मास्क लगाए या नहीं ? इसको देखने के बाद कोई आपका चालान नहीं काट सकता है
मास्क लगाए या नहीं ? इसको देखने के बाद कोई आपका चालान नहीं काट सकता है
क्या आप मास्क लगाते है यदि लगाते है तो क्यों, क्या है इसके फायदे, और क्या है इसके नुकसान ?
47 स्टडी यानि रिसर्च कहती है कि मास्क लगाने से वायरस के प्रसार को नहीं रोका जासकता और
32 स्टडीज कहती है कि मास्क लगाने से साँस की,लंग्स की समस्याये और इस तरह की अन्य समस्याएं भी होसकती है
यदि हम सच,स्टडी और विज्ञानं के आधार पर चले तो किसी भी व्यक्ति को मास्क नहीं लगाना चाहिए |
चलिए सरकार क्या कहती है ये भी जान लेते है हेल्थ मंत्रालय ने ITR से पूछे गए एक सवाल कि “क्या मास्क लगाना जरुरी है ?” के जबाब में कहा की मास्क लगाना जरुरी नहीं है यह स्वेक्च्छिक है,
दूसरा प्रश्न पूछा गया कि क्या मास्क के पोर के छेद से वायरस छोटा है या बड़ा ? जबाब था अहुत छोटा अर्थात साइज़ पूछा तो वायरस का साइज़ मास्क के पोर के साइज़ इतना छोटा है कि 15 मास्क लगाने पर भी वह वाइरस को अंदर जाने से नहीं रोक सकता।
अब पूरी तरह पता चल जाता है कि
१-मास्क पहनने से वाइरस का प्रसार नहीं होता और नहीं रुकता
२-मास्क लगाने से बहुत सी बीमारी हो सकती है
3 -सरकार ने मास्क लगाना जरूरी नहीं किया
४-मास्क लगाना स्वेच्छिक है
तो हम सब मास्क क्यों लगा रहे है
चलो अब पता लग गया तो अब नहीं लगाएंगे
लेकिन बात सिर्फ इतनी सी नहीं है अगर आप मास्क नहीं लगाते तो कुछ लोग आपका चालान काटने के लिए घूमते रहते है. और मास्क न लगाने पर आपसे 500 -2000 तक वसूल लेते हैं और चालान न कटवाने पर आपके ऊपर कानूनी कार्यवाही करने की धमकी देते है।
ऐसे में क्या करें ?
ऐसे में सिर्फ आपकी जानकारी आपके काम आएगी। सबसे पहले अपने मूल अधिकार समझे। और आवाज उठाना सीखे।
चलिए जानते है क्या है क़ानून
नंबर एक
१-यदि आपको मास्क न लगाने पर कोई व्यक्ति रोकता है तो आप उससे वह आर्डर मांगे जिसमे यह लिखा है कि मास्क न लगाना जुर्म है अगर वह इस तरह का कोई आर्डर दिखा देते है तो उसके खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत लिखवाइए क्योकि केंद्र सरकार ने यदि कोई रूल बना दिया
तो डिजास्टर मनैजमेंट एक्ट के सेक्शन 38 और 39 के तहत कोई स्टेट अथॉरिटी या कोई भी इसके खिलाफ कोई रूल नहीं बना सकता । और ऐसा करने पर सेक्शन 51-B और 55 के अनुसार चीफ मिनिस्टर, मिनिस्टर,कलक्टर चाहे जो भी अधिकारी हो, उसको एक साल की जेल होगी।
नंबर दो
२-यदि आप कही भी जा रहे है और आपको बैगैर किसी कारण के या किसी गलत कानून की वजह से कोई भी रोकता है तो सेक्शन 341,342 के तहत उस व्यक्ति पर सजा का प्रावधान है
३- यदि वह फिर भी नहीं मानते और आपसे फाइन मांगते है तो उन्हें फाइन लेने का अधिकार नहीं है वह फाइन नहीं ले सकते। फाइन लेने का अधिकार सिर्फ कोर्ट का होता है
4 -इसके बाद भी वह नहीं मानता और आपको पुलिस स्टेशन ले जाता है या रोक कर रखता और आप पर सेक्शन 188 लगाने के लिए बोलता है तो ऐसा करने पर उन अधिकारियो पर IPC 220 के तहत कार्यवाही होगी जिसमे उसको नौकरी जाने के अलावा 7 साल की सजा भी हो सकती है ।
5 -इस सबके बाद भी यदि आप पर FIR करते है तो उसमे आप पर सेक्शन लगेंगे 188 और 269 .
