लखीमपुर कांड पर संसद में जोरदार हंगामा: लोकसभा 2 बजे तक स्थगित, राहुल बोले- मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा जरूरी

लखीमपुर कांड पर संसद में जोरदार हंगामा: लोकसभा 2 बजे तक स्थगित, राहुल बोले- मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा जरूरी

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लखीमपुर खीरी40 मिनट पहले

संसद में आज लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले पर जोरदार हंगमा हुआ। लोकसभा में विपक्षी पार्टियों के सांसद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष के खिलाफ SIT रिपोर्ट पर आक्रामक नजर आए। हंगामा बढ़ता देख लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि SIT की रिपोर्ट के बाद हम इस मामले को सदन में उठाना चाहते हैं। हमने कहा है कि इस पर कम से कम संसद में चर्चा तो होनी चाहिए, लेकिन चर्चा की अनुमति नहीं मिल रही है। मंत्री (अजय मिश्रा टेनी) का इस्तीफा तो होना ही चाहिए।

राहुल गांधी ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर राहुल गांधी ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। हम मांग करेंगे कि सरकार केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करे। वहीं, लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक के सुरेश ने अजय मिश्र से तुरंत पद छोड़ने की मांग की, ताकि लखीमपुर खीरी हिंसा में निष्पक्ष जांच की जा सके और किसानों को न्याय दिलाया जा सके।

TMC सांसद सुष्मिता देव ने लखीमपुर खीरी हिंसा पर राज्यसभा में चर्चा की मांग को लेकर नोटिस दिया है। बता दें कि आज से UP विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी शुरू हुआ है, जिसमें सपा, बसपा और कांग्रेस के सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाया है।

तिकुनिया कांड में मुख्य आरोपी आशीष मिश्र ‘मोनू’ सहित सभी 13 आरोपियों पर दुर्घटना की धाराएं हटाकर हत्या की कोशिश और अंगभंग करने की धाराएं बढ़ाई गई हैं। बीते मंगलवार को CJM कोर्ट में पेश हुए सभी 13 आरोपियों पर कोर्ट ने हत्या की कोशिश की धारा 307, अंगभंग 326, शस्त्र के दुरुपयोग की धारा 3/25 (30) और शस्त्र अधिनियम की धारा 35 की बढ़ोतरी की है।

इससे पहले जांच टीम ने सोमवार को कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सभी आरोपियों पर दुर्घटना की धाराएं हटाकर हत्या के प्रयास और साजिश की धाराएं बढ़ाने के लिए अर्जी दाखिल की थी, जिस पर अदालत ने सभी 13 आरोपियों को मंगलवार तलब किया था।

हत्या की धाराएं बढ़ाने की अपील की
तिकुनिया कांड के 70 दिन बाद मामले की जांच कर रही जांच टीम ने माना कि 3 अक्बटूबर को हुआ खूनी संघर्ष दुर्घटना नहीं थी, बल्कि यह हत्या की सोची समझी साजिश थी। 70 दिन बाद सोमवार को जांच टीम की तरफ से CJM अदालत में पेश हुए मुख्य विवेचक विद्याराम दिवाकर ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मुख्य आरोपी आशीष मिश्र सहित सभी 13 आरोपियों पर से दुर्घटना की धारा हटाने और हत्या की कोशिश समेत अन्य धाराएं बढ़ाने की अपील की थी, जिस पर कोर्ट ने सभी 13 आरोपियों को मंगलवार को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था।

बचाव पक्ष की दलीलें कोर्ट ने खारिज की
बचाव पक्ष के वकील अवधेश सिंह ने दलील दी है कि घटना के दौरान हथियार की बरामदगी दो ही लोगों के पास है। इसलिए, सभी आरोपियों के खिलाफ 3/25 (30) आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। जिसे कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया है और जांच अधिकारी की अर्जी को सही मानते हुए जांच जारी रखने के आदेश दिए हैं।

ये हैं लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपी
आशीष मिश्र ‘मोनू’, लवकुश, आशीष पांडे, शेखर भारती, अंकित दास, लतीफ उर्फ काले, शिशुपाल, नंदन सिंह बिष्ट, सत्यम त्रिपाठी, सुमित जायसवाल, धर्मेंद्र बंजारा, रिंकू राना और उल्लास उर्फ मोहित।

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