अफगानिस्तान संकट: भारत की रणनीति क्या होगी? केंद्र सरकार ने 26 अगस्त को ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई
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नई दिल्लीएक घंटा पहले
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बैठक 26 अगस्त को सुबह 11 बजे बुलाई गई है, जिसमें सरकार अफगानिस्तान के ताजा हालात पर चर्चा होगी। (फाइल फोटो)
अफगानिस्तान संकट पर चर्चा के लिए केंद्र सरकार ने गुरुवार (26 अगस्त) को ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्रालय से राजनीतिक दलों के नेताओं को युद्धग्रस्त देश के घटनाक्रम के बारे में जानकारी देने को कहा है। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी इस मामले में आगे की डिटेल देंगे।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने ट्विटर पर एस जयशंकर के पोस्ट पर पूछा कि PM मोदी इस मुद्दे पर कुछ क्यों नहीं बोलते या फिर उन्हें पता ही नहीं है कि अफगानिस्तान में क्या चल रहा है।
17 अगस्त को PM मोदी ने कैबिनेट कमेटी की बैठक बुलाई थी
17 अगस्त को PM मोदी ने इस मसले पर कैबिनेट कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की थी। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए कहा था। एक सीनियर अफसर के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को न सिर्फ अपने लोगों की सुरक्षा करनी चाहिए, बल्कि हमें उन सिख और हिंदू अल्पसंख्यकों को भी शरण देनी चाहिए, जो भारत आना चाहते हैं। हमें अपने अफगान भाइयों और बहनों की भी हर संभव मदद करनी चाहिए, जो इसके लिए भारत की ओर देख रहे हैं।
सोमवार सुबह दोहा से दिल्ली आए 146 भारतीय
दिल्ली एयरपोर्ट पर एक और विमान भारतीयों को लेकर पहुंचा है। एयर इंडिया की फ्लाइट AI972 इन्हें लेकर आई है। इससे पहले कतर एयरवेज की फ्लाइट QR578 रविवार रात 1.55 बजे 30 भारतीयों को लेकर दोहा से दिल्ली पहुंची। इसके साथ ही कुल 146 भारतीय पहुंच गए हैं।
इन सभी लोगों को रविवार को अफगानिस्तान से रेस्क्यू कर कतर की राजधानी दोहा लाया गया था। कतर में स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी थी। रविवार को तीन विमानों से 390 लोग भारत लौटे, इनमें 329 भारतीय हैं।
अफगानी रिफ्यूजीज ने की रिफ्यूजी कार्ड की मांग
नई दिल्ली के वसंत विहार में UNHCR के दफ्तर के बाहर सैकड़ों अफगानी रिफ्यूजीज ने प्रदर्शन किया। ये लोग यहां 5-10 साल से रह रहे हैं और उनकी मांग है कि उन्हें संयुक्त राष्ट्र की तरफ से रिफ्यूजी कार्ड जारी किया जाए।
अफगानिस्तान से जो मुस्लिम शरणार्थी यहां रह रहे हैं या जो अब आ रहे हैं, CAA के चलते उन्हें भारत में नागरिकता मिलने की उम्मीद नहीं है। उनका कहना है कि अगर उन्हें यह यह कार्ड मिल जाएगा तो उन्हें किसी और देश में नागरिकता पाने में मदद मिलेगी। यह कार्ड मिलने के बाद ही वे भारत से मूव कर पाएंगे।
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