वैक्सीन ट्रैकर पोर्टल रखेगा नजर: टीका लगवाने के बाद किसने करवाई कोरोना जांच; कितने संक्रमित हुए और किसे अस्पताल जाना पड़ा, सारा डेटा अब एक जगह
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नई दिल्ली19 मिनट पहलेलेखक: पवन कुमार
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कोरोना वायरस के नए-नए वैरिएंट्स और इनके प्रभाव का अध्ययन करेगा प्लेटफॉर्म, एनटागी चेयरमैन की अध्यक्षता में बनी कमेटी। (फाइल फोटो)
कोरोना संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है और आगे वायरस की प्रकृति में किस तरह का बदलाव आएगा इस पर वैज्ञानिकों की अलग-अलग राय है। इसी वजह से केन्द्र सरकार ने यह निर्णय लिया है कि देश में जिन्हें वैक्सीन लगने के बाद संक्रमण (ब्रेक थ्रू इंफेक्शन) होता है, उनके स्वास्थ्य पर पूरी तरह से नजर रखी जाए। ताकि सही स्थिति का पता लग पाए और उसके अनुसार आगे की नीति तय की जा सके। केन्द्र सरकार वैक्सीन ट्रैकर के नाम से एक प्लेटफॉर्म तैयार करेगी।
इस ट्रैकर में न सिर्फ वैक्सीन लगवाने वालों की पूरी जानकारी होगी बल्कि कोरोना संक्रमण की जांच कराने वालों की भी जानकारी उपलब्ध होगी। अभी तक जिनको वैक्सीन लगी है उनकी जानकारी भी इस ट्रैकर में उपलब्ध कराई जाएगी। अभी तक देश में 54 करोड़ से ज्यादा को पहली डोज जबकि 16 करोड़ से ज्यादा को वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी है। इसके अलावा 53 करोड़ से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है।
अब पूरा डेटा एक जगह होगा
वैक्सीनेशन : लोगों के टीकाकरण की पूरी जानकारी कोविन पोर्टल पर एकत्र होती है।
कोरोना जांच : आरटी-पीसीआर जांच का पूरा डेटा आईसीएमआर के पोर्टल पर एकत्र होता है। टेस्ट में पॉजिटिव आने वालों का पूरा विवरण होता है।
हॉस्पिटलाइजेशन : पॉजिटिव मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आती है तो इसका विवरण एनसीडीसी के कोविड-19 इंडिया पोर्टल पर जाता है। अस्पतालों और आईडीएसपी से मरीजों की जानकारी आती है।
इन तीनों पोर्टल को मर्ज कर एक पोर्टल बनेगा।
नए पोर्टल पर डेटा रिपीट न हो इसके लिए लगाए जाएंगे कई फिल्टर
आईसीएमआर द्वारा बनाई गई कमेटी के चेयरमैन प्रो. नरेन्द्र अरोड़ा ने बताया कि तीनों पोर्टल को मर्ज कर जो नया पोर्टल बनाया जाएगा उसका उद्देश्य वैक्सीनेशन के बाद संक्रमण की जानकारी एकत्र करना होगा। वैक्सीनेशन के बाद यदि कोई आरटी-पीसीआर जांच करवाता है तो उसकी जानकारी पोर्टल पर तुरंत आ जाएगी। फिर यदि उस व्यक्ति को अस्पताल जाना पड़ता है तो उसके इलाज का विवरण भी पोर्टल पर आ जाएगा।
एक ही व्यक्ति का डेटा रिपीट न हो इसके लिए तीनों पोर्टल के डेटा को मोबाइल नंबर, आईडी प्रूफ नंबर और पिता के नाम जैसे कई फिल्टर के जरिये जांचा जाएगा। यानी अगर किसी ने वैक्सीनेशन और उसके बाद आरटी-पीसीआर जांच में मोबाइल नंबर और आईडी प्रूफ अलग-अलग इस्तेमाल किए हों तो भी पिता के नाम से पहचान लिया जाएगा।
कोरोना जांच पर क्यूआर कोड वाला सर्टिफिकेट देने की तैयारी
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोरोना जांच का क्यूआर कोड युक्त प्रमाण-पत्र देने की तैयारी है। दुबई सरकार का आग्रह था कि कोरोना जांच सर्टिफिकेट ऐसा हो जिसकी सत्यता राष्ट्रीय स्तर पर जांची जा सके। एनएचए के सीईओ ने सुझाव दिया कि जांच प्रमाण पत्र पर पासपोर्ट संख्या दी जाए। इस पर आईसीएमआर महानिदेशक भी सहमत हैं।
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