भास्कर EXPLAINER: हाेम आइसाेलेशन इसलिए घटा… क्योंकि बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले मरीजों में 7 दिन में असर खत्म हाे जाता है
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नई दिल्ली9 मिनट पहले
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों के होम आइसोलेशन की अवधि 14 दिन से घटाकर सात दिन कर दी है। इस बदलाव के पीछे संक्रमण की गंभीरता वजह है। हाेम आइसाेलेशन सहित अन्य मुद्दों पर पवन कुमार ने एनटागी के कोविड 19 वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन प्रो. नरेंद्र अराेड़ा और नई दिल्ली एम्स में मेडिसिन के एडिशनल प्रो. नीरज निश्चल से बात की…
होम आइसोलेशन सात दिन क्यों किया गया?
दो वर्ष की क्लीनिकल समझ और अनुभव के बाद सामने आया कि बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले मरीजों में 5 से 7 दिन के अंदर वायरस का प्रभाव खत्म हो जाता है। सातवें दिन आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव आती थी। बड़ी आबादी को नेचुरल इंफेक्शन हो चुका है। वैक्सीन की भी लगी है। ऐसे में होम आइसोलेशन का समय ज्यादा रखने की जरूरत नहीं है।
बदलाव ओमिक्रॉन वैरिएंट के लिए है या सभी कोरोना संक्रमितों के लिए?
यह हल्के और बिना लक्षण वाले सभी कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए है। वैरिएंट काेई भी हाे।
डेल्टा वैरिएंट से तो गंभीर होने का खतरा होता है?
कोई भी वैरिएंट हो, आमतौर पर 7 दिन में शरीर से वायरस खत्म हो जाता है। बीमारी खतरनाक होनी होगी तो संक्रमण के पांचवें दिन गंभीर हो जाएगी और अस्पताल में भर्ती होना होगा।
7 दिन पूरे हाेने के बाद भी क्वारेंटाइन में रहना चाहिए?
यदि लक्षण और बुखार नहीं है तो सात दिन के बाद आइसोलेशन या क्वारेंटाइन जरूरी नहीं है। छठे दिन भी यदि लक्षण खत्म हो जाए तब भी आप आठवें दिन घर से बाहर जा सकते हैं। हालांकि मास्क और सामाजिक दूरी जैसा कोविड उपयुक्त व्यवहार जारी रहेगा।
ज्यादातर देशों में होम आइसोलेशन पांच दिन का है भारत में सात दिन क्यों?
यह निर्णय भारत की स्थितियों को देख कर लिया गया है। सात दिन के बाद घर से बाहर आने के लिए आरटी-पीसीआर निगेटिव होने का अनिवार्य नहीं किया गया है लिहाजा सात दिन का समय सुरक्षित माना गया है।
हर उम्र के हल्के लक्षण वालों को होम आइसोलेशन में रहना चाहिए?
60 से अधिक उम्र वाले या ऐसे लोग जिन्हें गंभीर बीमारी है, उन्हें यदि हल्का लक्षण भी होता है तो डॉक्टर की सलाह पर ही होम आइसोलेशन में रहना चाहिए।
होम आइसोलेशन में हल्के लक्षण वाले क्या करें?
डॅक्टर के संपर्क में रहें। और ऑक्सीजन स्तर की निगरानी रखें। यदि एक घंटे के अंतर में तीन बार जांचने के बाद भी ऑक्सीजन का स्तर 93 या इससे कम है, सांस लेने में दिक्कत हो रही है और तीन दिन से लगातार बुखार 100 से ज्यादा है तो तुरंत अस्पताल में भर्ती होना चाहिए।
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