मोदी का अमेरिका दौरा: वॉशिंगटन रवाना होने से पहले PM बोले- यह दौरा अमेरिका से स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप मजबूत करने का मौका होगा
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नई दिल्ली13 मिनट पहले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थोड़ी देर में अमेरिका के 5 दिन के दौरे पर रवाना होने वाले हैं। इससे पहले बयान जारी कर उन्होंने कहा है कि यह दौरा अमेरिका से स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप मजबूत करने का मौका होगा।
PM मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर और NSA अजीत डोभाल समेत एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी जाएगा। अमेरिकी दौरे पर मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन 24 सितंबर को व्हाइट हाउस में पहली बार आमने-सामने मुलाकात करेंगे।
बाइडेन ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इसके बाद उनकी मोदी से दो बार वर्चुअल मीटिंग्स हो चुकी हैं, लेकिन पहली बार फिजिकली मिलेंगे। इससे पहले मोदी 23 सितंबर को अमेरिका की वाइस प्रेसिडेंट कमला हैरिस से भी मुलाकात करेंगे। सोमवार को ही व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति बाइडेन का साप्ताहिक कार्यक्रम भी घोषित किया। इसमें प्रधानमंत्री मोदी से उनकी मुलाकात का जिक्र किया गया है।
न्यूज एजेंसी से बातचीत में व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा, ‘मोदी अमेरिका दौरे पर आ रहे हैं। हम चाहते हैं कि दोनों देशों के रिश्ते और ज्यादा मजबूत हों। बाइडेन-हैरिस एडमिनिस्ट्रेशन भारत के साथ अपनी ग्लोबल पार्टनरशिप को नए आयाम देना चाहती है। हम चाहते हैं कि हिंद और प्रशांत महासागर में आवाजाही को आसान बनाया जाए। कोविड को खत्म करने के लिए भी दोनों देश सहयोग जारी रखेंगे। क्लाइमेट चेंज और कुछ दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत होगी।’
मोदी सितंबर 2019 में आखिरी बार अमेरिकी दौरे पर गए थे। तब डोनाल्ड ट्रम्प के साथ हाउडी मोदी प्रोग्राम में हिस्सा लिया था।
मोदी की बाइडेन से फोन पर भी बातचीत होती रही
प्रधानमंत्री मोदी ने बाइडेन को 17 नवंबर 2020 को फोन किया था। इस दौरान मोदी ने बाइडेन को राष्ट्रपति चुनाव में जीत पर बधाई दी थी। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच 8 फरवरी और 26 अप्रैल को फोन पर बातचीत हुई थी। वहीं कमला हैरिस ने भी 3 जून को मोदी से फोन पर चर्चा की थी। मोदी सितंबर 2019 में आखिरी बार अमेरिकी दौरे पर गए थे। तब डोनाल्ड ट्रम्प के साथ हाउडी मोदी प्रोग्राम में हिस्सा लिया था। इसके बाद कोविड का दौर शुरू हो गया और मोदी ने इस दौरान सिर्फ मार्च में बांग्लादेश का दौरा किया था।
क्वॉड पर भी फोकस, सुरक्षा पर भी चर्चा होगी
24 सितंबर को ही बाइडेन क्वॉड देशों के राष्ट्राध्यक्षों से भी मुलाकात करेंगे। इसमें बाइडेन और मोदी के अलावा जापान के प्रधानमंत्री सुगा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन हिस्सा लेंगे। वैसे तो यह असैन्य संगठन है, लेकिन हिंद और प्रशांत महासागर में चीन की हरकतों और विस्तारवादी नीतियों को देखते हुए इन चार देशों का साथ आना काफी अहम माना जा रहा है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, क्वॉड की मीटिंग में नई टेक्नोलॉजी, सायबर सिक्योरिटी, समुद्री सुरक्षा, मानवीय सहायता और डिजास्टर मैनेजमेंट के अलावा क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दे शामिल होंगे। चीन के रवैये को लेकर किसी कारगर रणनीति पर भी विचार किया जा सकता है, क्योंकि क्वॉड देशों के लिए चीन साझा चुनौती पेश कर रहा है। इस क्षेत्र के छोटे देशों जैसे मलेशिया, फिलीपीन्स, ब्रुनेई और ताइवान के अलावा वो जापान को भी आंख दिखाने की कोशिश कर रहा है।
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