बाढ़ प्रभावित UP के 9 जिलों से ग्राउंड रिपोर्ट: चंबल और यमुना का जलस्तर बढ़ने से आगरा के 50 से ज्यादा गांव डूबे; कानपुर, वाराणसी, जालौन, मिर्जापुर और अमरोहा में भी हालात खराब

बाढ़ प्रभावित UP के 9 जिलों से ग्राउंड रिपोर्ट: चंबल और यमुना का जलस्तर बढ़ने से आगरा के 50 से ज्यादा गांव डूबे; कानपुर, वाराणसी, जालौन, मिर्जापुर और अमरोहा में भी हालात खराब

[ad_1]

आगरा/कानपुर/वाराणसी/जालौन41 मिनट पहले

उत्तर प्रदेश के 9 जिलों में अभी भी बाढ़ जैसे हालात हैं। सबसे ज्यादा आगरा, कानपुर, वाराणसी, जालौन, ललितपुर, मिर्जापुर और अमरोहा में स्थिति खराब है। आगरा में सुबह चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर पहुंच गया है। इससे 50 से ज्यादा गांव डूब गए हैं। यमुना का जलस्तर भी बढ़ गया है।

कानपुर में पांडु नदी का जलस्तर बढ़ गया है। इससे आस-पास के 150 से ज्यादा घरों में पानी भर गया है। वाराणसी में गंगा में पानी बढ़ने से कई घाट डूब गए हैं। वहीं, जालौन, ललितपुर, मिर्जापुर और अमरोहा में भी बाढ़ का खतरा बढ़ने लगा है। पढ़िए 9 जिलों से भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट…

आगरा : गांवों का संपर्क टूटा, यमुना में भी बढ़ा पानी

फोटो आगरा की है। यहां जलस्तर बढ़ने से लोगों के घरों में पानी भर गया है।

फोटो आगरा की है। यहां जलस्तर बढ़ने से लोगों के घरों में पानी भर गया है।

सुबह चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर पहुंच गया है और कई गांवों में पानी भर जाने के कारण तहसील से संपर्क टूट गया है। इसके साथ ही मथुरा के गोकुल बैराज से 42 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना भी लबालब हो गयी है। प्रशासन ने दयालबाग क्षेत्र में यमुना के निकट रहने वाले लोगों को अलर्ट जारी किया है। यहां पर मुनादी कराई गई है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए एक दर्जन से अधिक गांवों की बिजली काट दी गयी है।

800 बीघा से ज्यादा फसल जलमग्न होकर खराब हो चुकी है। गांवों में पानी भरने के कारण लोग सुरक्षित स्थान की तरफ पलायन कर रहे हैं। मथुरा के गोकुल बैराज से कल 42 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। आज और पानी छोड़े जाने की संभावना है। इससे यमुना का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है। यमुना के लो फ्लड एरिया में पानी भर गया है। यमुना के सटे दयालबाग क्षेत्र के गांवों को अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने यहां पर मुनादी भी करवाई है।

वाराणसी : पानी घटा, लेकिन घाट अभी भी डूबे

वाराणसी के घाटों पर भर गया है। किनारे लोग पिकनिक मनाने पहुंच रहे हैं।

वाराणसी के घाटों पर भर गया है। किनारे लोग पिकनिक मनाने पहुंच रहे हैं।

​​​​काशी में उफनाई गंगा का वेग कुछ कम हुआ है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार मंगलवार की रात से गंगा के जलस्तर में 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घटाव हो रहा है। बुधवार की सुबह 10 बजे वाराणसी में गंगा का जलस्तर 67.45 मीटर दर्ज किया गया जो चेतावनी बिंदु से 2.81 मीटर नीचे था। इससे पहले मंगलवार को गंगा का जलस्तर 67.59 मीटर था। गौरतलब है कि वाराणसी में गंगा का चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर है और खतरे का निशान बिंदु 71.262 मीटर है।

गंगा में आई बाढ़ के कारण मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट पर ऊंचे स्थान पर शवदाह हो रहा है। इसी तरह से दशाश्वमेध घाट पर होनी वाली आरती भी गंगा सेवा निधि के कार्यालय की छत पर हो रही है। जल पुलिस लगातार गश्त कर रही है।
कानपुर : गंगा और पांडु नदी का बढ़ा जलस्तर, बाढ़ का खतरा

