बजे फिर एयरबेस के लिए रवाना हुए। हथियारबंदाें को चकमा देते हुए रात 3.30 बजे एयरबेस पहुंचे, तब राहत की सांस ली।
हमारे सी-17 विमान ने सुबह 5.30 बजे उड़ान भरी और सुबह 11.15 बजे गुजरात में लैंड किया। वहां हमारा जाेरदार स्वागत हुआ। इसके बाद हमें हिंडन एयरबेस ले जाया गया। 56 घंटाें के इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कोई नहीं सोया, न किसी ने खाना खाया।
(जैसा वीरेंद्र बंसल को बताया)
‘तालिबान भारतीय दूतावास पर कब्जा करना चाहता था’
भारतीय दूतावास पर तालिबान की नजर थी, अमेरिका संग रणनीति बनी, तब वापसी हुई। न्यूज एजेंसियों के मुताबिक, तालिबान भारतीय दूतावास पर कब्जा करना चाहता था। कर्मचारियों का सामान छीन लिया था। एयरपोर्ट का रास्ता बंद कर दिया था। ऐसे में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और NSA अजीत डाेभाल ने अमेरिकी समकक्ष जैक सुलिवान से बात की। काबुल एयरपाेर्ट पर अमेरिकी सुरक्षा में विमान भारत के लिए रवाना हुआ। भारत ने कहा कि वह अफगान नागरिकों के लिए आपातकालीन ‘ई-वीसा’ जारी करेगा।
तालिबान का सह-संस्थापक मुल्ला बरादर अखुंद
तालिबान संस्थापक बरादर अखुंद कंधार लौटा, राष्ट्रपति बन सकता है
तालिबान का सह-संस्थापक मुल्ला बरादर अखुंद दोहा से कंधार लौट आया है। वह तालिबान का राजनीतिक प्रमुख है। बरादर तालिबानी शासन में अफगानिस्तान का नया राष्ट्रपति हो सकता है। वहीं उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने कहा है कि राष्ट्रपति के न होने, चले जाने की सूरत में उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति होते हैं। मैं वैध कार्यवाहक राष्ट्रपति हूं। समर्थन हासिल करने के लिए नेताओं से संपर्क कर रहा हूं।
अफगानिस्तान से आयात गड़बड़ाया, भारत में ड्राय फ्रूट्स के दाम 250 रुपए किलो तक बढ़े
अफगानिस्तान से भारत आने वाले ड्राय फ्रूट्स का आयात गड़बड़ा गया है। इससे इनके दाम बढ़ने लगे हैं। जम्मू ड्राय फ्रूट्स रिटेलर एसोसिएशन की प्रेसिडेंट ज्योति गुप्ता ने कहा, 10 दिन में अफगानी बादाम, अंजीर, खुबानी, किशमिश के दाम 200 रुपए प्रति किलोग्राम तक बढ़ गए हैं, जबकि पिश्ता के दाम 250 रुपए प्रति किलोग्राम बढ़ गए हैं।
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