शेर से केंद्र सरकार की तुलना: किसान नेता राकेश टिकैत बोले- दिल्ली का शेर चुप है, यानी हरकत होने वाली है; गांव वालों तैयार रहना

शेर से केंद्र सरकार की तुलना: किसान नेता राकेश टिकैत बोले- दिल्ली का शेर चुप है, यानी हरकत होने वाली है; गांव वालों तैयार रहना

[ad_1]

  • Hindi News
  • National
  • Farmers Protest (Kisan Andolan): Rakesh Tikait | Rakesh Tikait Compares Central Government To Lion

नई दिल्ली13 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
शेर से केंद्र सरकार की तुलना: किसान नेता राकेश टिकैत बोले- दिल्ली का शेर चुप है, यानी हरकत होने वाली है; गांव वालों तैयार रहना

राकेश टिकैत ने सरकार को चुनौती भरे लहजे में कहा कि डीजल चाहे आप जितना महंगा कर लें, ट्रैक्टर सारे तैयार हैं।

किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार की तुलना शेर से करते हुए कहा कि लोगों को तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर शेर देख कर दुबक जाए तो हिरण को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह शांत है। बल्कि वह कोई न कोई दांव चलने की तैयारी में है। दिल्ली का शेर चुप है, इसका मतलब है कि वह हरकत करने वाला है। गांव वाले सावधान हो जाएं।

किसान आंदोलन का चेहरा बने राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार नरम नहीं पड़ रही है, यह धोखा है। गांव वालों तैयार रहना, क्योंकि दिल्ली चुप है। जो मीठा होता है, वह कुर्सी से चिपक जाता है जैसे कि ततैया। सरकार मीठी है तो कोई न कोई चाल चलेगी।

डीजल जितना महंगा कर लें, ट्रैक्टर तैयार हैं
उन्होंने सरकार को चुनौती भरे लहजे में कहा कि डीजल चाहे आप जितना महंगा कर लें, ट्रैक्टर सारे तैयार हैं। गन्ना तो हमारे पास से चला जाता है लेकिन उसका भाव नहीं मिलता। गन्ने को काट-काटकर खाओगे तो वह रस नहीं देता। गन्ने को पूरी पिराई करनी पड़ती है, तभी वह रस देता है। पिराई करने की जरूरत है।

प्रदर्शकारी किसानों को मवाली कहने वालीं केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने अपना बयान वापस ले लिया है। उनका कहना है कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। टिकैत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मीनाक्षी लेखी का निजी बयान नहीं था, ये उन्हें बीजेपी की ओर से दिया गया था, इसलिए माफी बीजेपी को मांगनी चाहिए। हम खाप पंचायत वाले लोग हैं, महिलाओं से माफी नहीं मंगवाते।

किसानों को शर्तों के साथ प्रदर्शन की इजाजत
26 जनवरी को दिल्ली में उग्र प्रदर्शन के बावजूद दिल्ली सरकार ने किसानों को एंट्री की इजाजत दी है। यह परमिशन 22 जुलाई से लेकर 9 अगस्त तक है। दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने शर्तों के साथ प्रदर्शन की मंजूरी दी है।

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के बॉर्डर पर जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे किसान सिंघु बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। दिल्ली में जंतर-मंतर और बॉर्डर पर सिक्युरिटी बढ़ा दी गई है। पुलिस ने किसानों को इस शर्त पर प्रदर्शन की इजाजत दी है कि वो संसद तक कोई मार्च नहीं निकालेंगे।

केंद्र और किसान दोनों अड़े
देश के किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल दिसंबर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान किसान संगठनों की केंद्र सरकार से 12 दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका है। किसान तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि वह किसानों की मांगों के मुताबिक कानूनों में बदलाव कर सकती है, लेकिन कानून वापस नहीं लिए जाएंगे।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *