अफगानिस्तान की नई सरकार से तालिबान के सुप्रीम लीडर बोले- शरिया कानून लागू रखें
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अफगानिस्तान में तालिबान की ओर से नई सरकार का ऐलान हो गया है। तालिबान ने अफगानिस्तान की कार्यवाहक सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा करते हुए मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। अफगानिस्तान में नई सरकार के ऐलान के बाद तालिबान के सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा का बयान सामने आया है। अखुंदजादा ने कहा कि नई सरकार जल्द से जल्द काम करना शुरू करेगी। अखुंदजादा ने नई सरकार से शरिया कानून को बनाए रखने को कहा है।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अखुंदजादा ने कहा कि तालिबान सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों, संधियों और उन कमिटमेंट के लिए प्रतिबद्ध है जो इस्लामी कानून के खिलाफ नहीं है। अखुंदजादा ने अपने बयान में कहा है कि मैं सभी देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि देश में इस्लामी नियमों और शरिया कानून को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।
बता दें कि हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख और सोवियत विरोधी क्षत्रप जलालुद्दीन हक्कानी के बेटे सिराजुद्दीन हक्कानी को 33 सदस्यीय मंत्रिमंडल में गृह मंत्री बनाया गया है और मंत्रिमडल में एक भी महिला सदस्य नहीं है। तालिबान ने समावेशी सरकार गठित करने का वादा किया था, लेकिन मंत्रिमंडल में हजारा समुदाय का एक भी सदस्य नहीं है।
मुल्ला हसन के बारे में बता दें कि वो तालिबान के शुरुआती स्थल कंधार से ताल्लुक रखते हैं और सशस्त्र आंदोलन के संस्थापकों में से हैं। उन्होंने रहबरी शूरा के प्रमुख के रूप में 20 साल तक काम किया और मुल्ला हेबतुल्लाह के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार के दौरान विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था।
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