भजन सिंह टीकरी बॉर्डर से लाइव: स्टार प्रचारक बोले- 29 के बाद छोड़ दूंगा आंदोलन; पड़ाव में खाना खत्म, यूनियन का भी कोई सहयोग नहीं
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- Star Campaigner Bhajan Singh And Bablu Mirchpuria Told About Condition Of Farmers On Tikri Border Via Social Media Live
रोहतक17 मिनट पहले
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सोशल मीडिया पर लाइव अपनी बात रखते भजन सिंह।
भारतीय किसान यूनियन के स्टार प्रचारक भजन सिंह शुक्रवार शाम पहली बार टीकरी बॉर्डर पहुंचे। उन्होंने सोशल मीडिया पर लाइव होकर वहां के हालात बयां किए। उन्होंने किसान युवा नेता बबलू मिर्चपुरिया के साथ आंदोलन की बड़ी खामियों से पर्दा उठाया। यहां तक कि किसान नेताओं पर भीड़ का दुरुप्रयोग करने की भी बात कही।
टिकरी बॉर्डर स्थित सोनिया मान के टेंट पर लगा ताला दिखाते स्टार प्रचारक भजन सिंह।
लाइव के दौरान पहले बोले भजन सिंह
पहली बार टिकरी बॉर्डर पर आया हूं, इससे पहले सिंघु बॉर्डर पर जरूर गया। यहां करीब 22-23 किमी एरिया में आंदोलन का पड़ाव है। यहां के आंदोलन का पूरा भ्रमण किया, हालात बहुत खराब हैं। भूखे पेट भजन न होए गोपाला। भूखे पेट तो भगवान का नाम भी नहीं लिया जाता। भूखे पेट फौज भी जंग नहीं लड़ सकती है। यहां हालात भुखमरी के हो गए हैं। खाने को आटा नहीं बचा है। आंदोलन में सोनिया मान अपने स्वार्थ के लिए आई थीं, जो अब यहां से अपने टेंट को ताला लगाकर पंजाब लौट गईं और वहां जाकर अकाली दल जॉइन कर लिया।
किसान नेता कह रहे हैं कि आंदोलन को 2024 के चुनाव तक चलाएंगे, 2022 यूपी चुनाव तक चलाएंगे। नेताओं से अपील है कि अगर आंदोलन को इतना ही लंबा चलाना है तो खाने का उचित प्रबंध कराया जाए। लोग भूखे मर रहे हैं, इस वजह से टेंटों को ताला लगाकर अपने घर लौटने को मजबूर हो रहे हैं। भूखा आदमी तब तक ही हौसला बांध कर आंदोलन में शामिल रह सकता है, जब उसे पता हो कि आखिर उसे लड़ाई कब तक लड़नी है। मगर इस आंदोलन की कोई तय सीमा नहीं है।
टिकरी बॉर्डर स्थित एक किसान की झोपड़ी पर लगा ताला दिखाते भजन सिंह।
संसद कूच के लिए बरातियों की तरह सीमा निर्धारित
भजन सिंह ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 29 नवंबर को दिल्ली संसद कूच करने का आह्वान किया। इसमें हर बॉर्डर से 500-500 किसानों को कूच करने की बात कही गई। यह सिर्फ एक लॉलीपॉप है, जो अब बहुत हो चुका है। किसान नेताओं को कहना चाहूंगा कि अब कोई ठोस निर्णय लो। ऐसा कोई फैसला नहीं लिया तो 26 नवंबर को आंदोलन को एक साल पूरा होने के साथ इसकी श्रद्धांजलि हो जाएगी। मेरी सभी किसान आंदोलनकारियों से अपील है कि 500-500 लोगों के दिल्ली कूच करने की बजाय सभी किसान दिल्ली कूच करें। क्योंकि यह किसी राजनेता की बरात नहीं जा रही है कि इसमें गिने चुने ही आदमी होंगे। 29 नवंबर तक आंदोलन में मैं अपना पूरा सहयोग करुंगा। अगर 29 को कोई ठोस फैसला नहीं लिया तो आंदोलन से पीछे हट जाउंगा। क्योंकि हमारी यूनियन की तरफ से तो इतना भी सहयोग नहीं है कि वे हमारी गाड़ियों में तेल ही डलवा दें। खाने का राशन पहुंचा दें।
अपनी बात रखते बबलू मिर्चपुरिया।
भजन सिंह के बाद बोले बबलू मिर्चपुरिया
मिर्चपुरिया ने कहा कि जब से आंदोलन चल रहा है, तब से जगह-जगह विरोध कर रहे 700 से ज्यादा किसानों की जान जा चुकी है। कई जगहों पर राजनेताओं का विरोध कर हजारों मुकदमे दर्ज करवा चुके हैं। किसान नेताओं से कहना चाहूंगा कि हमारी लड़ाई केंद्र सरकार से है, अगर वह लड़ाई लड़ते हैं तो लड़ लें, वरना बाकी सभी लड़ाइयां भी बंद करो। अब की बार सभी किसान यूनियन, सभी जत्थेबंदियां एकजुट हो जाएं और 29 नवंबर को दिल्ली संसद कूच करें। हालात बहुत खराब हो रहे हैं। जितना हमने जगह-जगह महापंचायत कर पैसा खराब किया, उससे क्या मिला। इतना पैसा यहां बॉर्डरों पर चल रहे आंदोलन में लगाते तो शायद यहां इतने हालत खराब न होते। किसान नेताओं से अपील है कि कोई ठोस फैसला लेकर दिल्ली कूच को, भीड़ का इधर-उधर प्रयोग न करें। किसान नेताओं से बॉर्डर खुलवा दिए, वह क्यों खुलवाए हैं। सरकार पर थोड़ा-बहुत जो दबाब था, वह भी खत्म हो गया है। इसका हमने विरोध किया तो हमें भाजपाई और संघी बता दिया ।
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