मलेरिया रोकने के लिए प्रयोग: मादा मच्छर को बांझ बनाकर दुनियाभर में मलेरिया का खात्मा करेंगे वैज्ञानिक, रिसर्च के दौरान 560 दिन में घटी मच्छरों की संख्या

मलेरिया रोकने के लिए प्रयोग: मादा मच्छर को बांझ बनाकर दुनियाभर में मलेरिया का खात्मा करेंगे वैज्ञानिक, रिसर्च के दौरान 560 दिन में घटी मच्छरों की संख्या

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8 घंटे पहले

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मलेरिया रोकने के लिए प्रयोग: मादा मच्छर को बांझ बनाकर दुनियाभर में मलेरिया का खात्मा करेंगे वैज्ञानिक, रिसर्च के दौरान 560 दिन में घटी मच्छरों की संख्या
  • लंदन के इम्पीरियल कॉलेज और लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन की स्टडी
  • प्रयोग के लिए वैज्ञानिकों ने मच्छरों की एनाफिलीज गैम्बी प्रजाति को चुना

दुनियाभर में हर साल मलेरिया के कारण लाखों लोग दम तोड़ देते हैं। इन मौतों को कम करने और मलेरिया के मामले घटाने के लिए वैज्ञानिकों ने नया प्रयोग किया है। वैज्ञानिक मलेरिया फैलाने वाली मादा मच्छर को CRISPR जीन एडिटिंग तकनीक से बांझ (इनफर्टाइल) बना रहे हैं, ताकि मच्छरों की आबादी पर काबू किया जा सके। वैज्ञानिकों का कहना है, यह तकनीक गेम चेंजर साबित हो सकती है और इससे जानलेवा बीमारी का खात्मा किया जा सकता है।

इस पर लंदन का इम्पीरियल कॉलेज और लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन मिलकर रिसर्च कर रहा है। वैज्ञानिक पहली बार मादा मच्छरों के जीन में इस तरह के बदलाव कर रहे हैं कि वे प्रजनन लायक न रह सकें। इसके लिए वैज्ञानिकों में मच्छरों की एनाफिलीज गैम्बी प्रजाति को चुना है। यही प्रजाति सब-सहारा अफ्रीका में मलेरिया फैलाने के लिए जिम्मेदार है।

कैसे मादा मच्छरों को बनाते हैं बांझ, 3 पॉइंट्स में समझें

  • वैज्ञानिक मादा मच्छरों को इनफर्टाइल यानी बांझ बाने के लिए CRISPR जीन एडिटिंग तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस तकनीक की मदद से उस जीन में बदलाव किया जा सकता है, जिसे वैज्ञानिक बदलना चाहते हैं।
  • मलेरिया के मामले में मादा मच्छर में मौजूद डबलसेक्स जीन में बदलाव किया गया है ताकि ये प्रजनन लायक न बचें। प्रयोग के दौरान पाया गया 560 दिनों के अंदर मच्छरों की संख्या में कमी आई।
  • वैज्ञानिकों का कहना है, मच्छरदानी, कीटनाशक और वैक्सीन के साथ जीन एडिटिंग मलेरिया को खत्म करने की फास्ट तकनीक है। यह बड़ा बदलाव ला सकती है।

3500 से ज्यादा प्रजातियों में कुछ ही मच्छर मलेरिया फैलाते हैं
वैज्ञानिकों का कहना है, दुनियाभर में 3500 से ज्यादा मच्छरों की प्रजातियां हैं, लेकिन इनमें से कुछ ही मलेरिया फैलाती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में 2019 में मलेरिया के करीब 23 करोड़ मामले सामने आए। 4 लाख से ज्यादा लोगों ने दम तोड़ा। इन मौतों में सबसे ज्यादा 5 साल से कम उम्र वाले बच्चे शामिल थे। वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि कोविड के कारण 2020 में मौतों का आंकड़ा दोगुना हो सकता है।

70 साल कोशिश के बाद चीन मलेरिया से मुक्त
70 साल की लगातार कोशिशों के बाद चीन हाल ही में मलेरियामुक्त हो गया है। WHO ने इसकी घोषणा की है। 40 के दशक में हर साल चीन में मलेरिया के 3 करोड़ मामले सामने आते थे। चीन वेस्टर्न पेसिफिक रीजन का पहला देश है, जहां पिछले 4 साल में मलेरिया का एक भी मामला नहीं मिला है।

चीनी रणनीति, जिससे मलेरिया पर काबू पाया
मलेरिया से निपटने के लिए चीन ने 2012 में 1-3-7 की रणनीति लागू की। हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए टारगेट तय किए किए। रणनीति के मुताबिक, 1 दिन के अंदर मलेरिया के मामले को रिपोर्ट करना अनिवार्य किया गया। 3 दिन के अंदर इस मामले की पड़ताल करना और इससे होने वाले खतरे का पता लगाना जरूरी किया गया। वहीं, 7 दिन के अंदर इस मामले को फैलने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने की बात कही गई थी।

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