भास्कर हस्तक्षेप: बेटियों! बयानों की चिंता मत करना, सोच बड़ी रखना… खूब पढ़ो, आगे बढ़ो
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नई दिल्ली20 मिनट पहले
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केंद्रीय कैबिनेट ने लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने के विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी है। विधेयक संसद में पेश होना है। हालांकि इससे पहले ही कुछ राज्यों में विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। हरियाणा की कुछ खाप पंचायतों ने उम्र बढ़ाने का विरोध किया है। वहीं कुछ सपा सांसदों और एआईएमआईएम सांसद ने भी विधेयक को वापस लेने की मांग की है। हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस विवाद से खुद को अलग किया है।
विरोध करने वाले नेता लड़कियों की शारीरिक और मानसिक परेशानियों को नहीं समझ रहे
बच्चे को जन्म देने की उम्र में पहुंचने पर लड़की की शादी कर देनी चाहिए। यदि लड़की 18 की उम्र में मतदान कर सकती है, तो शादी क्यों नहीं? – एसटी हसन, सांसद, सपा
18 साल की लड़की बिजनेस कर सकती हैं, प्रधानमंत्री चुन सकती हैं, पर जीवनसाथी नहीं। हास्यास्पद। –असदुद्दीन ओवैसी, एआईएमआईएम
ये खाप समर्थन में
हिंदू मैरिज एक्ट में भी बदलाव हो। सरकार ऐसा बदलाव करे कि दोनों पक्षों की सहमति पर मैरिज हो, ताकि ऑनरकिलिंग जैसे मामले न आएं। – टेकराम कंडेला, सर्वजातीय खाप
सही फैसला है। छोटी उम्र में लड़कियां परिपक्व नहीं हो पातीं। शादी तलाक तक पहुंच जाती है। – बलवंतसिंह फौगाट, फौगाट खाप
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