अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का असर: निराश और असहाय अफगानी दूतावास के बाहर रो रहे; बोले- 20 साल में जो हासिल किया, वो चंद दिन में बर्बाद हो गया
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नई दिल्लीएक घंटा पहलेलेखक: विनेश कुमार दीक्षित
- दिल्ली में अफगानी दूतावास के बाहर तालिबान के कब्जे से परेशान युवती जारा का फूटा दर्द, इमोशनल होकर रो पड़ी
- अफगानी मूल के जावेद बोले- देश की सेवा करना चाहता हूं, पर तालिबान पाकिस्तान के साथ; हमारा देश लौटना सुरक्षित नहीं
तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हो चुका है। राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर चले गए हैं और अब अफगानी नागरिक देश छोड़ने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। इससे भारत समेत दूसरे देशों में रह रहे अफगानियों के सामने कई मुश्किलें आ खड़ी हुई हैं। दिल्ली में अफगानिस्तान के दूतावास के बाहर कई युवा रोते दिखाई दे रहे हैं। तालिबान के कब्जे से उनकी उम्मीदों का सूरज डूब गया है। वे अच्छी जिंदगी जीने की चाह में देश से बाहर पढ़ाई कर थे। अब ये अफगानी युवक- युवतियां खुद को बेहद लाचार महसूस कर रहे हैं।
हालात से दुखी और भावुक अफगानी
दिल्ली में अफगानिस्तान दूतावास के बाहर जारा रोते हुए बताती है, ‘मैं अपने देश पर तालिबान के दोबारा कब्जे से बेहद दुखी हूं। इस दर्द को बयां नहीं कर सकती। मैंने खुद को इतना असहाय और निराश कभी नहीं महसूस किया। हमारी 20 साल की सभी उपलब्धियां बस कुछ दिनों में धुल गई हैं। सरकार ने हमें बीच राह में छोड़ दिया है।’ ऐसा कहते हुए जारा फूट-फूटकर रो पड़ीं।
दिल्ली में पढ़ाई करने वाले अफगानी नागरिक जावेद और जारा वहां के मौजूदा हालात से दुखी हैं।
तालिबान पाकिस्तान के साथ
दिल्ली में पढ़ाई करने वाले अफगानी मूल के जावेद बताते हैं, ‘पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं अपने देश की सेवा करना चाहता था, पर तालिबान पाकिस्तान के साथ मिला हुआ है और हम भारत में हैं। ऐसे में हमारा स्वदेश जाना सुरक्षित नहीं है, लेकिन यहां रहने के लिए भारत सरकार हमें वीजा नहीं देगी। फिलहाल हम एक पत्ते की तरह हो गए हैं, जिसे हवा कहीं भी धकेल रही है।’
राष्ट्रपति के देश छोड़ने का कदम गलत
भारत समेत दूसरे देश अपने नागरिकों को अफगानिस्तान से निकाल रहे हैं। रविवार को ही एयर इंडिया की फ्लाइट AI244 करीब 129 यात्रियों को लेकर काबुल से दिल्ली पहुंची। इनमें एक छात्र अब्दुल मसूदी ने बताया, ‘मैं काबुल से दिल्ली आया हूं। मैं अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के कदम को सही नहीं मानूंगा। हम उनसे बहुत उम्मीदें कर रहे थे। उन्होंने हमारा भरोसा तोड़ा है। यह एक गैर जिम्मेदराना कदम है।’
मुल्ला हेबतुल्लाह अखुंदजादा अफगानिस्तान का नया अमीर यानी नेता होगा।
तालिबान की सरकार के नए प्रमुख तय
उधर, अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार के नए प्रमुख का नाम सामने आया है। मुल्ला हिब्तुल्लाह अखुंदजादा अफगानिस्तान का नया अमीर यानी नेता होगा। हिब्तुल्लाह कंधार का रहने वाला है। तालिबान में वह मजहबी फैसले लेता है। हत्यारों और अवैध संबंध रखने वालों की हत्या का आदेश हिब्तुल्लाह ने ही दिया था। तालिबान में उसका आधिकारिक टाइटल अमीरुल मोमेनिन शेख हिब्तुल्ला अखुंदजादा है।
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