अब बताते है 188 में क्या होता है सेक्शन 188 के मुताबिक कोई भी अधिकारी कम्प्लेनेंनट नहीं हो सकता इसका कम्प्लेनेंट वही अधिकारी होसकता है जिसका ये आर्डर है दूसरा ये बेलेबल धरा है और 269 सेक्शन किसी रोग का प्रसार करने पर लगता है इसमें भी ये अधिकारी इन्वेस्टीगेशन नहीं कर सकते ये सुप्रीमकोर्ट का 2020 का आर्डर है
6 -इस सबके बाद भी कोई पुलिस वाला जानकारी के आभव में या जिद बहस में FIR करके चार्जशीट लगाकर कोर्ट में दाखिल कर देता है तो
इसमें भी एक “परजुरी” मतलब झूठी गवाही का अप्लीकेशन लग सकता है इसके तहत जिसने यह झूठा केस फाइल किया है उसके खिलाफ IPC 211, 192 ,193, 220 आदि सेक्शन लगाए जा सकते है इसमें उस पुलिस अफसर को 2 प्रकार की सजा होगी, पहली जिस सजा के लिए आप पर केस किया है अर्थात 188 के तहत 6 महीने के सजा, और दूसरी
धाराये 192,193, 220 के तहत 7 साल की सजा।
इस सब प्रोसेस में डरने की जरूरत बिलकुल भी नहीं है क्युकि यह आप का अधिकार है, और यह सच है कि जुर्म करने से ज्यादा बड़ा पराध जुर्म सहन करना है,
अब आपको डर लग रहा होगा कि इसमें आपका समय और पैसा दोनों ही ख़राब होंगे तो इसका भी जबाब है, पहला आप कानून को जानेगे दूसरा इस बहाने से सही सच लोगो के सामने आने लगेगा, और तीसरा इसके बदले आप कम्पंशेसन यानी पैसे भी ले सकते है
कैसे ? देखिये इस सब में आपका समय खराब हुआ,आपको बगैर किसी अपराध के रोका गया, बगैर किसी अपराध के थाने लाया गया, आप पर झूठा केस किया गया,आपको बेल लेनी पड़ी, इन सब के बदले आपको इंटरिम अमाउंट अर्थात शुरूआती तौर पर 1 लाख से 10 लाख रुपये मिल सकते है यह जज पर डिपेंड करता है, ये तो हुआ उसी समय का कम्पनसेशन इसके अलावा निचली कोर्ट में 340 में अर्जी लगाने पर जज को अधिकार है कि वह CRPC 342 में एक से लेकर 50 करोड यानि मर्जी जितना कम्पनसेशन दिला दे। इसके अलावा पूरे ट्राईल के बाद 357-3 CRPC में कंसर्न मजिस्ट्रेट को पूरा अधिकार है कि वह आपके आपके मुताबिक 10 ,20 , 50 करोड़ का भी कम्पनसेशन दिलादे।
तो दोस्तों डरिये मत ये आपके अधिकार है इस सबके लिए क़ानून बने है, और अगर आप सही है तो कानून आपके साथ है बसर्ते आपको कानून का उपयोग करना आना चाहिए
Wearing a mask or not? After seeing this no one can do your challan
Do you apply mask, if you apply then why, what are its benefits, and what are its disadvantages?
47 studies i.e. research says that the spread of the virus cannot be stopped by wearing a mask and
32 studies say that wearing a mask can cause respiratory problems, lung problems and other such problems.
If we go on the basis of truth, study and science, then no person should wear a mask.
Let us also know what the government says, a question asked by the Health Ministry to the ITR that “Is it necessary to wear a mask?” In response to said that it is not necessary to wear a mask, it is voluntary,
The second question was asked whether the virus is smaller or bigger than the hole in the knuckle of the mask? The answer was ahut small i.e. if asked the size, then the size of the virus is so small that the size of the knuckle of the mask is so small that even after applying 15 masks, it cannot stop the virus from entering.
It is now clear that
1- Wearing the mask does not stop the spread of the virus and does not stop
Wearing a mask can cause many diseases
3-Government did not make it necessary to apply masks
4-mask is optional
So why are we all wearing masks?
Now let’s find out, then I will not put it now
But the matter is not only that if you do not apply a mask, then some people keep roaming to cut your challan. And for not applying the mask, charge you up to 500 -2000 and threaten to take legal action against you if the challan is not deducted.
So what to do?
In this case, only your information will be useful to you. First understand your basic rights. And learn to raise your voice.
Let’s know what is the law
number one
1- If a person stops you for not applying the mask, then you should ask him for an order in which it is written that it is a crime not to wear a mask, if he shows any such order, then write a complaint against him in the police station because the central government has If a rule
So under section 38 and 39 of the Disaster Management Act, no state authority or anyone can make any rule against it. And in doing so, according to section 51-B and 55, the Chief Minister, Minister, Collector, whoever is the officer, will be jailed for one year.
number two
2- If you are going anywhere and anyone stops you without any reason or because of any wrong law, then there is a provision of punishment on that person under section 341,342.
3- If he still does not agree and asks for fine from you, then he does not have the right to take the fine, he cannot take the fine. Only the court has the right to take fine.
4- Even after this he does not agree and takes you to the police station or detains you and asks you to impose section 188, then in doing so, action will be taken against those officers under IPC 220, in which he will lose his job for 7 years. There may also be a punishment.
5- Even after all this, if you file an FIR against you, then sections 188 and 269 will be imposed on you.
Now let’s tell what happens in 188, according to section 188, no officer can be a complainant, its complainant can be the same officer whose order is this, second it is unbelievable and section 269 seems to spread any disease, in this also this officer is investigating. Can’t do this, this is the Supreme Court’s order of 2020
6 – Even after all this, if a policeman files an FIR in the absence of information or in insistence debate, after filing a charge sheet, then files it in the court.
In this also a “parjuri” means the application of perjury, under this sections of IPC 211, 192, 193, 220 etc. can be imposed against the person who has filed this false case, in which the police officer will be punished for 2 types, First the punishment for which you have been booked i.e. 6 months imprisonment under 188, and second
Imprisonment of 7 years under sections 192,193, 220.
There is no need to be afraid in all this process because it is your right, and it is true that the crime is to bear a bigger crime than to commit a crime,
Now you must be afraid that both your time and money will be wasted in this, then the answer is also, first you will know the law, secondly by this excuse the true truth will start coming in front of the people, and thirdly you can take compensation i.e. money in return. Is
how ? See, your time wasted in all this, you were stopped without any crime, you were brought to the police station without any crime, you were falsely booked, you had to take bail, instead of all this you got an interim amount i.e. 1 lakh initially. 10 lakh rupees can be received from it, it depends on the judge, it happened at the same time compensation, apart from applying in 340 in the lower court, the judge has the right to give compensation from one to 50 crores i.e. as much as he wants in CrPC 342. Give. Apart from this, after the entire trial, in 357-3 CrPC, the Concern Magistrate has full authority to give compensation of 10, 20, 50 crores according to you.
So friends, don’t be afraid, it is your right, there is a law for all this, and if you are right then the law is with you, provided you should know how to use the law.