रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव का एक्शन: वंदे भारत एक्स. की रिव्यू मीटिंग में बिना तैयारी पहुंचे अफसर, एक को छुट्टी पर भेजा, दूसरे को कहा- वीआरएस के लिए अप्लाई कर दें
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- Vande Bharat Ex. The Officers Reached The Review Meeting Without Preparation, Sent One On Leave, Told The Other To Apply For VRS.
नई दिल्ली29 मिनट पहलेलेखक: शेखर घोष
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रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल मंत्रालय के अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर काफी नाराजगी जताई है।
बिना तैयारी रेलवे अधिकारियों को रेल मंत्री के मीटिंग में आना भारी पड़ा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वंदे भारत एक्सप्रेस की रिव्यू मीटिंग के दौरान अधिकारी के द्वारा वंदे भारत की जानकारी नहीं दिए जाने के बाद भरी मीटिंग में रेलवे के दो आला अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। रेल मंत्री ने वंदे भारत एक्सप्रेस के उत्पादन को लेकर रेल अधिकारियों की रिव्यू मीटिंग बुलाई गई थी।
रिव्यू मीटिंग में रेल मंत्री ने रेलवे के अधिकारी एमटीआर एस राहुल जैन और ईडी डायरेक्टर रैंक के अधिकारी से वंदे भारत एक्सप्रेस के उत्पादन से संबंधित जानकारी पूछी। लेकिन दोनों अफसर जानकारी नहीं दे सकेे। वंदे भारत जैसे प्रोजेक्ट के उत्पादन को लेकर लापरवाह अधिकारी को रेल मंत्री ने फटकार लगाने के बाद एमटीआरएस राहुल जैन को छुट्टी पर भेज दिया औैर मंत्रालय के एक ईडी डायरेक्टर रैंक के अधिकारी से कहा गया है कि आप वीआरएस ले लीजिए रेलवे को आपकी जरूरत नहीं है।
रेल मंत्री के रिव्यू करने के अंदाज से मंत्रालय के अधिकारी सतर्क
रेल मंत्रालय में चर्चा है कि वंदे भारत एक्सप्रेस के रिव्यू मीटिंग के बाद रेल मंत्री रेल मंत्रालय के अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर काफी नाराजगी जताई है। आने वाले दिनों में रेल मंत्रालय और रेलवे कोच फैक्टरियों और पीएसयू के भी लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है। इसके साथ सौम्य व्यवहार के लिए जाने जाने वाले रेल मंत्री के कड़क निर्णय को देखते हुए रेल मंत्रालय के अधिकारियों में हड़कंप मच गई है। अधिकारी अब मंत्री के साथ रिव्यू मीटिंग में आने के पहले पूरी तैयारी के साथ ही मीटिंग में आएंगे।
रेल मंत्रालय पर 75 महीने में 75 वंदे भारत एक्सप्रेस के उत्पादन की है जिम्मेदारी
बता दें कि रेल मंत्रालय पर 75 महीने में 75 वंदे भारत एक्सप्रेस के उत्पादन की बड़ी जिम्मेदारी है। 15 अगस्त को लाल किला के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में देश को संबंधित करते हुए कहा था कि 75 महीनों में 75 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन देश को समर्पित की जाएगी, जिसे लेकर रेल मंत्रालय काफी गंभीर है और उसी ट्रेन के प्रोडक्शन को लेकर रेल मंत्री रिव्यू कर रहे थे।
रेल मंत्रालय में मैंबर बोर्ड स्तर और बड़े स्तर के अधिकारियों के बीच बड़े स्तर पर गुटबाजी और अनियमितताएं व्याप्त हैं। इसी कारण मेक इन इंडिया वंदे भारत एक्सप्रेस का उत्पादन अधिकारी नहीं हाेने देना चाहते। वंदे भारत एक्सप्रेस में कमियां निकालने से लेकर देश को वंदे भारत एक्सप्रेस देने वाले अधिकारियों को सम्मानित करने के बजाय विजिलेंस जांच कर प्रताड़ित किया करने के मामले भी सामने आ चुके हैं। कुछ लोग चाहते हैँ कि इसका उत्पादन देश में न हो। ट्रेन सेट विदेश से आयात हो या फिर पार्ट्स का टेंडर उनकी चहेती कंपनियों को मिले।
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