बिहार में जज पर थानेदार-दारोगा ने तानी पिस्टल: छेड़छाड़ के आरोपी को 6 महीने महिलाओं के कपड़े धोने की सजा देकर सुर्खियों में रह चुके हैं जज अविनाश
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मधुबनी7 घंटे पहले
बिहार के मधुबनी जिले में एक जज पर थानेदार और दरोगा ने ही पिस्टल तान दी। मामला यहीं नहीं रुका। दोनों पुलिस अधिकारियों ने जज के चैंबर में घुसकर उनके साथ गालीगलौज और मारपीट भी की। मामला झंझारपुर व्यवहार न्यायालय का है।
घोघरडीहा थाने में तैनात थानाध्यक्ष (SHO) गोपाल प्रसाद और दारोगा (SI) अभिमन्यु कुमार एक शिकायत पर चल रही सुनवाई को लेकर गुरुवार को जज अविनाश कुमार के सामने पेश हुए थे। सुनवाई के दौरान ही बहस हुई और दोनों पुलिसकर्मियों ने जज पर हमला कर दिया। फिलहाल घटना की वजह अभी तक सामने नहीं आई है।
पटना हाईकोर्ट ने DGP और SP को तलब किया
जज अविनाश कुमार के भेजे गए लेटर पर पटना हाईकोर्ट ने बिहार के चीफ सेक्रेटरी, DGP, गृह विभाग के प्रधान सचिव और मधुबनी SP को नोटिस जारी किया है। DGP को सील्ड कवर में 29 नवंबर तक स्टेटस रिपोर्ट फाइल करने को कहा है। इसी दिन मामले में हाईकोर्ट खुद सुनवाई करेगी।
आरोपी को फ्री में कपड़े धोने की शर्त पर दी थी बेल
इसी साल सितंबर में जज अविनाश कुमार ने छेड़छाड़ के आरोपी को अपने गांव की सभी महिलाओं के कपड़े धोने और प्रेस करने की शर्त पर बेल दी थी। यह सेवा आरोपी को लगातार 6 महीने तक मुफ्त में देनी है। जज ने गांव के पंच-सरपंच को इसकी मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा था। 6 महीने पूरे होने पर दोषी को मुफ्त सेवा का प्रमाण पत्र लेकर कोर्ट में जमा करने का भी आदेश दिया गया था। आरोपी 20 साल का है और पेशे से धोबी है।
जज अविनाश कुमार अपने अनोखे फैसलों से सुर्खियों में रहे हैं।
डर से कांप रहे थे जज
इस पूरी घटना पर झंझारपुर बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बलराम साह ने बताया कि हंगामा होते ही हम लोग जज के चैंबर में घुसे। हमने देखा कि SI अभिमन्यु कुमार जज अविनाश कुमार पर पिस्टल ताने हुए हैं, साथ ही गंदी-गंदी गालियां भी दे रहे हैं। इसके बाद वहां मौजूद सभी वकील और कोर्ट में रहने वाले पुलिसकर्मी आए और जज को सुरक्षित निकाला। वे डर से थर-थर कांप रहे थे।
मधुबनी SP पर कार्रवाई की मांग
घटना की जानकारी मिलते ही SP-DSP सहित अन्य अधिकारी कोर्ट पहुंचे और जज के साथ बैठकर मामले की जानकारी ली। इस मामले में झंझारपुर बार एसोसिएशन ने दोनों पुलिस अधिकारियों के साथ ही मधुबनी SP पर भी कार्रवाई की मांग की है। उन्हें इस मामले में आरोपित किए जाने की मांग की गई है। बलराम साह का कहना है कि जब तक ऐसा नहीं होता है, झंझारपुर व्यवहार न्यायालय में कामकाज स्थगित रहेगा।
हंगामे के बाद जज के केबिन के बाहर लगी भीड़।
पुलिस एसोसिएशन ने की निष्पक्ष जांच की मांग
इस प्रकरण में बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने एक बड़ी मांग कर दी है। उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच पटना हाई कोर्ट के जज से कराने की मांग कर दी है। निष्पक्ष जांच की रिपोर्ट आने पर उसमें जो कोई भी दोषी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। न्यायपालिका का हम सम्मान करते हैं। मगर, मजिस्ट्रेट को पुलिस वालों को गाली देने का हक किसी ने नहीं दिया है। उन्होंने देर से पहुंचने पर पुलिस वालों के साथ गालीगलौज किया। उनकी बेइज्जती की। जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच वाद-विवाद हुआ। इसके बाद ही मामला बढ़ गया। दोनों पक्ष अपनी-अपनी बात कह रहे हैं। इसलिए इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
झंझारपुर बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बलराम साह ने दोनों पुलिसकर्मियों और SP पर कार्रवाई की मांग की है।
झंझारपुर थाने में दर्ज हुआ केस
मामले में जज अविनाश कुमार ने DSP नेहा कुमारी के सामने अपना बयान दर्ज कराया है। बयान में उन्होंने कहा है कि दोनों पुलिस अधिकारियों ने उनसे गालीगलौज के साथ ही मारपीट की। घोघरडीहा थानाध्यक्ष (SHO) गोपाल प्रसाद ने मुझपर अपनी सर्विस पिस्टल तानी और जान से मारने की धमकी दी। उसने ऐसा ‘अपने बॉस SP साहब’ के समर्थन से करने की बात कही। फिलहाल मामले में IPC और आर्म्स एक्ट की धाराओं के अंतर्गत कांड संख्या 255/2021 दर्ज कर झंझारपुर थाने के SI अरविंद कुमार को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद देर रात दोनों पुलिस अधिकारियों को अरेस्ट कर लिया है।
दोषियों पर होगी कार्रवाई: एसपी
मधुबनी SP डॉ. सत्य प्रकाश ने बताया कि झंझारपुर न्यायालय के न्यायधीश और पुलिस कर्मियों के बीच धक्का-मुक्की का मामला सामने आया है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी भी हाल में उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
इन फैसलों से सुर्खियों में रहे जज अविनाश कुमार
- जज अविनाश कुमार ने इसी साल सितंबर में लोकहा थाने के एक मामले में अनोखा आदेश दिया था। जज ने छेड़छाड़ के आरोपी ललन कुमार साफी को 6 महीने महिलाओं के कपड़े मुफ्त में धोने और आयरन करने की शर्त पर रेगुलर बेल दी थी।
- एक अन्य मामले में शिक्षक को पहली क्लास से 5वीं तक के गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने की शर्त पर जमानत दी थी।
- जज अविनाश कुमार की कोर्ट ने भैरव स्थान थाने में दर्ज एक FIR में पॉक्सो एवं बाल विवाह अधिनियम 2006 नहीं लगाने पर केंद्र और राज्य सरकार को 14 जुलाई 2021 को एक साथ पत्र जारी किया था। इसमें मधुबनी SP, झंझारपुर DSP और भैरव स्थान थाना के अलावा व्यवहार न्यायालय के एक अधिकारी पर सवाल खड़े किए थे। उनको कानून की जानकारी नहीं होने की बात कही थी।
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