अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से खुश पाकिस्तानी सेना बोली- डूब रहा है भारत का निवेश
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पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसे हर मुसीबत में खुश होने की कोई न कोई वजह मिल जाती है। ताजा मामला अफगानिस्तान का है, जहां तालिबान के कब्जे से पूरी दुनिया के देश चिंतित हैं। लेकिन पाकिस्तान ने यहां भी अपनी खुशी ढूंढ ली है। उसे इस बात की खुशी है कि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने से वहां भारत का निवेश डूब रहा है। पाकिस्तान स्थित इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस के डायरेक्टर जनरल मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने शनिवार को इस बारे में बयान दिया।
भारत पर निशाना
पाकिस्तानी मिलिट्री के मीडिया विंग के प्रमुख मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार एक निजी चैनल के साथ बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर भारत ने अफगानिस्तान में अच्छी नीयत से निवेश किया तो उन्हें आज निराशा नहीं होती। बाबर इफ्तिखार के मुताबिक अफगानिस्तान में पैठ बनाकर भारत का मकसद पाकिस्तान को नुकसान पहुंचाना था। उन्होंने आगे कहा कि नई दिल्ली ने दुनिया को हमेशा यही बताया है कि अफगानिस्तान में परेशानी की वजह पाकिस्तान है। जबकि भारत के इन दावों में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। मेजर जनरल ने कहा कि सारी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ने हमेशा अफगानिस्तान की मुश्किलों को हल करना चाहा।
अमेरिकी फैसले पर भी सवाल
मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार यहीं नहीं रुके। उन्होंने अफगानिस्तान से सेना वापस बुलाने के अमेरिकी सरकार के फैसले पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अमेरिका से इस बात की उम्मीद थी कि वह जिम्मेदार तरीके से अफगानिस्तान से अपनी सेना बुलाएगा। लेकिन उन्होंने जो किया वह बेहद जल्दबाजी में उठाया गया कदम है। उन्होंने पाकिस्तान में अमेरिकी ठिकाने होने की बात पर भी अपनी सफाई पेश की और कहा कि इन दावों में कुछ भी सच्चाई नहीं है।
बेहतर हो सकता था बॉर्डर मैनेजमेंट
पाकिस्तानी मिलिट्री विंग के प्रमुख ने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि अफगानिस्तान के साथ उनके देश का बॉर्डर मैनेजमेंट बेहतर नहीं हो सका। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनका देश किसी अन्य देश के खिलाफ अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देगा। उन्होंने सभी को निश्चिंत किया कि अफगानिस्तान के साथ जुड़ने वाली पाकिस्तान की सीमा पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि इसे और ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। डीजी आईएसपीआर ने कहा कि पाक-अफगान की 90 फीसदी सीमा पर बाड़ लगाई जा चुकी है।
हम अफगानिस्तान में शांति के हिमायती
मेजर जनरल इफ्तिखार ने निजी टीवी के साथ लंबी बातचीत के दौरान अफगानिस्तान में शांति की वकालत की। उन्होंने कहा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी जब अफगानिस्तान से सेनाएं वापस बुलाने की घोषणा की थी, तब से पाकिस्तान इस दिशा में प्रयासरत है। उन्होंने कहाकि पाकिस्तान का अफगानिस्तान में कोई भी फेवरेट नहीं है। वज जिस तरह की सरकार बनाना चाहें बनाएं। अफगानिस्तान को आगे ले जाने की जिम्मेदारी अफगानों पर ही है।
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