शोध में हुआ खुलासा: हिंदुओं व मुस्लिमों की लंबाई क्रमश: 1 और 1.27 सेमी घटी, जबकि संपन्न वर्ग की महिलाओं व पूर्वोत्तर के लोगों की हाइट में बढ़ोतरी
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- The Research Revealed That The Height Of Hindus And Muslims Decreased By 1 And 1.27 Cm Respectively, While The Height Of Women From The Affluent Class And People Of The Northeast Increased.
राजकोट3 मिनट पहले
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सिख समुदाय की औसत लंबाई 2 सेमी तो जैनों की 4 सेमी घटी है। फोटो – प्रो. के.के. चौधरी।
दुनिया भर में लोगों की लंबाई बढ़ रही जबकि भारत में 1.10 सेमी. तक लंबाई में गिरावट देखी गई है। सबसे ज्यादा लंबाई वाले जैन-सिख धर्मावलंबियों की औसत लंबाई में भी गिरावट आई है। हिंदुओं में औसत लंबाई 164.39 से 163.39 और मुस्लिम में 164.46 से 163.13 सेमी. रह गई। हिंदुओं और मुस्लिमों की औसत लंबाई क्रमश: 1 और 1.27 सेमी तक घट गई।
यह चौंकाने वाला खुलासा जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के प्रो. के.के. चौधरी ने नेशनल फैमिली एंड हैल्थ सर्वे (एनएफएचएस) के 1998 से 2015 की अवधि में हुए तीन सर्वे के डेटा पर तीन साल तक शोध के बाद किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक इन सभी सर्वे का निष्कर्ष रहा कि भारतीयों पुरुषों की औसत लंबाई 1.10 सेमी (95 सीआई) कम हुई है, जबकि महिलाओं की औसत लंबाई सर्वे-3 में बढ़ी, वहीं सर्वे-4 में कम हुई।
स्टडी में पता चला है कि गरीब वर्ग की महिलाओं की औसत लंबाई लगातार कम हो रही है तो समृद्ध वर्ग की महिलाओं की औसत लंबाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जबकि आदिवासी महिलाओं की औसत लंबाई सबसे कम हुई है। गुजरात के पुरुषों की औसत लंबाई 0.95 सेमी कम हुई है। आमतौर पर माना जाता है कि पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों की लंबाई कम रहती है। पर इस स्टडी में पता चला है कि उनकी लंबाई बढ़ रही है।
15 से 25 साल के आयुवर्ग में मेघालय में 157.37 सेमी के साथ 1.57 सेमी की वृद्धि देखी गई। मणिपुर, नगालैंड और मिजोरम में भी लंबाई में इजाफा हो रहा है। शोध के दौरान धर्म आधारित डेटा पर भी फोकस किया गया। इसकी वजह यह है कि यह भी एक कारक है जो रहन-सहन व खानपान पर असर डालता है।
अभी तक का ट्रेंड के अनुसार सिख व जैनों की औसत लंबाई सर्वाधिक रहती थी। पर इस अवधि में सिखों की औसतन लंबाई 169.39 से 1.94 सेमी. घट कर 167.45 सेमी रह गई। वहीं जैनों की औसतन लंबाई 169.61 से घटकर 165.31 सेमी रह गई है।
बच्चों के साथ किशोरों के खानपान पर भी ध्यान देना जरूरी: विशेषज्ञ
प्रो. चौधरी ने कहा कि भारत के लोगों की लंबाई में कमी आना चिंताजनक है। वैसे तो लंबाई जीन के आधार पर तय होती है। लेकिन निवास, स्वास्थ्य सेवाएं, पेयजल, रहन-सहन, खुराक और पोषण आदि भी अहम भूमिका निभाते हैं। अब तक बचपन में ही खानपान पर ध्यान दिया जा रहा है। पर अब जरूरत इस बात की है कि किशोरावस्था में भी इस पर फोकस हो। क्योंकि बच्चों के शरीर में 50 प्रतिशत वजन और 20 प्रतिशत लंबाई इसी अवस्था में बढ़ती है।
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