बिहार में जीनोम सीक्वेंसिंग में खेल: गोपालगंज में पिछले महीने मिले थे 5 कोरोना पॉजिटिव, अब 15 से 20 दिन बाद सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए सैंपल
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पटना2 घंटे पहले
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कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भारी पड़ सकती है। दैनिक भास्कर की पड़ताल में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। विदेश से आए लोगों की पॉजिटिव रिपोर्ट के बाद भी जीनोम सीक्वेंसिंग कराने में देरी की जा रही है।
संक्रमण की पुष्टि के 15 दिन बाद सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है, जबकि सरकार भी मानती है कि 15 दिन में पॉजिटिव मरीज निगेटिव हो जाता है। गोपालगंज जिले में हुई इस लापरवाही के चलते कोरोना के नए वैरिएंट की चेन बन सकती है।
5 लोगों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे
गोपालगंज में स्वास्थ्य विभाग ने 5 लोगों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे हैं। गोपालगंज के DPM धीरज कुमार के मुताबिक, मामला पुराना है। लेकिन नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की गाइडलाइंस आते ही सावधानी के लिए सैंपल 3 दिसंबर को भेजा गया। देरी से क्यों सैंपल जांच के लिए भेजा जा रहा है, इस सवाल पर डीपीएम का कहना है कि ऐसा ओमिक्रॉन का पता लगाने के लिए किया जा रहा है।
अब आपको बताते हैं स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही के बारे में।
लापरवाही नंबर 1- तुर्की से आए युवक की जिनोम सिक्वेंसिंग में देरी
गोपालगंज में एक युवक तुर्की से आया। उसकी कोरोना जांच 6 नवंबर को कराई गई थी। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने उसमें वायरस के स्ट्रेन का पता लगाने के लिए कोई काम नहीं किया। मामला विदेश से जुड़ा था। लेकिन सैंपल 3 दिसंबर को सीक्वेंसिंग के लिए IGIMS भेजा गया है।
लापरवाही नंबर 2- विदेश से आए युवक की पत्नी की जांच में लापरवाही
तुर्की से आए युवक की पत्नी की जांच भी 6 नवंबर को कराई गई थी। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता नहीं दिखाई। जीनोम सीक्वेंसिंग को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया गया। पति-पत्नी दोनों पॉजिटिव हुए, लेकिन दोनों की जीनोम सीक्वेंसिंग को लेकर कोई काम नहीं किया गया।
लापरवाही नंबर 3- बेंगलुरु से आए युवक की जांच में लापरवाही
गोपालगंज में बेंगलुरु से एक युवक आया और उसकी जांच 18 अक्टूबर को कराई गई थी। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई, लेकिन अब 3 दिसंबर को सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है। अब सवाल यह है कि 18 अक्टूबर के बाद संबंधित युवक क्या अब भी कोविड पॉजिटिव होगा?
लापरवाही नंबर 4 – गांव का युवक नहीं गया बाहर, फिर क्यों जीनोम सीक्वेंसिंग
गोपालगंज के एक ऐसे युवक का सैंपल जीनोम सीक्वेसिंग के लिए भेजा गया है। वह गांव से बाहर कहीं नहीं गया था। संपर्क में आने के बाद पॉजिटिव हुआ था। पॉजिटिव आने के एक महीने बाद जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल भेजना बड़ा सवाल है।
स्वास्थ्य विभाग के दावे पर सवाल
स्वास्थ्य विभाग को ये भी पता नहीं है कि जिन संक्रमितों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजी गई है वह कितने लोगों के संपर्क में आए हैं। वह होम आइसोलेशन में रहे हैं या फिर अस्पताल गए कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल अधिकारियों की मनमानी से खुल रही है।
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