मनीष तिवारी का हरीश रावत को करारा जवाब: पंजाब में बच्चों की तरह लड़ रहे कांग्रेस के नेता; डेली सोप बनाकर रख दिया गया

मनीष तिवारी का हरीश रावत को करारा जवाब: पंजाब में बच्चों की तरह लड़ रहे कांग्रेस के नेता; डेली सोप बनाकर रख दिया गया

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जालंधर17 मिनट पहले

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मनीष तिवारी का हरीश रावत को करारा जवाब: पंजाब में बच्चों की तरह लड़ रहे कांग्रेस के नेता; डेली सोप बनाकर रख दिया गया

पंजाब कांग्रेस में घमासान थम नहीं रहा है। अब श्री आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी ने हरीश रावत को करारा जवाब देने के बहाने पंजाब कांग्रेस पर हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता बच्चों की तरह आपस लड़ रहे हैं। पंजाब में डेली सोप बनाकर रख दिया है। तिवारी ने फिर से नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रधान बनाने पर सवाल खड़े कर दिए। रावत ने मनीष तिवारी की पंजाब को लेकर समझ पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी माने जाने वाले तिवारी ने रावत के सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रधान बनवाने के फैसले को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।

मनीष तिवारी ने कहा कि पंजाब कांग्रेस में जो अराजकता चल रही है, उन्होंने आज तक नहीं देखी। कांग्रेस हाईकमान के कहने पर भी पंजाब में यह हालात हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी एक-दूसरे के लिए ही घटिया शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह सब पिछले 5 महीने से चल रहा है। उन्होंने पंजाब कांग्रेस यानी नवजोत सिद्धू से पूछा कि क्या यह नहीं लगता कि पंजाब के लोग इस डेली सोप से परेशान हो गए होंगे। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य तो यह है कि जो लोग इसका विरोध करते थे, अब वहीं ऐसा काम करने लगे हैं।

सांसद मनीष तिवारी के ट्वीट कर उठाए सवाल

सांसद मनीष तिवारी के ट्वीट कर उठाए सवाल

सिद्धू की नियुक्ति में जजमेंट एरर, बड़े मुद्दों पर क्या कार्रवाई हुई?
तिवारी ने कहा कि कमेटी की नियुक्ति की जजमेंट में गंभीर चूक बरती गई। जिससे स्पष्ट है कि वो नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का चीफ नियुक्त करने पर सवाल खड़े कर रहे हैं। तिवारी ने यह भी पूछा कि उन मुद्दों पर क्या प्रोग्रेस है, जिन्हें लेकर विधायकों और दूसरे नेताओं ने विरोध किया था। उन्होंने पूछा कि बरगाड़ी बेअदबी, ड्रग्स, बिजली समझौते, रेत माफिया आदि के मुद्दों पर क्या कोई कार्रवाई हुई?।

तिवारी के बारे में हरीश रावत ने यह कहा था
हरीश रावत ने मनीष तिवारी को लेकर कहा था कि वो सीनियर नेता है। हालांकि पंजाब की जमीनी स्थिति को समझना चाहिए। यह सिर्फ सुरक्षा का मामला नहीं है। जब विधायक ही बगावत पर उतर आएं और सरकार के स्थायित्व को खतरा हो जाए तो भी कैप्टन अमरिंदर सिंह विधायक दल की मीटिंग बुलाने से भाग रहे थे। वह इन मुद्दों को हल करने के बारे में भी कोई कदम नहीं उठा रहे थे।

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