श्रीनगर हमले पर एक्सपर्ट कमेंट: पूर्व DGP एसपी वेद बोले- आतंकवाद के खात्मे में पुलिस का रोल सबसे अहम, इसलिए इन्हें टारगेट किया जा रहा
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श्रीनगर8 मिनट पहलेलेखक: वैभव पलनीटकर
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सोमवार शाम श्रीनगर के जेवन इलाके में पुलिस की बस पर आतंकी हमला हुआ। दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए, जबकि 12 घायल हैं। इस घटना के बाद यह सवाल उठना लाजिमी है कि घाटी और खासकर श्रीनगर में इतने सख्त सुरक्षा इंतजामों के बावजूद यह हमला कैसे हो गया। आतंकी कैसे पुलिस बस के करीब पहुंचे, फायरिंग की और फिर भाग खड़े हुए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिसकर्मियों के पास हथियार के नाम पर बस डंडा था।
दैनिक भास्कर ने इस बारे में जम्मू कश्मीर पुलिस के पूर्व डीजीपी एसपी वेद से बातचीत की। वेद के मुताबिक, राज्य के पुलिसकर्मी आतंकियों के टारगेट पर हैं, क्योंकि इनका रोल ही सबसे अहम होता है। इसके बावजूद पुलिस पार्टी के मूवमेंट को प्रोटेक्शन क्यों नहीं दी गई, ये समझ से परे है। जानिए, पूर्व DGP ने और क्या कहा।
प्रोटेक्शन पार्टी साथ क्यों नहीं थी…
वेद कहते हैं- कश्मीर में जब भी किसी पुलिस पार्टी की मूवमेंट होती है तो एरिया डॉमिनेशन के जरिए इसकी सुरक्षा तैयारी की जाती है। जहां हमला हुआ है वहां CRPF, BSF, ITBP, JKP के भी कैंप हैं। आमतौर पर यहां पुलिस की भारी तैनाती रहती है। सोमवार को क्या हुआ, ये समझ से परे है। लेकिन, यहां यकीनन बड़ी चूक दिखती है। इस तरह के पुलिस पार्टी मूवमेंट में वेपन (हथियार) होना चाहिए, लेकिन खबरें हैं कि ज्यादातर पुलिसकर्मियों के पास हथियार नहीं थे।
वेद आगे कहते हैं- मूवमेंट के वक्त प्रोटेक्शन पार्टी होना ही चाहिए। यही वो इलाका है जहां से सिक्योरिटी फोर्सेज की मूवमेंट होती रहती है। हो सकता है कि आतंकियों ने बसों की मूवमेंट पर नजर बनाकर रखी हो और तैयारी के साथ हमला किया हो। जिस इलाके में हमला हुआ है वो रिहायशी इलाका भी है।
पुलिस क्यों निशाने पर
वेद के मुताबिक- सर्दियों में आमतौर पर आतंकी गतिविधियां कम हो जाया करती थीं, लेकिन आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद उल्टा हो रहा है। हालिया दिनों में जम्मू कश्मीर पुलिस पर हमले बढ़े हैं। पुलिसर्मियों के परिवारों को ही आतंकवाद की सबसे ज्यादा कीमत अदा करनी पड़ रही है। पूर्व DGP कहते हैं- अब जबकि पुलिस पर लगातार हमले बढ़ रहे हैं तो पुलिस पार्टी मूवमेंट में ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत है।
पाकिस्तान को पता है कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने में सबसे अहम रोल पुलिस का है। इसलिए आतंकी पुलिस को ही निशाना बना रहे हैं। आतंकी गतिविधियों से जुड़ी 90% जानकारी जम्मू पुलिस के पास ही आती है, इसकी वजह ये है कि पुलिसकर्मी ही आम लोगों के बीच ज्यादा रहते हैं।
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