पांडु नदी के किनारे रह रहे लोगों के घरों में पानी भर गया है।

पांडु नदी के किनारे रह रहे लोगों के घरों में पानी भर गया है।

कानपुर के गंगा किनारे बाढ़ का खतरा बना हुआ है। गंगा का जलस्तर बैराज के अपस्ट्रीम में चेतावनी बिंदु 113 मीटर तक पहुंच गया है। इसको देखते हुए प्रशासन ने सतर्कता और बढ़ा दी है। बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं। वहीं पांडु नदी का जलस्तर बढ़ने से करीब 100 से ज्यादा घर तक पानी भर गया है। पनकी के कई गांवों में पानी भर गया है। इससे आना-जाना भी बेहद मुश्किल हो गया है। बर्रा-8, मेहरबान सिंह का पुरवा, वरुण विहार इलाके की कच्ची बस्ती में पानी भर गया है। लोग घर छोड़कर सड़कों पर रात बिता रहे हैं।

प्रयागराज : गंगा में जलस्तर कम हुआ

संगम किनारे से पंडा लोगों ने अपना सामान हटा दिया है।

संगम किनारे से पंडा लोगों ने अपना सामान हटा दिया है।

प्रयागराज में गंगा के जलस्तर बढ़ने की गति धीमी हो गई है। बुधवार को सुबह 8:00 बजे तक बाढ़ नियंत्रण खंड कंट्रोल रूम के मुताबिक फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 80.24 मीटर, छतनाग में 79.19 मीटर और नैनी में यमुना का जलस्तर 79.84 मीटर रिकॉर्ड किया गया है। खतरे का निशान 84.73 मीटर पर है। कंट्रोल रूम के मुताबिक पहले जो 5 से 10 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा था। उसमें आधे से एक सेंटीमीटर की गति धीमी हुई है। जबकि यमुना का जलस्तर अभी स्थिर बना हुआ है।

जालौन: खतरे के निशान पर पहुंचा यमुना का जलस्तर

जालौन में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है।

जालौन में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है।

जालौन में यमुना नदी किनारे बसे कालपी में तेजी से पानी बढ़ रहा है। यहां 20 से 25 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यमुना में तेजी देखने को मिल रही है। यह जलस्तर कोटा बैराज से चंबल में छोड़े गए पानी और सिंध नदी में आई बाढ़ के कारण बढ़ रहा है। खतरे का निशान 108 मीटर है लेकिन पानी 107।78 मीटर पर पहुंच गया है। वहीं जालौन के उरई में लगातार बारिश से जलभराव की स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि दर्जनों गांव का संपर्क वहां से टूट गया है।

ललितपुर: मकान गिर गए, सड़क धंस गयी

ललितपुर में भारी बारिश के चलते मकान गिर गए।

ललितपुर में भारी बारिश के चलते मकान गिर गए।

जिले में चार दिन से लगातार हुई बारिश के बाद नजारा बदला बदला आ रहा हैं। थोड़ी ही बरसात में ललितपुर में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बारिश में कई लोगों के पक्के मकान गिर गए तो वहीं सड़के गढ्ढों में धंस गई हैं। जिसकी वजह से जगह जगह लोगों को परेशानी हो रही है।

अमरोहा: आपदा से हो रही है आमदनी

गांवों और खेतों में पानी भर गया है।

गांवों और खेतों में पानी भर गया है।

यहां गंगा में बाढ़ आने की वजह से नदी किनारे बने अंतिम संस्कार घाट भी पूरी तरह से जलमग्न हो गए। रास्तों में भी कई-कई फिट पानी है। ऐसे में अंतिम संस्कार को पहुंचने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव के कुछ लोगों ने ही जलमग्न रास्ते से शव यात्रा निकालने के लिए टैक्टर-ट्राली लगाकर प्रति चक्कर 500 रुपए लेने लगे हैं। यह लोग जो श्मशान घाट पानी से नहीं घिरा है वहां पहुंचाते हैं।

मिर्जापुर: गंगा खतरे के निशान से नीचे, अलर्ट जारी

मिर्जापुर में गंगा खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन अभी हालात ठीक नहीं हैं।

मिर्जापुर में गंगा खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन अभी हालात ठीक नहीं हैं।

गंगा का जल स्तर बढ़ने से गंगा किनारे बसे लोगो की मुसीबत बढ़ सकती हैं। गंगा खतरे के निशान 77।724 मीटर से गंगा करीब 4।427 मीटर नीचे हैं। हालांकि, नदी में उफान है। एडीएम वित्त यूपी सिंह ने बताया कि जिले के दो तहसील में बसे 493 गांव बाढ़ से प्रभावित होते है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए 37 बाढ़ चौकियों को सतर्क रहने की हिदायत देते हुए विभीषिका से निपटने की तैयारी कर ली गई हैं।

सहारनपुर : हथिनी कुंड बैराज का पानी घटा
जिले में हथिनी कुंड बैराज का पानी उतर गया है। इससे आस-पास रह रहे लोगों ने राहत की सांस ली है, हालांकि अभी भी यहां पर धारा 144 लागू है। प्रशासन ने सभी को अलर्ट रहने को कहा है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Published By:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *