शांति का संदेश: पाकिस्तान ने छोड़े 20 मछुआरे, अटारी बॉर्डर से 4 साल बाद रखेंगे भारतीय सीमा पर कदम, अधिकतर गुजरात के
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अमृतसर37 मिनट पहले
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अटारी-वाघा बॉर्डर।
शांति का संदेश देते हुए पाकिस्तान सरकार ने 4 साल से जेलों में बंद 20 मछुआरों को छोड़ने का ऐलान किया है। सोमवार को सभी मछुआरे अटारी बॉर्डर से भारतीय सीमा में दाखिल होंगे। छोड़े जा रहे अधिकतर मछुआरे गुजरात के हैं। मछली पकड़ते हुए ये गलती से पाकिस्तान की समुद्री सीमा में चले गए थे।
एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की जेलों में 588 भारतीय बंद हैं, इनमें से अधिकतर मछुआरे हैं। ज्यादातर कराची की लांधी जेल में बंद हैं। हर साल भारत और पाकिस्तान अपनी जेलों में बंद कैदियों को छोड़ कर शांति का संदेश देते हैं। यह प्रक्रिया साल में दो बार दोहराई जाती है। इस साल की शुरुआत में भी पाकिस्तान ने 20 मछुआरों को छोड़ा था। इससे पहले अप्रैल 2019 में 100 भारतीय मछुआरों को छोड़ा गया था। कोरोना के कारण 2020 में अंतरराष्ट्रीय बार्डर को बंद कर दिया गया। इस कारण दोनों देशों ने 2020 में किसी भी कैदी को नहीं छोड़ा।
4 साल बाद लौट रहे हैं बंदी
जानकारी के अनुसार भारत के यह मछुआरे 4 साल की सजा काटकर देश लौट रहे हैं। 4 साल पहले इन मछुआरों को पाकिस्तान मैरीटाइम सिक्योरिटी फोर्स ने पकड़ लिया था। इसके बाद इन मछुआरों पर पाकिस्तानी समुद्र में मछली पकड़ने के आरोप लगे और 4 साल की सजा हुई। 4 साल की सजा पूरी होने के बाद इन मछुआरों को लांधी जेल से छोड़ा गया है।
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