रवि दहिया ने कहा-ऐसा खेल दिखाऊंगा, दुनिया हिल जाएगी: किसान के बेटे ने देश के लिए पक्का किया चौथा मेडल, अब नजरें गोल्ड पर, ओलिंपिक से पहले शादी से कर दिया था मना
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सोनीपत3 घंटे पहले
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सोनीपत के गांव नाहरी का पहलवान रवि दहिया, जो ओलिंपिक में धाक जमाए हुए है।
टोक्यो ओलिंपिक में बुधवार को हरियाणा की माटी के लाल रवि दहिया कुश्ती के 57 किलो वेट के फाइनल में जगह बना ली है। बुधवार दोपहर पौने 3 बजे कजाखस्तान के पहलवान को पटखनी देकर रवि ने देश के लिए चौथा मेडल पक्का कर लिया है, वहीं उनके खुद के गोल्ड मेडल लेकर आने की आस भी और प्रबल हो गई है। दरअसल, रवि मंगलवार को परिवार से बात करते हुए कहा था, ‘ऐसा खेल दिखाउंगा कि दुनिया देखती रह जाएगी…’। हुआ भी ऐसा ही। उन्होंने क्वालीफाइंग और क्वार्टर फाइनल में दोनों विरोधी पहलवानों को 10 से ज्यादा अंकों के अंतर से हराकर मुकाबले इकतरफा कर लिए। सेमीफाइनल को भी पूरे जोश और होश के साथ जीता। इसके बाद उनके घर पर और दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम स्थित कर्मभूमि पर जश्न का माहौल देखने को मिला। अब सबकी नजरें गोल्ड मेडल के लिए होने वाली कुश्ती पर हैं।
पिता ने झेली आर्थिक तंगी, बेटे ने उनके संघर्ष की कीमत समझी
ओलिंपिक में 57 किलोग्राम भार वर्ग में खेल रहे रवि सोनीपत जिले के नाहरी गांव से ताल्लुक रखते हैं। रवि ने यह मुकाम ऐसे ही नहीं पाया। उसके पिता राकेश दहिया किसान हैं और बेटे को यहां तक पहुंचाने के लिए उन्होंने बड़ी आर्थिक तंगी झेली हैं। रवि ने भी अपने पिता के संघर्ष की कीमत समझी और उसे व्यर्थ नहीं जाने दिया। रवि के बाद राकेश दहिया अपने छोटे बेटे पंकज को भी पहलवान बना रहे हैं। पंकज अभी जूनियर पहलवान है और वह दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम के अखाड़े में प्रैक्टिस कर रहा है।
रवि के छोटे भाई पंकज ने बताया कि टोक्यो ओलिंपिक से पहले पिताजी रवि के लिए लड़की देख रहे थे, लेकिन उसने साफ कह दिया कि ओलिंपिक से पहले शादी बिल्कुल नहीं करूंगा। परिवार अब पदक के साथ लौटने के बाद रवि की शादी पर आगे विचार-मंथन शुरू करेगा।
गांव की चौपाल में ग्रामीणों के साथ बेटे रवि दहिया की कुश्ती देखते उनके पिता राकेश दहिया।
जैसा वादा किया, वैसा ही करके दिखाया
रवि के छोटे भाई पंकज और चचेरे भाई राजू (दोनों पहलवान) ने बताया कि मंगलवार को ही रवि ने उनसे वीडियो कॉल पर बात की थी। रवि ने उसी समय कह दिया था कि ऐसा खेल दिखाऊंगा कि दुनिया देखती रह जाएगी। हुआ भी ठीक वैसा ही। रवि ने बुधवार सुबह क्वालीफाइंग मैच से अपने विजय अभियान की शुरुआत की। उसने पहले कोलंबिया के पहलवान को 13-2 से हराया और उसके कुछ देर बाद ही क्वार्टरफाइनल में बुल्गारिया के पहलवान को 14-2 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बना ली। दोपहर 2:45 बजे सेमीफाइनल में रवि का मुकाबला कजाखस्तानी पहलवान से हुआ। यहां शुरू में प्रतिद्वंद्वी पहलवान भारी पड़ता नजर आया मगर आखिरी पल में रवि ने ऐसा दाव लगाया कि विरोधी चित हो गया। रवि के फाइनल में पहुंचने के साथ ही टोक्यो ओलिंपिक में भारत का चौथा मेडल पक्का हो चुका है। हालांकि रवि की नजरें सिर्फ गोल्ड पर टिकी हैं।
छत्रसाल स्टेडियम और नाहरी में जश्न
रवि के फाइनल में पहुंचते ही दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में कुश्ती देख रहे उसके छोटे भाई पंकज और संजू ने साथी पहलवानों के साथ जश्न मनाया। संजू ने बताया कि सभी को पूरा विश्वास है-रवि फाइनल में भी जीतेगा। नाहरी गांव में भी टीवी पर कुश्ती देख रहे रवि के पिता राकेश दहिया और अन्य ग्रामीणों में जोश भर गया।
एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भी रवि ने जीता था गोल्ड
कजाखस्तान के अलमाटी में पिछले दिनों हुई एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में रवि दहिया ने एकतरफा मुकाबलों में गोल्ड मेडल जीता था। 57 किलो में रवि दहिया ने उज्बेकिस्तान के सेफरोव को 9-2 से, सेमीफाइनल में पेले के अबु रहमान को 11-0 और फाइनल में इरान के सरलक को 9-4 से हराते हुए गाेल्ड मेडल जीता।
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