भास्कर एनालिसिस: 11 राज्यों में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय दर से 3 गुना, हरियाणा, राजस्थान और बंगाल जैसे राज्यों में बेरोजगारी की दर ज्यादा
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27 मिनट पहलेलेखक: स्कन्द विवेक धर
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सीएमआईई की रिपोर्ट में खुलासा, मांग घटने का असर रोजगार पर।
कोरोना की दूसरी लहर में भले नेशनल लॉकडाउन न लगा हो, पर रोजगार पर बुरा असर पड़ा। जून में देश में बेरोजगारी की दर 9.17% रही। हालांकि हरियाणा, राजस्थान, प. बंगाल और बिहार जैसे 11 राज्यों में यह दर राष्ट्रीय औसत से 3 गुना तक ज्यादा है। जिन राज्यों में बेरोजगारी दर कम है, वहां बड़ा कारण मनरेगा के तहत बांटा गया ज्यादा काम है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के मुताबिक हरियाणा में बेरोजगारी दर सर्वाधिक 27.9% है। राजस्थान में दर 26.2%, बंगाल में 22.1%, बिहार में 10.5% और झारखंड में 12.8% है। बेरोजगारी दर का अर्थ यह है कि कितने लोग काम चाहते हैं और उनमें कितनों को काम नहीं मिला। गुजरात (1.8%), मप्र (2.3%), छत्तीसगढ़ (2.6%), महाराष्ट्र (4.4%) और यूपी (4.3%) में यह दर राष्ट्रीय औसत से कम है। सीएमआईई देश के 44,600 घरों का सर्वे कर हर माह बेरोजगारी दर के आंकड़े देता है।
औद्योगिकीकरण में लगभग बराबर गुजरात और हरियाणा की बेरोजगारी दर में 15 गुना के अंतर की वजह बताते हुए सीएमआईई के सीईओ महेश व्यास कहते हैं, गुजरात में बड़ी संख्या में एमएसएमई हैं, जो हरियाणा में कम हैं। एक बड़ी यूनिट बंद रहने या कम क्षमता से काम होने से हरियाणा में रोजगार घट जाता है। इसके अलावा, बेरोजगारी की दर कम होने में मनरेगा की भी भूमिका हो सकती है।
सैलरीड जॉब में लगातार आ रही कमी
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से हाल में जारी आंकड़ों के मुताबिक, संगठित रोजगार में मई में कमी देखने को मिली। सीएमआईई के सीईओ कहते हैं, मार्च 2020 के बाद से देश में लगातार सैलरीड जॉब्स घट रही हैं। जून में इसमें थोड़ा सुधार हुआ, लेकिन स्थिति गंभीर है। पिछले साल कुछ सेक्टर में “वी’ शेप रिकवरी दिखी, लेकिन संगठित रोजगार में ऐसा नजर नहीं आया।
15 राज्यों में घट गए कामगार
इस जून में 38.32 करोड़ लोगों के पास रोजगार था। यह जून 2019 से 1.70 करोड़ कम है। 27 प्रमुख राज्यों में से 15 में नियुक्त लोगों की संख्या जून 2019 की तुलना में घटी है। सर्वाधिक कमी पुड्डुचेरी (-54.41), तमिलनाडु (-30.73) और केरल (-24.62) में आई।
इसलिए बेरोजगारी: उद्योग खुले, मांग न के बराबर
- राजस्थान में करीब 17 लाख रोजगार छोटे उद्योगों में है। दूसरी लहर में बाजार बंद होने से मांग घटी तो उद्योग बंद हो गए। नौकरियां भी गईं।
- हरियाणा में 8 लाख लोग ऑटोमोबाइल सेक्टर में हैं। मांग कम होने से उद्योग पूरी गति से नहीं चल रहे। ऐसे में बेरोजगारी दर बढ़ी है।
- यूपी में दर 34.70% है, जो राष्ट्रीय औसत 39.57% से कम है। इसका कारण काम करने के इच्छुक लोगों की संख्या कम है।
- गुजरात ने 2019-20 में मनरेगा में जितने काम बांटे, उसका 87% इन साढ़े तीन माह में बांट दिया।
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