अकाली दल का सरकार पर हमला: अमरिंदर के करीबी धर्मसोत को बचा रहे CM चन्नी और मंत्री वेरका; पोस्टमैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले में सिर्फ अफसरों पर कार्रवाई
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जालंधर3 मिनट पहले
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जालंधर में पत्रकारों से बात करते विधायक पवन टीनू। साथ में बसपा नेता बलविंदर कुमार व अन्य।
पंजाब के पोस्टमैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाला फिर से नई बनी चरणजीत चन्नी सरकार की मुश्किलें बढ़ाने लगा है। अकाली दल ने CM चरणजीत चन्नी और मंत्री राजकुमार वेरका पर निशाना साधा है। अकाली MLA पवन टीनू ने कहा कि मुख्यमंत्री और मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को बचा रहे हैं। घोटाले में सिर्फ अफसरों पर कार्रवाई की गई है। इस मामले का किंगपिन धर्मसोत है। जिसकी शह पर करीब 64 करोड़ का घोटाला हुआ। अब चन्नी सरकार ने सिर्फ 5 अफसरों को चार्जशीट कर खानापूर्ति कर दी।
जालंधर के आदमपुर से विधायक टीनू ने कहा कि तत्कालीन एडिशनल चीफ सेक्रेटरी कृपा शंकर सरोज ने 20 दिसंबर 2019 को डिप्टी डायरेक्टर परमिंदर सिंह गिल को मुअत्तल कर दिया। परमिंदर उस वक्त के मंत्री धर्मसोत का खास था। जिस वजह से धर्मसोत ने उसे मुअत्तल करने का आदेश खारिज कर दिया। फिर 4 दिन बाद परमिंदर को फिर उसी सीट पर लगा दिया। अगर अब मंत्री वेरका ने उसे चार्जशीट किया है तो साफ है कि उस वक्त सरोज की रिपोर्ट सही थी।
कैप्टन के करीबी होने के साथ घोटाले की वजह से धर्मसोत को दोबारा मंत्री नहीं बनाया गया
पहले कैप्टन ने धर्मसोत को बचाया, फगवाड़ा एमएलए पर भी उठाए सवाल
धर्मसोत को पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बचाया। अमरिंदर तब CM थे। धर्मसोत को 3 दिन में क्लीन चिट दे दी। अब लगता है कि सीएम चन्नी दबाव में काम कर रहे हैं। उन्हें डर है कि पूर्व मंत्री पर कार्रवाई की तो कैप्टन और धर्मसोत उनकी कुर्सी छीन लेंगे। ऐसा नहीं है तो फिर पूर्व मंत्री के खिलाफ भी भी कार्रवाई करें। उन्होंने इस मामले में उस वक्त सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर और अब फगवाड़ा से कांग्रेसी एमएलए बलविंदर धालीवाल की भूमिका पर भी सवाल उठाए।
घोटाला : जिनसे वसूलने थे, उन्हें और रुपया दिया, 14 महीने बाद 5 अफसर चार्जशीट
पंजाब में 14 महीने पहले पोस्टमैट्रिक स्कॉलरशिप का घोटाला उजागर हुआ था। जिसमें करीब 64 करोड़ की गड़बड़ी उजागर हुई थी। जांच में पता चला कि जिन प्राइवेट कॉलेजों से स्कॉलरशिप के 8 करोड़ वसूले जाने थे, उन्हें 16.91 करोड़ रुपए और दे दिए गए। इसके अलावा 39 करोड़ रुपए आवंटन का रिकॉर्ड ही नहीं मिला। इस मामले में तब धर्मसोत को मंत्रीपद से बर्खास्त करने की मांग को लेकर प्रदर्शन हुए लेकिन कैप्टन सरकार ने कार्रवाई नहीं की। अब सीएम बदला तो मंत्री वेरका ने डिप्टी डायरेक्टर परमिंदर गिल, डीसीएफए चरणजीत सिंह, एसओ मुकेश भाटिया, सुपरिटेंडेंट राजिंदर चोपड़ा और सीनियर सहायक राकेश अरोड़ा को चार्जशीट कर दिया।
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