ममता का दांव: मेघालय में कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व CM मुकुल संगमा समेत पार्टी के 12 MLA तृणमूल में शामिल, दिल्ली में भी लगाया निशाना

ममता का दांव: मेघालय में कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व CM मुकुल संगमा समेत पार्टी के 12 MLA तृणमूल में शामिल, दिल्ली में भी लगाया निशाना

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इंफाल10 मिनट पहले

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ममता का दांव: मेघालय में कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व CM मुकुल संगमा समेत पार्टी के 12 MLA तृणमूल में शामिल, दिल्ली में भी लगाया निशाना

ममता बनर्जी ने मेघालय में कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। यहां पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा समेत पार्टी के 12 विधायकों ने गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। राज्य में कांग्रेस के 17 विधायक चुने गए थे। मेघालय में बिना चुनाव लड़े ही टीएमसी अब मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है। चूंकि पार्टी के दो तिहाई से ज्यादा विधायकों ने पाला बदला है। ऐसे में उन पर दलबदल कानून लागू नहीं होगा।

किस बात से नाराज थे संगमा
माना जा रहा है कि विन्सेंट एच. पाला को मेघालय प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रमुख बनाए जाने के बाद से संगमा नाराज चल रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, मुकुल संगमा ने तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी से सितंबर में मुलाकात की थी। इसके बाद ही पूर्वोत्तर के के इस राज्य में कांग्रेस को बड़ा नुकसान होने की अटकलें लगाई जा रही थीं।

दिल्ली में इन नेताओं ने थामा TMC का दामन

ममता बनर्जी 22 से 25 नवंबर तक दिल्ली दौरे पर हैं। मंगलवार को ही तीन बड़े नेताओं को ममता ने पार्टी जॉइन कराई। सबसे पहले JDU के सांसद रह चुके पवन वर्मा ने पार्टी की सदस्यता ली। इसके बाद कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद पत्नी पूनम आजाद के साथ ममता के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी के घर पहुंचे।

यहां पहले से मौजूद ममता बनर्जी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इसके चंद घंटे बाद ही हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद रह चुके अशोक तंवर भी ममता से मिले और TMC में शामिल हो गए। तंवर कभी राहुल के करीबियों में गिने जाते थे। ममता कीर्ति आजाद और अशोक तंवर के सहारे बिहार और हरियाणा में पार्टी संगठन को मजबूत करने का प्लान बना रही हैं।

ममता से मशहूर लेखक जावेद अख्तर और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के करीबी रहे सुधींद्र कुलकर्णी ने भी मंगलवार को दिल्ली में ममता बनर्जी से मुलाकात की। ये मुलाकात करीब 1 घंटे तक चली। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इनके बीच क्या चर्चा हुई। कुलकर्णी कभी अटल बिहारी वाजपेयी के सलाहकार हुआ करते थे।

वाजपेयी की तबीयत खराब होने के बाद वे लालकृष्ण आडवाणी के सलाहकार बन गए। कुलकर्णी ने ही 2009 लोकसभा चुनाव से पहले आडवाणी फॉर PM कैंपने शुरू किया था। राजनीतिक क्षेत्र में सुधींद्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर विरोधी के रूप में जाना जाता था।

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