विवादों में त्रिपुरा पुलिस: हिंसा की घटनाएं कवर करने गईं 2 महिला पत्रकारों को हिरासत में लिया, VHP की FIR में है दोनों का नाम

विवादों में त्रिपुरा पुलिस: हिंसा की घटनाएं कवर करने गईं 2 महिला पत्रकारों को हिरासत में लिया, VHP की FIR में है दोनों का नाम

[ad_1]

  • Hindi News
  • National
  • Tripura Violence News And Updates : 2 Women Journalists Detained By Police After FIR

अगरतला18 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
विवादों में त्रिपुरा पुलिस: हिंसा की घटनाएं कवर करने गईं 2 महिला पत्रकारों को हिरासत में लिया, VHP की FIR में है दोनों का नाम

त्रिपुरा में दो महिला पत्रकारों को पुलिस ने रविवार को हिरासत में ले लिया। उनका नाम एक FIR में था। यह FIR दक्षिणपंथी समूह विश्व हिंदू परिषद के एक सदस्य कंचन दास की शिकायत के बाद दर्ज की गई है। दोनों पत्रकारों के नाम समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा हैं। दोनों हाल में त्रिपुरा में हुईं हिंसा की घटनाओं को कवर कर रही हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस सुबह उनके होटल में आई और उन्हें धमकाया। इन पत्रकारों पर धारा 153-ए के तहत धर्म के आधार पर समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और IPC की धारा 120 (B) के तहत आपराधिक साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया है।

मामले की शुरुआत बांग्लादेश में मंदिरों में तोड़फोड़ के विरोध से हुई। धार्मिक संगठनों ने इसके खिलाफ कई जगह रैलियां निकाली थीं।

मामले की शुरुआत बांग्लादेश में मंदिरों में तोड़फोड़ के विरोध से हुई। धार्मिक संगठनों ने इसके खिलाफ कई जगह रैलियां निकाली थीं।

21 नवंबर को पूछताछ का नोटिस थमाया
समृद्धि सकुनिया ने एक ट्वीट में आरोप लगाया कि उन्हें होटल छोड़ने की इजाजत नहीं दी गई। उन्होंने लिखा था कि पुलिस कल (शनिवार) रात करीब साढ़े दस बजे होटल पहुंची और सुबह साढ़े 5 बजे FIR की कॉपी सौंपी। हमें राजधानी अगरतला के लिए निकलना था, लेकिन पूरे सहयोग के बावजूद हमें जाने नहीं दिया गया। हमारे होटल के बाहर करीब 16-17 पुलिसकर्मी तैनात हैं।

वहीं, स्वर्णा ने लिखा कि कल रात फोटिक रॉय पुलिस स्टेशन में मेरे और समृद्धि के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद ने FIR दर्ज कराई है। उन्होंने भी इसकी कॉपी शेयर की है। साथ ही लिखा कि रात लगभग 10:30 बजे हमारे होटल के बाहर पुलिस आई। उस समय उन्होंने हमसे कोई बात नहीं की। सुबह 5:30 बजे के करीब जब हम चेक आउट करने गए, तब पुलिस ने हमारे खिलाफ जो शिकायत हुई थी, उसके बारे में बताया। पूछताछ के लिए धर्मनगर पुलिस स्टेशन ले जाने को कहा।

पुलिस ने कहा- पूछताछ से पहले इजाजत ली थी
वहीं NDTV की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि FIR के आधार पर हम उन पत्रकारों से मिलने गए थे। वे त्रिपुरा के नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के धर्मनगर सब डिवीजन के एक होटल में ठहरे हुए थे। हमने इसके लिए उनसे अनुमति भी ली गई थी। हमने उनसे बात की जो बुनियादी जानकारी के लिए थी। हमने उन्हें एक नोटिस दिया है। उन्होंने हमसे कुछ समय देने की गुजारिश की, ताकि वे अपने वकील के साथ पेश हो सकें। इसकी अनुमति दी गई थी। मुझे लगता है कि वे पहले ही जा चुकी हैं।

सूत्रों के मुताबिक, पुलिस की एक टीम ने उन्हें सिर्फ एक नोटिस दिया और बाद में 21 नवंबर को पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कहा।

त्रिपुरा में आखिर हुआ क्या था?

त्रिपुरा में रैली के दौरान दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की खबरें आईं। इससे ये मुद्दा गर्मा गया।

त्रिपुरा में रैली के दौरान दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की खबरें आईं। इससे ये मुद्दा गर्मा गया।

पिछले महीने बांग्लादेश में हिंसक भीड़ ने दुर्गा पूजा पंडाल और मंदिरों में तोड़फोड़ की थी। इसके बाद कई खबरें आईं, जिनमें कहा गया कि बांग्लादेश में अलग-अलग जगहों पर हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं। इसके विरोध में त्रिपुरा में कुछ संगठनों ने रैलियां निकालीं। इस दौरान कुछ जगहों पर भीड़ ने दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की थी।

21 अक्टूबर को गोमती जिले में रैली के दौरान भीड़ और पुलिस में झड़प हुई थी। अगरतला, धर्मनगर और पानीसागर में भी रैली निकाली गई। इस दौरान धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने की खबरें भी आई थीं। स्वर्णा झा ने शनिवार को सोशल मीडिया पर लिखा था कि उन्होंने स्थानीय लोगों से एक मस्जिद को हुए नुकसान के बारे में बात की थी। हालांकि, गृह मंत्रालय ने पहले ही गोमती जिले में एक मस्जिद में तोड़फोड़ के दावों को खारिज कर दिया था।

त्रिपुरा के मसले पर महाराष्ट्र में हिंसा

त्रिपुरा हिंसा का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में दिखा। यहां तीन शहरों में माहौल बिगड़ गया।

त्रिपुरा हिंसा का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में दिखा। यहां तीन शहरों में माहौल बिगड़ गया।

त्रिपुरा के मसले पर महाराष्ट्र के तीन शहरों नांदेड, मालेगांव और अमरावती में हिंसा भड़क गई थी। यहां त्रिपुरा में हुई घटनाओं के विरोध में बंद बुलाया गया था। इसी दौरान हिंसा फैल गई। ऐसा जबरदस्ती दुकानें बंद कराने के कारण हुआ। अमरावती में तो लगातार दो दिन हिंसा के बाद कर्फ्यू लगाना पड़ा था। यहां इंटरनेट सर्विस भी बंद कर दी गई थी।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *