महाराष्ट्र के टॉप-कॉप हिरासत में: मुंबई के एक्स पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह एक्टॉर्शन मामले में गिरफ्तार, बिल्डर ने 15 करोड़ रुपए मांगने का आरोप लगाया
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मुंबई2 मिनट पहले
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बिल्डर की शिकायत पर 8 लोगों के ख
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह और उनके साथ 7 और लोगों को एक्सटॉर्शन यानी जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया गया है। परमबीर सिंह के खिलाफ एक बिल्डर ने 15 करोड़ रुपए मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद मरीन ड्राइव पुलिस ने मामला दर्ज किया। इस साल अप्रैल में भी अकोला के एक पुलिस इंस्पेक्टर की शिकायत पर परम बीर को एट्रॉसिटीज एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था।
मुंबई पुलिस ने बिल्डर की शिकायत के बाद गुरुवार को शहर के टॉप-काॅप को जबरन वसूली, धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र रचने के मामले में गिरफ्तार किया। बिल्डर के मुताबिक, परम बीर ने डीसीपी रैंक के पुलिस अधिकारी और चार अन्य पुलिसवालों के जरिए उससे 15 करोड़ रुपयों की मांग की।
सिंह को चुकाने हैं किराए के 24.66 लाख रुपए
परम बीर सिंह को 18 मार्च 2015 को ठाणे शहर का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया था। इससे पहले वे मुंबई में स्पेशल रिजर्व पुलिस फोर्स में एडिशनल DGP के तौर पर पोस्टेड थे। तब उन्हें मालाबार हिल में एक अपार्टमेंट दिया गया था।
ठाणे आने के बाद अन्हें पुलिस कमिश्नर का आधिकारिक निवास मिला लेकिन उन्होंने मालाबार हिल में अपार्टमेंट खाली नहीं किया। इसका किराया और पेनाल्टी मिलाकर 17 मार्च 2015 से 29 जुलाई 2018 के बीच सिंह पर 54.10 लाख रुपए की बकाया राशि तय की गई। उन्होंने 29.43 लाख रुपए अदा कर दिए हैं। 24.66 लाख रुपए अभी देने बाकी हैं।
8 लोगों के खिलाफ FIR
मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। मुंबई पुलिस के मुताबिक, FIR में आठ लोगों का नाम दर्ज किया गया है, जिसमें छह पुलिसवाले हैं। इनके अलावा दो आम नागरिकों को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया है।
सिंह ने अनिल देशमुख पर लगाया था आरोप
परम बीर सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अनिल देशमुख पर एक्सटॉर्शन कराने आरोप लगाया था। सिंह ने कहा था, देशमुख ने पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को आदेश दिए कि मंबई के होटलों, बार और अन्य एस्टैबलिशमेंट्स से हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूले जाएं।
देशमुख ने इन आरापों को सिरे से नकार दिया। लेकिन अप्रैल में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जब CBI से जांच करने को कहा तो देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बाद में सीबीआई ने इस मामले में एक केस दाखिल किया।
प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है जांच
सिंह के आरोपों के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) मनी लॉन्डरिंग केस की जांच कर रहा है। इस सिलसिले में एजेंसी ने देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया है। देशमुख ने मामले में पूछताछ के लिए ED के समन का जवाब नहीं दिया था। हाल ही में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए अपने लिए सिक्योरिटी की मांग की थी, ताकि मनी लॉन्डरिंग केस में कोई उनपर दबाव न बना सके।
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